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    एक झटके में बदला पूरा सिस्टम, हरियाणा के सभी शहरी निकायों के लिए नया कानून पास; 17 गांवों की तहसीलें भी बदली

    Updated: Tue, 09 Dec 2025 09:18 AM (IST)

    हरियाणा सरकार ने शहरी निकायों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिसके तहत सभी नगर निकायों को एक ही कानून के अंतर्गत लाया गया है। इसके लिए नगरपालिका व ...और पढ़ें

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    हरियाणा में अब एक ही कानून से चलेंगे शहरी निकाय, गांवों की तहसीलें बदली (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा मंत्रिमंडल की सोमवार को हुई बैठक में छह जिलों महेंद्रगढ़-नारनौल, रेवाड़ी, यमुनानगर, फरीदाबाद, सिरसा और झज्जर के 17 गांवों को एक तहसील/सब-तहसील से दूसरी तहसील/सब तहसील में बदलने के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।

    प्रशासनिक सुधार के तहत नागरिक सेवाओं में तेजी लाने और उन्हें अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से इन 17 गांवों की तहसील व उप तहसील बदली गई है। दूसरी तरह, हरियाणा सरकार ने राज्य में शहरी शासन का नया अध्याय लिखा है।

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    इसके अंतर्गत एक ही कानून के तहत सभी नगर निकायों का एकीकरण किया गया है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में नगर पालिका विधेयक-2025 को मंजूरी दी गई है, जिसके अंतर्गत दो पुराने कानून खत्म कर अब एक समान शहरी व्यवस्था लागू होगी।

    शहरी निकाय मंत्री विपुल गोयल ने इस फैसले को शहरी विकास के लिए मील का पत्थर बताया। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बताया कि हरियाणा सरकार के इस कदम का उद्वेश्य लोगों को न केवल बेहतर सुविधाएं प्रदान करना है, बल्कि प्रशासनिक क्षमता में भी सुधार लाना है।

    इससे सुशासन के स्तर पर बेहतर तालमेल के साथ सेवाओं की डिलीवरी सुनिश्चित होगी। राज्य स्तर की पुनर्गठन कमेटी ने अलग-अलग तीन बैठकों में इन जिलों के गांवों को सब-तहसील/तहसील से दूसरी तहसील/सब-तहसील में ट्रांसफर करने की सिफारिश की थी।

    नारनौल, रेवाड़ी, यमुनानगर, फरीदाबाद, सिरसा और झज्जर जिलों के उपायुक्तों द्वारा भेजी गई रिपोर्ट में भौगोलिक दूरी और प्रशासनिक सुविधाओं को देखते हुए महेंद्रगढ़ जिले के एक गांव, रेवाड़ी के एक गांव, यमुनानगर के तीन गांव, फरीदाबाद के कुछ इलाके, सिरसा के नौ गांव और झज्जर जिले के तीन गांवों को बदलने की सिफारिश की गई थी।

    गांव तहसील/सब-तहसील - प्रस्तावित तहसील/सब-तहसील

    1. मंदोला - सतनाली - महेंद्रगढ़

    2. बरेली कलां - पाल्हावास - रेवाड़ी

    3. गुंडियाना - रादौर - सरस्वती नगर

    4. रूपोली - रादौर - सरस्वती नगर

    5. चाहरवाला - सरस्वती - नगर ब्यासपुर

    6. सेक्टर 15, 15 ए,16 ए - बड़खल - फरीदाबाद

    7. सेक्टर 21 ए, 21 बी - फरीदाबाद - बड़कल

    8. रंगा - कालांवाली - सिरसा

    9. लहंगेवाला - कालांवाली - सिरसा

    10. मट्टाड़ - कालांवाली - सिरसा

    11. अलीकान - कालांवाली - सिरसा

    12. मलिकपुरा - कालांवाली - डबवाली

    13. किंगरा - कालांवाली - डबवाली

    14. नौरंग - कालांवाली - डबवाली

    15. बनवाला - कालांवाली- डबवाली/ गौरीवाला

    16. मिठरी - कालांवाली - डबवाली

    17. बिलोचपुरा - मातनहेल - झज्जर

    18. भिंडावास - मातनहेल - झज्जर

    19. शाहजहांपुर - मातनहेल - झज्जर

    शहरी निकायों की वित्तीय स्वायत्ता होगी मजबूती

    हरियाणा में शहरी शासन को पूरी तरह नया रूप देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल बैठक में हरियाणा नगरपालिका विधेयक 2025 को मंजूरी दी गई।

    यह नया कानून अब तक लागू दो पुराने कानून हरियाणा नगरपालिका अधिनियम 1973 और हरियाणा नगर निगम अधिनियम 1994 को पूरी तरह समाप्त कर देगा।

    राज्य की 87 नगरपालिकाएं अभी दो अलग-अलग अधिनियमों के तहत चल रही हैं, जिनके कारण प्रशासनिक उलझनें, नियमों की अलग-अलग व्याख्या और सेवाओं में असमानता जैसी समस्याएं सामने आ रही थीं।

    अब पूरे राज्य में एक ही कानून लागू होने से शहरी शासन में एकरूपता और पारदर्शिता आएगी। विधेयक का मसौदा पिछले दो वर्षों में व्यापक विचार-विमर्श और केंद्र सरकार द्वारा जारी माडल नगरपालिका कानून के प्रमुख प्रविधानों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।

    इस नए कानून का उद्देश्य नगर निकायों की निर्णय क्षमता बढ़ाना, वित्तीय स्वायत्तता को मजबूत करना, प्रशासनिक अस्पष्टताओं को दूर करना और शहरी निकायों को आधुनिक जरूरतों के अनुरूप ढालना है।

    विधेयक नगर निकायों को यह अधिकार देता है कि वे सरकार द्वारा तय न्यूनतम और अधिकतम सीमा के भीतर अपने कर व शुल्क स्वयं निर्धारित कर सकें, जिससे उनकी स्वयं की आय बढ़ेगी और विकास कार्यों की गति भी। साथ ही, निकायों की क्रेडिट रेटिंग कर बाजार से ऋण लेने का मार्ग साफ होगा, जिससे बड़े शहरी प्रोजेक्टों को आर्थिक संबल मिलेगा।