यमुना में बह गया नहाने गया 12 वर्षीय बच्चा, अब तक नहीं लग पाया सुराग
लालुपुरा यमुना नदी के घाट पर अराईपुरा का 12 वर्षीय बच्चा यमुना में डूब गया जिसका तमाम प्रयासों के बावजूद कोई सुराग नहीं लगा। वह अपने साथियों के साथ यमुना पर नहाने के लिए गया था
घरौंडा/करनाल, जेएनएन। करनाल में एक ही दिन में डूबने से तीन बच्चों की मौत हो गई। दो सगे भाई तो एक जगह 12 साल का बच्चा यमुना में डूब गया। लालुपुरा यमुना नदी के घाट पर अराईपुरा का 12 वर्षीय बच्चा यमुना में डूब गया, जिसका तमाम प्रयासों के बावजूद कोई सुराग नहीं लग पाया। वह अपने साथियों के साथ यमुना पर नहाने के लिए गया था।
घटना की सूचना गांव में आग की तरह फैल गई और देखते ही देखते मौके पर काफी ग्रामीण एकत्रित हो गए। ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन को सूचना दी। जिसके बाद तहसीलदार व पुलिस थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे और बच्चे की तलाश शुरू कर दी। विधायक हरविंद्र कल्याण ने भी तुरंत मौके पर पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया और अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए।
अराईपुरा गांव का रहने वाला 12 वर्षीय मोनू बुधवार को अपने तीन साथियों के साथ लालुपुरा घाट पर यमुना में नहाने के लिए गया था। नहाते वक्त मोनू अचानक यमुना में डूब गया। उसके साथियों ने यहां वहां तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं लगा। घटना की सूचना स्थानीय प्रशासन को दी गई। तहसीलदार रमेश अरोडा, थाना प्रभारी मनोज कुमार पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंच गए।
इसी बीच विधायक हरविंद्र कल्याण भी तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गए। गोताखोरों की टीम को मौके पर बुलाया गया और तलाश शुरू की गई। विधायक कल्याण ने तहसीलदार व थाना प्रभारी से स्थिति की जानकारी ली। विधायक ने अधिकारियों को निर्देश जारी किए कि बच्चे की तलाश में किसी भी तरह की ढिलाई न बरती जाए। उन्होंने मोनू के स्वजनों को आश्वस्त किया कि शासन व प्रशासन उनके साथ है और उसकी तलाश के लिए हरसंभव कार्य किया जाएगा।
आग से झुलसे पति-पत्नी ने उपचार के दौरान तोड़ा दम
करनाल : एक सप्ताह पहले घर में अचानक लगी आग से झुलसे पति-पत्नी ने दम तोड़ दिया है। पुलिस ने दंपती के शव पोस्टमार्टम कराने के बाद स्वजनों को सौंप दिए। घटना को लेकर स्वजनों की ओर से किसी प्रकार की कोई आशंका नहीं जताई गई, जिसके चलते पुलिस ने भी सामान्य कार्रवाई की है।
पुलिस के मुताबिक, सेक्टर चार वासी करीब 55 वर्षीय सुखपाल व उनकी पत्नी करीब 52 वर्षीय सुनीता हर रोज की तरह एक सप्ताह पहले घर के एक कमरे में सोए हुए थे। बेटा अमित भी दूसरे कमरे में सोया हुआ था। सुबह करीब साढ़े तीन बजे अचानक ही दंपती के कमरे में आग लग गई और वे उसकी चपेट में आ गए। आग के धुएं के चलते अमित की भी नींद खुली तो उन्होंने मुश्किल से माता-पिता को बाहर निकाला तो वहीं फायर ब्रिगेड केंद्र पर भी सूचना दी।
आखिरकार, आग पर काबू पा लिया गया जबकि दोनों को निजी अस्पताल में दाखिल कराया गया। जहां उपचार के दौरान दोनों ने दम तोड़ दिया। मृतक सुखलाल एनडीआरआइ में कार्यरत बताए जा रहे हैं जबकि उनकी पत्नी सुनीता गृहिणी थीं। वहीं जांच अधिकारी रोहताश ङ्क्षसह ने बताया कि आग लगने के पीछे शार्ट सर्किट होने की आशंका जताई जा रही है जबकि इस घटना को लेकर किसी प्रकार की आशंका स्वजनों द्वारा नहीं जताई गई है, जिसके चलते सामान्य कार्रवाई करते हुए पोस्टमार्टम के बाद दोनों शव स्वजनों को सौंप दिए गए हैं।