राहुल गांधी की ट्रैक्टर यात्रा के बाद शुरू होगा हरियाणा के कांग्रेसी दिग्गजों की एकता का टेस्ट
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी हरियाणा में ट्रैक्टर यात्रा के बाद अब राज्य में पार्टी के दिग्गज नेताओं की एकता की परीक्षा होगी। इस यात्रा से पार्टी के नेताओं की खींचतान समाप्त हुई या नहीं इसका पता बरोदा सीट के उपचुनाव में चलेगा।
नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की खेती बचाओ ट्रैक्टर यात्रा के बाद अब प्रदेश के पार्टी के दिग्गज नेताओं की परीक्षा होगी। इस यात्रा से हरियाणा कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की खींचतान कितना कम हुआ और उनकी एकता का टेस्ट होगा। इसकी असली परीक्षा बरोदा विधानसभा सीट के उपचुनाव में होगी। इस सीट पर काफी समय से कांग्रेस का कब्जा रहा है, लेकिन इस बार यह आसान नजर नहीं आ रहा है।
बरोदा उपचुनाव में जीत से लेकर प्रदेश व जिला की नई टीम गठन पर रहेगा जोर
आने वाले दिनों में पहली परीक्षा प्रदेश कांग्रेस को बरोदा उपचुनाव में देनी होगी। सत्तारूढ़ दल भाजपा बरोदा उपचुनाव में अपनी जीत के लिए मौका तलाशने की जुगत में है मगर कांग्रेस इस सीट पर लगातार पांचवीं बार जीत सुनिश्चित करना चाहती है। इसके लिए पार्टी की तरफ से पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके बेटे राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा की प्रतिष्ठा भी दाव पर लगी हुई है। बरोदा उपचुनाव ही नहीं कांग्रेस के लिए प्रदेश, जिला और ब्लाक स्तर पर संगठन की टीम खड़ी करना भी बड़ी चुनौती रहेगी। राज्य में पिछले छह साल से भी ज्यादा समय से पार्टी का ब्लाक स्तर पर संगठन नहीं है।
नए प्रभारी के आने के साथ ही घरों से बाहर निकले कांग्रेसी
नए प्रभारी विवेक बंसल के राज्य में संगठन की बागडोर संभालने के साथ ही कांग्रेस कार्यकर्ता अपने घरों से बाहर निकलने शुरू हो गए हैं। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ खड़ा हुआ किसान आंदोलन मुख्यतया इस समय कांग्रेस के हाथ में है। यही कारण है कि विवेक बंसल ने ही राहुल गांधी की पंजाब यात्रा को हरियाणा में विस्तारित करवाया। राहुल के हरियाणा आगमन की तैयारियों के लिए जिस तरह राज्य के 22 जिलों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं उत्साह दिखाया, उससे प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा भी काफी उत्साहित हैं।
नए प्रभारी के आने के बाद 22 में से 19 जिलों में संगठन बनेगा सैलजा के अनुरूप
कुमारी सैलजा अभी तक जिला व ब्लाक स्तर का संगठन खड़ा करने में गुरेज कर रही थीं। इसका कारण यह भी बताया जाता है कि इससे पहले वह अपने स्तर पर संगठन को अंतिम रूप देने में हिचकिचाहट बरत रही थीं। सूत्रों की माने तो रोहतक,झज्जर और सोनीपत को छोड़कर बाकी 19 राज्यों में सैलजा अपने अनुरूप संगठन खड़ा करेंगी।