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पीएफ और ईएसआइ का पैसा खातों में जमा नहीं होने की विजिलेंस जांच

हरियाणा में ठेके पर सफाई कर्मियों की भर्तियां बंद होंगी। इसके अलावा पीएफ और ईएसआइ का पैसा खातों में जमा नहीं होने की विजिलेंस जांच की जा रही है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 18 May 2018 12:59 PM (IST)Updated: Sat, 19 May 2018 08:57 PM (IST)
पीएफ और ईएसआइ का पैसा खातों में जमा नहीं होने की विजिलेंस जांच
पीएफ और ईएसआइ का पैसा खातों में जमा नहीं होने की विजिलेंस जांच

जेएनएन, चंडीगढ़। नगर पालिकाओं में अब ठेके पर सफाई कर्मचारी नहीं रखे जाएंगे। सभी नियुक्तियां स्वीकृत पदों के मुताबिक पालिकाओं के रोल पर होंगी। इसके अलावा कर्मचारियों के पीएफ (भविष्य निधि) और ईएसआइ (कर्मचारी बीमा) का पैसा जमा नहीं कराने की विजिलेंस जांच कराते हुए दोषी ठेकेदारों पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही कर्मचारियों का पूरा पैसा उनके खाते में डाला जाएगा।

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मुख्यमंत्री निवास पर चली मंत्रीसमूह की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक के अहम बिंदुओं को साझा करते हुए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने बताया कि अगर कोई नगर पालिका, परिषद और नगर निगम स्वीकृत पदों की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव भेजते हैं तो उस पर विचार होगा।

इसके अलावा समान काम-समान वेतन के लिए मुख्य सचिव डीएस ढेसी की अध्यक्षता में कमेटी बनाई है जो दस दिन में रिपोर्ट देगी। रिपोर्ट आते ही समान काम-समान वेतन लागू कर दिया जाएगा। सफाई कर्मियों का मासिक भत्ता 350 से बढ़ाकर एक हजार रुपये किया गया है।

बेदी ने बताया कि फायर स्टाफ के मामलों में वर्तमान आउटसोर्स श्रेणी के तहत 1366 चालक व फायरमैन हैं। नए सेवा नियमों के अनुसार फायर आपरेटर पद के लिए बारहवीं पास होना, हैवी ड्राइविंग लाइसेंस और फायर फाइटिंग का बेसिक कोर्स जरूरी है।

फिलहाल 559 कर्मचारी यह योग्यता पूरी करते हैं और वे फायर ऑपेरटर्स के विज्ञापित 1644 पदों के लिए आवदेन करने के योग्य हैं। फिर भी शर्तों में ढील देते हुए इन पदों को पुन: विज्ञापित किया जाएगा। हैवी ड्राइविंग लाइसेंस और फायर फाइटिंग का बेसिक कोर्स सरकार कराएगी। हर कर्मचारी को अनुभव के लिए सेवा के पूरे किए गए प्रत्येक साल के लिए एक अंक दिया जाएगा।

सरसों खरीद की अवधि बढ़ाने के लिए केंद्र को चिट्ठी

राज्य मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने बताया कि मंत्रिसमूह की बैठक में कई अहम मसलों पर चर्चा हुई। सरकार ने मंडियों में बाकी बची सरसों की रिपोर्ट उपायुक्तों से मांगी है, ताकि इसकी खरीद के लिए मंजूरी दी जा सके। साथ ही केंद्र को चिट्ठी लिखकर सरसों खरीद की अवधि बढ़ाने की गुजारिश की जाएगी। खरीदी गई सरसों से सरकार पीडीएस सिस्टम के तहत गरीब परिवारों को हर महीने दो लीटर तेल 20 रुपये लीटर के हिसाब से देगी।

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग 40 हजार मीट्रिक टन सरसों की खरीद करेगा जो हैफेड को तेल निकालने के लिए दिया जाएगा। इस साल अभी तक दो लाख 27 हजार 517 मीट्रिक टन सरसों की रिकॉर्ड खरीद हुई है। 14 जिलों में 46 कंद्रों पर 4100 गांवों के 1 लाख 14 हजार 917 किसानों से यह खरीद हुई।

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