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तालाब के पास खेलते समय हादसा, 12 और 10 साल के दो सगे भाई डूबे, मौत

करनाल के निसिंग में तालाब के पास खेलते समय दो भाई डूब गए। दोनों की मौत हो गई। इससे गांव में कोहराम मच गया।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 03 Jun 2020 08:42 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jun 2020 08:42 PM (IST)
तालाब के पास खेलते समय हादसा, 12 और 10 साल के दो सगे भाई डूबे, मौत
तालाब के पास खेलते समय हादसा, 12 और 10 साल के दो सगे भाई डूबे, मौत

पानीपत/करनाल, जेएनएन। करनाल के निसिंग कस्‍बे के गांव काछवा में तालाब पर खेल रहे दो सगे भाइयों की पानी से भरे गड्ढे में डूबने से मौत हो गई। घटना का पता तब चला, जब साथ में खेल रहे बच्चों ने पांव फिसलकर दोनों भाइयों को पानी में गिरते देख इसकी सूचना स्वजनों को दी। यह सुनते ही उनकी मां सोनिया दौड़कर तालाब पर पहुंची और शोर मचाया। 

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अन्य स्वजन व आसपास के लोग दौड़कर बचाव के लिए पहुंचे। मौके पर पहुंचे बच्चों के ताऊ रमेश कुमार ने उन्हें निकाला और गांव में ही एक चिकित्सक के पास उपचार के लिए ले गया। बाद में उन्हें कल्पना चावला राजकीय अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक दोनों बच्चों की मौत हो चुकी थी। 

बच्चों का घर तालाब के नजदीक ही पड़ता है। मिली जानकारी के अनुसार, डूबने वाले बच्चों में शामिल 12 वर्षीय विशाल छठी कक्षा में पढ़ता है जबकि उसका छोटा भाई 10 वर्षीय शुभम पांचवीं कक्षा का छात्र है। दोनों बच्चे राजकीय स्कूल के छात्र हैं और बेहद निर्धन परिवार से संबंध रखते हैं। उनकी करीब सात वर्षीय बहन है। पिता राजपाल मजदूरी करके परिवार का मुश्किल से गुजारा चलाते हैं। 

तालाब को मॉडल बनाने का चल रहा काम

बड़े गुरुद्वारे के सामने 14 एकड़ में फैले ग्वालसर तालाब पर बीते एक माह से सरकारी स्कीम के तहत मॉडल बनाने का कार्य चल रहा है। तालाब करीब 20 फुट गहरा है, जिसका पानी सुखाकर निर्माण कार्य शुरू किया गया था। इसी के चलते गड्ढे से निर्माण कार्य के दौरान मिट्टी उठाई गई थी औरबाद में उसमें पानी भर गया, जिसमें बच्चे डूब गए।

परिवार सदमे में, गांव में छाया मातम

दोनों भाइयों की हादसे में अचानक हुई मौत से जहां परिवार में मातम छा गया है वहीं पूरे गांव में दुख भरा माहौल है। ग्रामीण स्वजनों को सांत्वना देने के लिए जुट गए तो वहीं बच्चों की मां सोनिया व पिता राजपाल को गहरा सदमा लगा है। बिलख-बिलख कर वे बच्चों को पुकारते रहे जबकि लोग उन्हें संभालने का प्रयास करते रहे। ग्रामीणों का कहना है कि बेहद मुश्किल से मजदूरी कर राजपाल अपने परिवार का पोषण कर रहा था, लेकिन क्या पता था कि अचानक उसका परिवार इस तरह से उजड़ जाएगा। इस घटना से हर कोई सहमा हुआ है और सबके मन से बस एक ही दुआ निकल रही है कि राजपाल के परिवार को इतने बड़े वज्रपात को सहने की शक्ति मिल जाए।


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