कोरोना संक्रमण काल में हरियाणा में बढ़ रहा है यूरिया का संकट
पिछले चार माह में केंद्र सरकार ने हरियाणा को आपूर्ति किए जाने वाली यूरिया में दो लाख मीट्रिक टन की कटौती की है।
चंड़ीगढ़ [बिजेंद्र बंसल़]। कोरोना संक्रमण काल में हरियाणा में यूरिया का संकट भी लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले चार माह में केंद्र सरकार ने राज्य को आपूर्ति किए जाने वाली यूरिया में दो लाख मीट्रिक टन की कटौती की है। रबी की फसल की बुआई से पहले राज्य सरकार ने इसकी भरपाई करने के लिए केंद्र सरकार से अगस्त माह के लिए 70 हजार मीट्रिक टन यूरिया अतिरिक्त मांगा है। केंद्र सरकार ने प्रत्येक राज्य के लिए यूरिया आपूर्ति का कोटा जरूरत के हिसाब से तय किया हुआ है।
राज्य को मासिक आवंटन के आधार अप्रैल, मई, जून, जुलाई माह में 2,18,893 मीट्रिक टन यूरिया कम मिला है। अगस्त माह में भी केंद्र सरकार को राज्य के कोटा के अनुरूप 1 लाख 30 हजार मीट्रिक टन यूरिया भेजनी है मगर राज्य सरकार ने रबी की फसल की बुआई के मद्देनजर दो लाख टन यूरिया की मांग की है। केंद्र सरकार भी सिर्फ स्वदेशी यूरिया का आवंटन ही कर रही है। देश में यूरिया का उत्पादन कुल खपत का 70 फीसद होता है। इसलिए केंद्र सरकार 30 फीसद यूरिया का आयात करती है। कोरोना संकट के कारण केंद्र सरकार इस बार 30 फीसद यूरिया का आयात फिलहाल नहीं कर पाई है।
जिलों में यूरिया स्टॉक के बेहतर प्रबंधन से नहीं आ रहा है किसानों पर असर
हरियाणा में यूरिया की कमी को लेकर जिलों में यूरिया स्टॉक के बेहतर प्रबंधन से अभी तक इसका किसानों पर असर नहीं पड़ रहा है। इसका कारण है कि कृषि और किसान कल्याण विभाग ने सभी जिलों में मांग और आपूर्ति के आधार पर यूरिया स्टॉक को एक जिला से दूसरे जिला में भेजा जा रहा है। यदि केंद्र सरकार से अगस्त माह के कोटे की यूरिया मांग के अनुरूप राज्य सरकार को नहीं मिली तो रबी की फसल की बुआई के दौरान किसानों के लिए खाद की किल्लत हो सकती है।