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अवैध पटाखा फैक्‍ट्री में पकड़े गए 11 चीनी नागरिक, बारूद देख पुलिस हैरान

पटाखा फैक्ट्री पर सीएम फ्लाइंग की रेड। चीन की तीन महिलाएं और आठ पुरुष कर रहे थे बतौर श्रमिक काम। जिला प्रशासन को चीनी मजदूरों के काम करने की जानकारी तक नहीं।

By Edited By: Published: Tue, 06 Nov 2018 12:21 AM (IST)Updated: Tue, 06 Nov 2018 04:43 PM (IST)
अवैध पटाखा फैक्‍ट्री में पकड़े गए 11 चीनी नागरिक, बारूद देख पुलिस हैरान
अवैध पटाखा फैक्‍ट्री में पकड़े गए 11 चीनी नागरिक, बारूद देख पुलिस हैरान

जेएनएन, पानीपत : अभी तक चीन से पटाखे लेकर भारत के बाजार में बेचने की खबरें आपने सुनी और पढ़ी होंगी। अब तो चीन से विशेष श्रमिक ही पटाखा फैक्ट्रियों में पहुंचने लगे हैं। ये हुआ है कुरुक्षेत्र के शाहाबाद में। यहां अवैध रूप से चल रही पटाखा फैक्‍ट्री पर जब छापा मारा गया तो वहां चीन के 11 नागरिक भी पकड़े गए। वह यहां कैसे आए, क्‍या कर रहे थे, कब से फैक्‍ट्री से जुड़े थे, पुलिस अब इसकी पूछताछ में जुट गई है। पढ़ें पूरी खबर।

सीएम फ्लाइंग को सूचना मिली थी कि शाहाबाद के गांव खरींडवा में चल रही पटाखा फैक्ट्री पूरी तरह से अवैध है। यहां  आधा दर्जन विभागों को साथ लेकर रेड की तो परतें खुलनी शुरू हुई। किसी भी विभाग से इस फैक्ट्री को न तो लाइसेंस है और न ही एनओसी। सीएम फ्लाइंग के डीएसपी सिद्धार्थ ढांडा ने इसकी पुष्टि की है।

बुद्धा मैजिक ट्रिक एंड टॉयज प्राइवेट लिमिटेड
बुद्धा मैजिक ट्रिक एंड टॉयज प्राइवेट लिमिटेड के नाम से चल रही यह फैक्ट्री किसी भी विभाग के मापदंडों पर खरा नहीं उतरती। इसी के चलते फैक्ट्री संचालक नरेंद्र गुप्ता के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है। बड़ी बात यह है कि इस फैक्ट्री में चीन के 11 श्रमिक काम कर रहे थे। इनमें तीन महिलाएं और आठ पुरुष शामिल हैं। जिला प्रशासन को इनके यहां होने की जानकारी तक नहीं थी। हालांकि उनके पास वर्क विजा और पासपोर्ट सही पाए गए हैं।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिया नोटिस
हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रिजनल आफिसर राकेश भौंसले के मुताबिक इस पटाखा फैक्ट्री के मालिक ने उनसे कोई एनओसी नहीं ली। नोटिस जारी किया गया है। 15 दिन में जवाब देने के लिए कहा गया है। इसके बाद बोर्ड अपनी कार्रवाई करेगा। उन्होंने कहा कि फैक्ट्री में गैर-कानूनी तरीके से विस्फोटक सामग्री इस्तेमाल की जा रही है।

करनाल की फैक्ट्री से जुड़े तार, जिसमें गई थी पांच लोगों की जान
माना जा रहा है कि इस पटाखा फैक्ट्री के तार करनाल की उस फैक्ट्री से भी जुड़े हुए हैं, जिसमें विस्फोट के बाद पांच लोगों की मौत हुई थी। उस हादसे के बाद हरियाणा भर में इस तरह की फैक्ट्रियों पर कार्रवाई तेज कर दी गई थी। इसी तर्ज पर सीएम उडऩ दस्ते की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इस फैक्ट्री पर छापा मारा था। इस छापे के दौरान उडऩदस्ते से सभी विभागों के अधिकारियों को फैक्ट्री में बुला लिया गया था और अगले दिन सांय तक यहां कार्रवाई चली थी। जिस दौरान पटाखा फैक्ट्री से बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद की गई थी। उडऩदस्ते न सामग्री को कब्जे में लेकर विस्फोटक सामग्री अधिनियम 1880 का उल्लंघन करने के आरोप में फैक्ट्री संचालक के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। छापामारी के दौरान फैक्ट्री संचालक किसी तरह का लाइसेंस दिखाने में असमर्थ रहा था।
kuru factory
मिली खतरनाक सामग्री
छापे के दौरान नाइट्रिक एसिड के 12 ड्रम, 40 लीटर प्रति ड्रम, थिनर एथनॉल एल्कोहल 6 ड्रम 200 लीटर प्रति ड्रम, नाइट्रिक एसिड, इसके अलावा सिल्वर व पटाखा बनाने में प्रयोग बनाने वाली विस्फोटक सामग्री बरामद की गई थी। माना जा रहा है कि इस फैक्ट्री में दीवाली के चलते बढ़ी तादाद में आतिशबाजी बनाने की कवायद चल रही थी। इसलिए यहां किसी बड़े हादसे से इंकार भी नहीं किया जा सकता था।

सीएम फ्लाइंग के डीएसपी सिद्धार्थ ढांडा से सीधी बात

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  • प्र.- खरींडवा में पटाखा फैक्ट्री पर रेड के क्या रिजल्ट निकले?
  • उ.- बुद्धा मैजिक ट्रिक एंड टॉयज प्राइवेट लिमिटेड के नाम से चल रही इस पटाखा फैक्ट्री में गैर-कानूनी तरीके से विस्फोटक सामग्री प्रयोग हो रही थी। हम हैरान हैं कि किसी भी विभाग और जिला प्रशासन से इसने लाइसेंस या एनओसी नहीं ली हुई।
  • प्र.- तो क्या इसे सील कर दिया गया है?
  • उ.- रेड में हमारे साथ प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड, सेल टैक्स, इंडस्ट्रीज एक्ट से संबंधित विभाग और केमिकल इंजीनियर भी शामिल थे। यह सभी विभाग नोटिस जारी कर रहे हैं। फैक्ट्री किसी भी मापदंड पर खरी नहीं उतरती। ऐसी फैक्ट्रियों के लिए फरीदाबाद से परमिशन लेनी होती है। यह भी नहीं ली गई।
  • प्र.- विस्फोटक सामग्री से क्या खतरा है?
  • उ.- केमिकल इंजीनियर्स के मुताबिक नाइट्रिक एसिड, सिल्वर आदि की मात्रा अनुपात में ही डालनी होती है। यह अगर ज्यादा हो जाए तो बड़े स्तर पर विस्फोट हो सकता है। किसी भी प्रकार की सुरक्षा के इंतजाम फैक्ट्री में नहीं थे।
  • प्र.- चीन के श्रमिक मिलने की बात कही जा रही है?
  • उ.- हां, चीन के 11 श्रमिक इस फैक्ट्री में काम कर रहे थे। इनमें तीन महिलाएं और आठ पुरुष थे। इनके पास पासपोर्ट और वर्क वीजा सही पाए हैं। बाकी पहलुओं की हम जांच कर रहे हैं।

डीसी को जानकारी ही नहीं
कुरुक्षेत्र में इतनी बड़ी अवैध फैक्‍ट्री चल रही थी। उसे पकड़ भी लिया गया, तब भी यहां के डीसी को चीनी श्रमिकों के मामले की कोई जानकारी ही नहीं है। जागरण ने जब उनसे बात की तो उन्‍होंने बताया कि पटाखा फैक्ट्री पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। इसमें चीन के श्रमिकों के काम करने के बारे में कोई जानकारी नहीं है। वहीं थाना प्रभारी नायब सिंह ने बताया कि मामले की जांच चल रही है। जांच में किसी नतीजे पर पहुंचने के बाद भी ही कुछ कहा जा सकता है।


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