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11 लाख की डकैती के तीन आरोपित 36 घंटे बाद दिल्ली से गिरफ्तार

पानीपत में मावा व्यापारी नरेश गुप्ता के सेक्टर-24 के मकान में पत्नी बिमलेश और मजदूर को बंधक बनाकर लूटने वाले तीन बदमाश दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिए हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 Jun 2018 09:50 AM (IST)Updated: Thu, 07 Jun 2018 09:50 AM (IST)
11 लाख की डकैती के तीन आरोपित 36 घंटे बाद दिल्ली से गिरफ्तार
11 लाख की डकैती के तीन आरोपित 36 घंटे बाद दिल्ली से गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, पानीपत : मावा व्यापारी नरेश गुप्ता के सेक्टर-24 के मकान में पत्नी बिमलेश और मजदूर को बंधक बनाकर 11 लाख की डकैती डालने के तीन बदमाशों को दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच में गिरफ्तार कर लिया। बदमाश द्वारका सेक्टर-13 के होटल रेडिशन ब्लू में जेवर बेचने जा रहे थे। उनके कब्जे से सभी जेवर बरामद कर लिए गए हैं। बदमाश सोमवार को पिस्तौल के बल पर 43 तोले सोने, 1.5 किलो चांदी और 52 हजार रुपये ले गए थे।

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आरोपितों की पहचान रणदीप राठी, सुमित राठी और मोहित मलिक के रूप में हुई है। पानीपत की सीआइए-1, 2 और चांदनी पुलिस तीनों को राहदारी रिमांड पर ले आई है। हरियाणा के दो अन्य बदमाशों की तलाश में क्राइम ब्रांच की टीमें छापेमारी कर रही है।

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शॉर्ट कट में बनना चाहते थे लखपति

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के संयुक्त आयुक्त आलोक कुमार ने बताया कि डकैती के आरोपी रणदीप राठी, सुमित राठी और मोहित मलिक पानीपत के अलग-अलग गांव के रहने वाले हैं। तीनों किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। रणदीप नागपुर के बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन में द्वितीय वर्ष का छात्र है। सुमित राठी सोनीपत के जाट कॉलेज से स्नातक है। तीनों पिछले कुछ समय से कुरुक्षेत्र के सेक्टर-30 में एक मल्टीलेवल मार्के¨टग कंपनी में एग्जिक्यूटिव के तौर पर काम कर रहे थे। इन्होंने कंपनी में काम करने वाले एक सीनियर कर्मचारी के कहने पर जल्द अमीर बनने और ऐशोआराम की ¨जदगी जीने के लिए वारदात को अंजाम दिया। कंपनी के कर्मचारी ने बदमाशों को कहा था कि शिव शंकर मावा भंडार के मालिक नरेश गुप्ता के घर में मोटी रकम और जेवरात है। 4 जून को 11:30 बजे उक्त आरोपितों ने अपने एक अन्य साथी के साथ मिलकर नरेश कुमार गुप्ता के सेक्टर 24 के घर पर धावा बोल दिया। उन्होंने गुप्ता की पत्नी बिमलेश व नौकर साईं कॉलोनी के जोगेंद्र राणा को पिस्तौल के बल पर बंधक बनाकर 52 हजार रुपये, 40 तौले सोना और 1.5 किलो चांदी के जेवर लूट लिए थे।

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जेवर बेचने जा रहे थे तभी दबोचे गए

पांच जून को दिल्ली क्राइम ब्रांच को सूचना मिली कि पानीपत में डकैती में शामिल तीन आरोपित लूटे गए जेवरात को बेचने के लिए रेडिसन ब्लू होटल सेक्टर 13 द्वारका आ रहे हैं। डीसीपी भीष्म ¨सह की टीम ने तीनों को दबोच लिया। इसके बाद पानीपत पुलिस को सूचना दी गई।

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पानीपत पुलिस संयुक्त ऑपरेशन में दिखाना चाहती थी डकैतों की गिरफ्तारी

वारदात के बाद सीआइए 1, 2, 3 और थाना चांदनी बाग की दो टीमें डकैतों की तलाश में उत्तर प्रदेश, सोनीपत, रोहतक और दिल्ली में खाक छान रही थी। डीएसपी जगदीप दूहन ने कहा कि पानीपत पुलिस डकैतों के नजदीक थी और दिल्ली क्राइम ब्रांच के संपर्क में थी। संयुक्त ऑपरेशन में डकैत पकड़े गए हैं। वहीं दिल्ली क्राइम ब्रांच का दावा है कि डकैतों को उन्होंने पकड़ा है। यह संयुक्त ऑपरेशन नहीं था। इस मामले में पानीपत पुलिस बृहस्पतिवार को प्रेसवार्ता करेगी। पुलिस डकैतों से यह भी पूछेगी कि उन्होंने भीम गौड़ा मंदिर के पास गोल्ड लोन कंपनी के कार्यालय से 4.45 करोड़ रुपये और देवी मूर्ति कॉलोनी के उद्यमी संजय चौधरी के घर से 30 लाख की डकैती तो नहीं की थी। पुलिस डकैतों को मुखबिरी देने वाले कंपनी के कर्मचारी की भी तलाश में है।

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डकैतों को मिले कड़ी सजा

घायल बिमलेश ने कहा कि बदमाशों को वह बेटा कहती रही, लेकिन उन्होंने उसके साथ मारपीट की। उन्होंने तरस नहीं खाया। अब भी हाथ में दर्द है। वह डरी हुई हैं। कानून बदमाशों को कड़ी सजा दे, ताकि भविष्य में वे किसी के साथ ऐसी वारदात न कर सकें। मजदूर जोगेंद्र राणा ने कहा कि पुलिस ने उस पर शक किया था कि वह डकैतों के साथ मिला हुआ है। उसके साथ भी डकैतों ने मारपीट की थी। वह डर की वजह से काम पर भी नहीं जा पा रहा है।


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