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हरियाणा की राजनीति पर मनोहरलाल ने कह दी बड़ी बात, खास बातचीत में खोले कई राज

हरियाणा के मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल का कहना है कि उनकी सरकार ने राज्‍य में राजनीति और विकास की दिशा तय की। उन्हाेंने खास बातचीत में कहा कि अाज दलाली व भ्रष्‍टाचार खत्‍म हो चुका है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 02 Nov 2018 11:32 AM (IST)Updated: Fri, 02 Nov 2018 01:05 PM (IST)
हरियाणा की राजनीति पर मनोहरलाल ने कह दी बड़ी बात, खास बातचीत में खोले कई राज
हरियाणा की राजनीति पर मनोहरलाल ने कह दी बड़ी बात, खास बातचीत में खोले कई राज

चंडीगढ़। पहली बार विधायक से सीधे मुख्यमंत्री बने मनोहर लाल का पहला साल सरकार को समझने में बीता और दूसरा साल योजनाएं बनाने में चला गया। तीसरे और चौथे साल में नतीजे सामने आने लगे। अब पांचवा साल सरकार की परीक्षा की घड़ी का है। हर राजनीतिक दल अपने-अपने ढंग से चुनाव की तैयारियों में जुटा हुआ है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार यह संकेत दे चुके कि हरियाणा में पार्टी का अगला चुनावी चेहरा मुख्यमंत्री मनोहर लाल ही होंगे।

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सीएम मनोहरलाल बोले- हमने तय की विकास व राजनीति की दिशा, सीएम हाऊस से दूर किए  दलाल

हरियाणा के बदले स्वरूप, सरकार के अब तक के कार्यकाल, विपक्ष के आरोप और भविष्य की योजनाओं पर दैनिक जागरण के हरियाणा ब्यूरो प्रमुख अनुराग अग्रवाल ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से खास बातचीत की। मुख्‍यमंत्री ने कहा, अपनी सरकार के अब तक के कार्यकाल में हमने राज्‍य के विकास और राजनीति की दिशा निर्धारित की। कभी सीएम हाऊस दलालों से घिरे र‍हता था। हमने इससे मुक्‍त किया और उसे दलालों से मुक्‍त किया। अाज प्रशासन और राजनीति दोनों में दलाल नजर नहीं आते। पेश हैं सीएम मनोहरलाल से बातचीत के प्रमुख अंश-

आपने बदलते हरियाणा को बहुत करीब से देखा है। तब के हरियाणा और अब के हरियाणा में क्या अंतर महसूस कर रहे हैं?

-हमने जब सत्ता संभाली थी, तभी से सोच लिया था कि राजनीतिक शुचिता और भ्रष्टाचार का खात्मा पहले एजेंडे पर होगा। इसमें हमने काफी हद तक सफलता पाई है। पिछले हरियाणा में सामाजिक मुद्दों को कतई भी तरजीह नहीं दी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच के अनुरूप हमने लोगों की खुशहाली पर जोर दिया। बिना राजनीतिक लाभ-हानि के हमारा जोर राजनीतिक शुचिता पर रहा। अब मुख्यमंत्री कार्यालय अथवा आवास पर आपको दलाल नजर नहीं आएंगे। बेटी-बचाओ बेटी पढ़ाओ, पर्यावरण संरक्षण तथा स्वच्छता ऐसे मुद्दे हैं, जिनमें हमने सामाजिक सरोकारों को अहमियत दी है।

बातचीत के दौरान सीएम मनोहरलाल।

हरियाणा में आपकी सरकार ने चार साल में कौन से ऐसे काम किए, जिन्हें लेकर आपको फख्र महसूस होता है?

-गिनाने के लिए हमारे पास कामों की लंबी फेहरिस्त है, लेकिन मेरा मानना है कि हमने सामाजिक बदलाव में सफलता हासिल की। ग्रामीण विकास के साथ-साथ शहरी विकास पर हमारा फोकस रहा। पढ़ी लिखी पंचायतें, आनलाइन ट्रांसफर पालिसी, स्मार्ट गांव, सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार पर अंकुश, ग्रामीण निकायों की मजबूती और नौकरियों में पारदर्शिता हमारी बढ़ी उपलब्धियां रही हैं। अवैध कालोनियों को नियमित कर शहरी विकास के नए आयाम स्थापित किए गए।

विपक्ष आरोप लगाता है कि आपने चार साल में एक भी वादा पूरा नहीं किया। आपकी सरकार सिर्फ घोषणाएं करने तक सीमित रही ?

- चुनाव से पहले हमने 176 वादे किए थे। विपक्ष इन्हें 150 वादे बताता है। इनमें से 160 वादे पूरे किए जा चुके हैं। बाकी वादे पांचवें साल के कार्यकाल में पूरे कर लिए जाएंगे। रही घोषणाओं की बात, हमने चार साल में 6800 घोषणाएं की हैं। पिछली सरकार के मुखिया भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 10 साल में 6500 घोषणाएं की थी। ऐसी घोषणाएं हम नहीं करते, जो पूरी न की जा सकें। हुड्डा तो जाते-जाते ऐसी घोषणाएं कर गए, जिन्हें पूरा नहीं किया जा सकता था। हमने पिछली सरकार के सारे गड्ढे भर दिए हैं। अब नतीजे जनता के सामने हैं। मैं खुद घोषणाओं के क्रियान्वयन की मानीटरिंग कर रहा हूं। 80 फीसदी काम पूरे हो चुके हैं।

भाजपा सरकार पर आरोप है कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग में नौकरियां बेची गईं?

- यह आरोप गलत है। हम दावे के साथ कह सकते हैं कि हमने मैरिट और योग्यता के आधार पर नौकरियां दी हैं। नौकरियां तो पिछली सरकारों में बिकती थी। हर क्लास की नौकरी के रेट तय थे। हमें जब भी कोई शिकायत मिली, बिना राजनीतिक नफे-नुकसान के उसका समाधान किया। नौकरियों का भ्रष्टाचार खत्म करने को हमने इंटरव्यू सिस्टम ही खत्म कर दिया। अब बिना सिफारिश के नौकरी मिलती है। हमारी सरकार अब तक करीब 25 हजार सरकारी नौकरियां दे चुकी है। 10 हजार नौकरियां हाईकोर्ट की कार्रवाई में फंसी हैं, जिनकी अड़चन दूर की जा रही है। पांचवें साल में 30 से 40 हजार नई नौकरियां देने की योजना है। लाखों सक्षम लोगों को रोजगार दिए जा चुके हैं।

बातचीत के दौरान सीएम मनोहरलाल।

 पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा आरोप लगाते हैं कि आपकी सरकार राजनीतिक दुर्भावना से काम कर रही है, जबकि अभय चौटाला कहते हैं कि आप हुड्डा के खिलाफ कार्रवाई ही नहीं करते?

- दोनों के आरोपों में कोई दम नहीं है। हमारे संज्ञान में भ्रष्टाचार के जितने भी मामले आए, उन सभी की बारी-बारी से जांच कराई गई। कानून अपना काम कर रहा है। जिसने जो भी गलत किया होगा, उसकी सजा उसे अवश्य मिलेगी। हम यह दावे से कह सकते हैं कि हमने राजनीतिक दुर्भावना से तो नहीं मगर राजनीतिक शुचिता और पवित्रता के साथ काम किए हैं। गलत किसने किया, इसके बारे में प्रदेश की जनता को सब मालूम है।

हरियाणा के लोगों को इस बात का बेहद मलाल है कि प्रदेश में तीन बार भाईचारा बिगड़ा?

- हरियाणा में कई आंदोलन ऐसे हुए, जिनमें राजनीतिक सोच और षड्यंत्र छिपा था। हमारी सरकार जाटों को आरक्षण देने के हक में थी और हमने विधानसभा में बिल पारित कर दिया। कुछ लोगों ने इस पूरे आंदोलन को भड़काया। रामपाल और डेरा प्रकरण में सरकार ने बड़ी ही सूझबूझ के साथ निर्णय लेते हुए स्थिति पर काबू पाया। यदि सरकार गुरमीत राम रहीम को डेरा सच्‍चा सौदा से बाहर नहीं निकालती तो अधिक नुकसान होता। प्रदेश सरकार के लिए हरियाणा का भाईचारा सबसे अहम रहा है। उस पर किसी को राजनीति नहीं करने दी जाएगी।

कर्मचारी आपकी सरकार से नाराज हैं?

- कर्मचारियों के लिए हमारी सरकार ने जितना किया, उतना आज तक किसी सरकार ने नहीं किया। कर्मचारियों के आंदोलन को भी कोई बाहर से हवा दे रहा है। यह हम समझते हैं। सातवें वेतन आयोग का लाभ कर्मचारियों को देने वाला हरियाणा पहला राज्य है। हमने 1 जनवरी 2016 से सातवां वेतन आयोग लागू किया है। अब कर्मचारियों का एचआरए (मकान किराया भत्ता) बढ़ाने की योजना है। इसके लिए पड़ोसी राज्यों की पाॅलिसी का आकलन किया जा रहा है। कर्मचारियों को यह बात समझनी होगी।

रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल कभी इतनी लंबी नहीं चली। आम धारणा है कि आप बंसीलाल की राह पर चलते हुए कड़ा रुख अपना रहे हैं?

- हमारे लिए प्रदेश की जनता के हित सर्वोपरि हैं। हम किराये पर बसें लेकर चलाना चाहते हैं। उसमें कर्मचारियों को कोई नुकसान नहीं है। परमिट और कंडक्टर सरकारी होगा और टिकट भी सरकारी होगी। कर्मचारियों को आशंका है कि उनकी नौकरी पर खतरा बन जाएगा, जबकि ऐसा कुछ नहीं है। हमारी सरकार जनता के हितों से खिलवाड़ होने देने के हक में नहीं है। बातचीत के लिए सरकार के दरवाजे हमेशा खुले हुए हैं।

आपके मंत्रियों में कई बार खटपट की खबरें आती रही हैं?

- हमारी सरकार में जो भी फैसला होता है, वह सर्वसम्मति से होता है। कांग्रेस पूरी तरह से धड़ों में बंट चुकी। इनेलो के बारे में मैं क्या कहूं, सबके सामने है। हमने एक टीम के रूप में सेवाभाव से काम किया है। हमारी कैबिनेट ने पूरे प्रदेश में नई राजनीतिक संस्कृति विकसित की है। हर सप्ताह मंत्री समूह की बैठक शुरू करने की परंपरा भी हमने ही शुरू की है। पिछली सरकारों में एक व्यक्ति फैसले लेता था और कैबिनेट उस पर मुहर लगाती थी। हमने इस परिपाटी को बदला है। हमारे यहां फैसले सामूहिक होते हैं। भाजपा किसी एक व्यक्ति की पार्टी नहीं है।

कैसी रहेगी टाप यानी पांचवें गियर में आपकी सरकार?

- पांचवें साल में हम नतीजे देंगे। अधूरे काम पूरे करेंगे। अधूरी योजनाओं को धरातल पर लाएंगे। वही घोषणाएं करेंगे, जिन्‍हें पूरा कर सकें। ऐसी घोषणा, जिसके लिए बजट की कमी न रहे उससे बचेंगे। आर्थिक मजबूती और रोजगार पर हमारा विशेष ध्यान होगा। केएमपी-केजीपी पर पांच नए शहर बसाने की हमारी योजना है। इसका ड्राफ्ट तैयार हो चुका है। ये पांचों शहर दिल्ली से भी बड़े होंगे। यूं कहिए कि पंचग्राम परियोजना हरियाणा की दिल्ली कहलाएगी।

विपक्ष का आरोप है कि औद्योगिक विकास और निवेश के मुद्दे पर सरकार ने निराश किया?

- पिछली सरकारों की तरह हमने जबरदस्ती जमीनें अधिग्रहीत नहीं की। सीएलयू की पावर मुख्यमंत्री अपने पास रखते आए हैं, मगर मैंने निदेशक व डीसी को यह पावर दे दी थी। राज्य में अब तकस 22 हजार 642 सूक्ष्म व लघु उद्योग तथा 182 बड़े उद्योग लग चुके हैं। इनमें करीब पौने दो लाख लोगों को रोजगार मिला है। हमारी सरकार में 485 एमओयू हुए, जिनमें साढ़े छह लाख करोड़ रुपये के निवेश के साथ करीब नौ लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।

आरोप है कि किसानों के लिए कुछ नहीं किया गया?

- शीशे के मकानों में रहने वालों को दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकने चाहिए। हमने तो पिछली सरकारों के घपलों-घोटालों की जांच कर उन्हें बंद किया है। किसानों का एक-एक दाना खरीदा जा रहा है। पिछली सरकारों का फसल मुआवजा तक हमने दिया। सारे बाजरे की खरीद पहली बार की जा रही है। किसानों के प्रति सरकार की बड़ी ही सकारात्मक सोच है।

एसवाईएल और अलग हाईकोर्ट मुद्दे पर क्या किया?

- यह राजनीतिक नहीं बल्कि कानूनी मसले हैं। एसवाईएल नहर निर्माण के काम में जितनी प्रगति हुई, वह हमारी सरकार की देन है। हमने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर जल्द सुनवाई का अनुरोध किया है। अलग हाईकोर्ट के लिए बातचीत चल रही है। हरियाणा के हित हमारे लिए सर्वोपरि हैं।

भाजपा व सरकार किस मुद्दे पर अगला चुनाव लड़ने जा रही है?

- 'हरियाणा-एक हरियाणवी-एक' की अवधारणा से हमने काम करते हुए एक समान विकास कार्य कराए। क्षेत्रवाद खत्म किया। वर्गवाद को ध्वस्त करते हुए भाईचारा कायम किया। अगले चुनाव का आधार निसंदेह समान विकास और भ्रष्टाचार रहित व्यवस्था ही होगा। हमारी सरकार किसी भी समय चुनाव के लिए तैयार है।

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मुख्‍यमंत्री ने कही ये खास बातें-

-पढ़ी लिखी पंचायतें, आनलाइन ट्रांसफर, स्मार्ट गांव, भ्रष्टाचार पर अंकुश और ग्रामीण विकास हमारी उपलब्धियां।

- पिछली सरकार के सारे गड्ढे भर दिए, अब नतीजे जनता के सामने।

- नौकरियां तो पिछली सरकारों में बिकती थी, हमने पहली बार मैरिट तय की।

- जिसने जो भी गलत किया होगा, उसकी सजा उसे अवश्य मिलेगी।

- सरकार के लिए हरियाणा का भाईचारा सबसे अहम रहा, उस पर राजनीति नहीं करने देंगे।

- हमारी कैबिनेट ने नई राजनीतिक संस्कृति विकसित की, हमारे यहां फैसले सामूहिक होते हैं।

- पिछली सरकारों की तरह हमने जबरदस्ती जमीनें अधिग्रहीत नहीं की।

- राज्य में 22 हजार 642 सूक्ष्म व लघु उद्योग तथा 182 बड़े उद्योग लगे, पौने दो लाख लोगों को रोजगार मिला।

- अगले चुनाव का आधार समान विकास और भ्रष्टाचार रहित व्यवस्था होगा


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