महिला ने लगाया दुष्कर्म का आरोप तो शख्स ने खुद को बताया पति, सुबूत पेश किए तो HC ने दी राहत
एक महिला ने एक शख्स पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया और केस दर्ज कराया तो राहत के लिए वह हाईकोर्ट पहुंच गया। हाईकोर्ट में उसने खुद को महिला का पति बताया। इसके बाद उसे जमानत मल गई।
चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में दुष्कर्म का अजीब मामला पहुंचा। एक महिला जेल वार्डन ने एक शख्स पर दुष्कर्म का केस दर्ज कराया तो आरोपित जमानत के लिए हाई कोर्ट पहुंचा। उसने खुद को महिला वार्डन का पति बताया और अपने खिलाफ केस दर्ज करने के लिए पुलिस पर सवाल उठाया। उसने हाई कोर्ट में महिला का पति होने के सुबूत भी पेश किए। इसके बाद उसे जमानत दे दी। उसने हाई कोर्ट में आधार कार्ड, महिला जेल वार्डन का सर्विस रिकार्ड और बैंक रिकार्ड पेश कर खुद को पति साबित करने की कोशिश की।
अदालत में आधार कार्ड, महिला का सर्विस रिकार्ड, बैंक रिकार्ड में पेश कर खुद को बताया उसका पति
बता दें कि हरियाणा की एक जेल में वार्डन पर कार्यरत महिला ने आरोपित व्यक्ति के खिलाफ दुष्कर्म की शिकायत की थी। इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया था। साेनीपत जिले के गोहाना की पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार लगाया था। इसके बाद आरोपित शख्स ने अपने वकील के माध्यम से हाई कोर्ट में जमानत की अर्जी लगाई।
आरोपित व्यक्ति ने खुद को महिला का पति बताते हुए अपने पक्ष में महिला जेल वार्डन का आधार कार्ड, सरकारी नौकरी का रिकार्ड, बैंक व अन्य कार्यक्रम की फोटो हाई कोर्ट में पेश किए। तस्वीरों में दोनों एक साथ बैठे दिख रहे है। आरोपित शख्स ने कहा कि शिकायतकर्ता उसकी पत्नी है तो दुष्कर्म का मामला कैसे दर्ज हो सकता है। इस पर पत्नी की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि इस श्ख्स ने उससे शादी नहीं की। उसने फर्जी विवाह प्रमाण पत्र बनवाया हैं, उस शादी का झांसा देकर उसका शारीरिक शोषण किया।
-जेल वार्डन पत्नी द्वारा पति के खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज करवाने का मामला
हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकारी पक्ष की तरफ से कोर्ट को कहा गया कि आरोपित व्यकित चालाक व धोखेबाज है। ऐसे में उसे जमानत नही मिलनी चाहिये। इस पर हाई कोर्ट ने कहा कि वह काफी समय से जेल में बंद है और अभी ट्रायल पूरा होता नहीं दिख रहा। ऐसे में उसे जेल में रखने का क्या फायदा। कोर्ट ने कहा कि दोनों काफी लंबे समय से लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे थे। महिला का आधार कार्ड, सरकारी नौकरी का रिकार्ड, बैंक सभी में आरोपित का नाम पति के तौर पर दर्ज है। कई कार्यक्रम की फोटो हैं जिनमें दोनों पति-पत्नी की तरह एक साथ बैठे हैं। इन सभी तथ्यों के आधार पर हाई कोर्ट ने याची को नियमित जमानत देने का आदेश दिया।
यह है मामला
जमानत की अर्जी लगाने वाला शख्स व महिला सात साल से अधिक समय से एक साथ रहे थे। बताया जाता है कि एक दिन महिला घर कीमती सामान लेकर चली गई। इस पर व्यक्ति ने उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवा दी। इसके बाद जेल वार्डन महिला ने इस शख्स के खिलाफ गोहाना पुलिस स्टेशन 7 सितंबर को दुष्कर्म का केस दर्ज करवा दिया। पुलिस ने भी कार्रवाई करते हुए पति को जेल भेज दिया।
आरोपित व्यक्ति के वकील ने कोर्ट को कहा कि एक पत्नी कैसे अपने पति पर रेप का आरोप लगा सकती है। पत्नी के सर्विस रिकार्ड, बैंक, आधार कार्ड सभी में उसके पति के तौर पर इस व्यक्ति नाम लिखा है। पति के बैंक खाते में भी पत्नी का नाम लिखा है। याची के वकील ने सभी दस्तावेज समेत याचिका कर्ता व्यकित के भतीजे के विवाह के दौरान दोनों के पति-पत्नी के तौर उसको आशीर्वाद देने की फोटो भी कोर्ट में पेश की। याची ने आरोप लगाया कि पत्नी जेल विभाग में है, इसलिए उसने अपने प्रभाव का प्रयोग कर उसके खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज करवा दिया।
इस पर हाई कोर्ट के जज ने हैरानी जताते हुए पूछा कि कैसे पुलिस ने पत्नी की शिकायत पर पति के खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज कर लिया, जब इतने सारे सबूत हैं कि वे पति-पत्नी हैं। कोर्ट ने इस संबंध में सोनीपत के एसपी को तलब करते जवाब भी मांगा था।