अब बिना मान्यता वाले प्ले स्कूल होंगे बंद, सरकार ने अब लगाई गई बड़ी शर्त
हरियाण सरकार ने अब राज्य में प्ले स्कूलों पर शिकंजा कस दिया है। राज्य में बिना मान्यता लिए चल रहे प्ले स्कूल बंद होंगे। ऐसे स्कूलों को मान्यता हर साल रिन्यू करानी होगी।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा में बिना मान्यता लिए फर्जी तरीके से चल रहे हजारों निजी प्ले स्कूल बंद होंगे। हाईकोर्ट की सख्ती के बाद प्रदेश सरकार ने सभी प्ले स्कूलोंं को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के दायरे में ला दिया है। प्ले स्कूलों की मान्यता हर साल रिन्यू होगी और बच्चों की फीस भी सरकार निर्धारित करेगी। नियमों पर खरा नहीं उतरने वाले स्कूलों को बंद कराया जाएगा।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के दायरे में आए सभी प्ले स्कूल
महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक ने सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों को इस संबंध में लिखित आदेश दिए हैं। मौजूदा समय में कोई निर्धारित मापदंड या पॉलिसी नहीं होने के चलते शहरों में कुकुरमुत्तों की तरह प्ले स्कूल खुलते चले गए। इन स्कूलों में बाल अधिकारों की लगातार शिकायतों के बाद स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार, महामंत्री भारत भूषण बंसल और पंचकूला के अध्यक्ष सलाउद्दीन ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी।
जिला कार्यक्रम अधिकारी देंगे मान्यता, बच्चों की फीस निर्धारित करेगी सरकार
मामले में हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को फटकार लगातार हुए बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर प्ले स्कूलों के लिए गाइड लाइन बनाने के निर्देश दिए। अब सरकार ने गाइड लाइन जारी कर दी है। महिला एवं बाल विकास विभाग के सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों को इसका सख्ती से पालन करने का निर्देश है।
ऐसे मिलेगी मान्यता
प्ले स्कूल चलाने के लिए पहले जिला कार्यक्रम अधिकारी के पास आवेदन करना होगा। इसके बाद संबंधित सीडीपीओ के साथ अफसरों की टीम स्कूल का निरीक्षण करेगी और सभी मानक पूरे होने पर एक साल की मान्यता दी जाएगी। हर साल मान्यता रिन्यू करानी होगी।
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प्ले स्कूलों के लिए गाइडलाइन
-तीन से छह साल तक के बच्चे ही पढ़ाए जा सकेंगे।
-चलाने या बंद करने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग से अनुमति जरूरी।
-इनकी सूची विभाग के डिस्पले बोर्ड पर रहेगी, बच्चों की फीस तय करेगी सरकार।
-पेरेंट्स टीचर एसोसिएशन का गठन जरूरी, चार घंटे से अधिक नहीं लगेगी क्लास।
-20 बच्चों पर एक टीचर व एक केयर टेकर जरूरी।
-बच्चों के लिए रेस्ट रूम और दिव्यांग बच्चों के लिए शौचालय जरूरी, लड़के-लड़कियों के लिए होना चाहिए अलग शौचालय।
-प्ले ग्राउंड व पूरे परिसर में सीसीटीवी अनिवार्य, सुरक्षित भवन और फायर सेफ्टी प्रबंध जरूरी।
-लाइब्रेरी में आडियो-वीडियो होना चाहिए, अपडेट रखना होगा बच्चों व स्टाफ का रिकॉर्ड।
-प्ले स्कूल संचालक या प्राचार्य पर जेजे एक्ट या पोस्को एक्ट के अलावा कोई भी आपराधिक केस दर्ज न हो।
-मान्यता के लिए न्यूनतम दो अधिकारियों की कमेटी निरीक्षण करेगी।