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Border Dispute: हरियाणा-उत्तर प्रदेश सीमा विवाद सुलझाने में यमुना का तेज बहाव और गहराई बनी बाधा

Haryana-Utter Pradesh Border Dispute हरियाणा-उत्तर प्रदेश सीमा विवाद निपटाने में कहीं प्राकृतिक कारण रोड़ा बन रहा है तो कहीं प्रशासनिक कारण। फरीदाबाद में 20 और करनाल में छह पिलर लगाने से पीडब्ल्यूडी ने हाथ खड़े कर दिए हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 03 Sep 2021 06:16 PM (IST)Updated: Fri, 03 Sep 2021 06:16 PM (IST)
Border Dispute: हरियाणा-उत्तर प्रदेश सीमा विवाद सुलझाने में यमुना का तेज बहाव और गहराई बनी बाधा
हरियाणा-यूपी सीमा विवाद सुलझाने में यमुना रोड़ा।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा और उत्तर प्रदेश में यमुना नदी के साथ लगते क्षेत्रों के सीमा विवाद को निपटाने में कहीं प्राकृतिक तो कहीं प्रशासनिक कारण राेड़ा बन रहे हैं। करनाल में यमुना नदी की अत्यधिक गहराई के कारण छह पिलर लगाने से लोक निर्माण विभाग ने हाथ खड़े कर दिए हैं। इसी तरह फरीदाबाद में यमुना में तेज बहाव के कारण 20 पिलर (खंभे) लगाने से पीडब्ल्यूडी ने इंकार कर दिया है। दोनों प्रदेशों की सीमाओं का बंटवारा करती यमुना नदी के बहाव क्षेत्र में पड़ते हरियाणा के छह जिलों में यमुनानगर इकलौता जिला है जहां सीमाओं को लेकर कोई विवाद नहीं है।

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यमुना से सटे इलाकों में हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बीच पांच दशकों से सीमा विवाद चला आ रहा है। दोनों प्रदेशों की सीमाओं पर दीक्षित अवार्ड के तहत चार दशक पहले पिलर लगाए गए थे। यह अब बह चुके हैं। विधानसभा के मानसून सत्र में भी कांग्रेस विधायक धर्म सिंह छौक्कर ने यह मामला उठाया था। जवाब में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि सीमा निर्धारण के लिए भारतीय सर्वेक्षण विभाग की मदद से बाउंड्री पिलर स्थापित किए जाएंगे। निशानदेही के लिए दोनों राज्यों द्वारा सर्वेक्षण विभाग को सहमति पत्र दिए जा चुके हैं।

दुष्यंत चौटाला ने कहा कि दोनों प्रदेशों के बीच यमुना नदी का 312 किलोमीटर लंबा क्षेत्र है जिसमें दोनों राज्यों के 230 गांव सीमा विवाद में फंसे हुए हैं। इनमें हरियाणा के 102 और उत्तर प्रदेश के 132 गांव शामिल हैं जिनकी पांच हजार एकड़ भूमि पर विवाद है। हर वर्ष यमुना नदी की धारा में बदलाव होने पर यहां झगड़े आम हैं। इन झगड़ों को खत्म करने के लिए पिलर लगाए जाएंगे। पंजाब इंजीनियरिंग कालेज की ओर से 70 फीट लंबे विशेष आकार के पिलर तैयार कराए गए हैं। इन्हें 50 फीट नीचे धरती में गाड़ा जाएगा और 20 फीट ऊपर रखा जाएगा। इससे इनके तेज बहाव में बहने का खतरा कम रहेगा।

पलवल, पानीपत व सोनीपत में सबसे ज्यादा सीमा विवाद

सीमा पर ज्यादातर विवाद पलवल, पानीपत व सोनीपत में होता है। खासकर फसल कटाई के समय खींचतान इतनी बढ़ जाती है कि दोनों तरफ से फायरिंग तक भी हो जाती है। इसी के चलते भारतीय सर्वेक्षण विभाग की निशानदेही के बाद आड-ईवन आधार पर पानीपत में 423, सोनीपत में 347, पलवल में 771 बाउंड्री पिलर स्थापित किए जाएंगे। पलवल में 57 बाउंड्री पिलर पहले से हैं। आड-ईवन का मतलब यह कि एक खंबा हरियाणा तो एक खंबा उत्तर प्रदेश की ओर से लगेगा।


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