सड़कों पर घूमते लावारिस मवेशी लोगों के लिए बने आफत
जिले में लावारिस मवेशियों की तादाद सड़कों पर बढ़ने लगी है। लॉकडाउन के बाद जिस तरह लावारिस पशुओं की तादाद बढ़ रही है उससे सड़क हादसों का खतरा भी बढ़ने लगा है।
जागरण संवाददाता, पंचकूला : जिले में लावारिस मवेशियों की तादाद सड़कों पर बढ़ने लगी है। लॉकडाउन के बाद जिस तरह लावारिस पशुओं की तादाद बढ़ रही है, उससे सड़क हादसों का खतरा भी बढ़ने लगा है। सड़कों पर हर रोज सुबह शाम लावारिस पशु घूम रहे हैं। शाम को यह पशु सड़क के बीचोंबीच बैठ जाते हैं। नगर निगम ने लावारिस पशुओं को लेकर लाखों रुपये खर्च करने के दावे भी किए, लेकिन सड़कों पर इन मवेशियों को देख कर लगता है कि निगम के प्रयास जीरो हैं।
लावारिस पशु हादसों के कारण बन रहे हैं। लेकिन इन मवेशियों को सड़क से नहीं हटाया जा रहा है। जिन लोगों की पशुओं को हटाने की जिम्मेदारी है, वो लोग भी अपनी ड्यूटी निभाएं। -सुभाष निषाद, पूर्व पार्षद
सेक्टर-27 में तीन से चार महीने से लावारिस पशु बढ़े हैं। हर रोज शाम को कम से कम 20 से 30 पशुओं के अलग-अलग झुंड सड़कों पर बैठे होते हैं जो लोगों के लिए मुसीबत बन गए हैं। कुछ महीने पहले सेक्टर-26 में एक युवक की इसी कारण सड़क हादसे में मौत हो गई थी, इसके बाद भी निगम ने सुध नहीं ली।
-जसवीर सिंह गोयत, पूर्व प्रधान, आरडब्ल्यूए सेक्टर-28
अगर निगम इनकी रोकथाम या गोशाला या इन्हें पकड़ने पर पैसे खर्च कर रहा है, तो सड़कों पर लावारिस पशु कहां से आ रहे हैं। इनकी वजह से कई लोगों की जान जा चुकी है लेकिन निगम सिर्फ डॉक्यूमेंट में ही कार्रवाई करता नजर आ रहा है। सेक्टरों की एसोसिएशन निगम अधिकारियों के सामने लावारिस पशुओं का मुद्दा भी उठा चुके हैं।
-राजेश अग्रवाल, सामाजिक कार्यकर्ता पंचकूला-यमुनानगर नेशनल हाईवे पर कई जगह लावारिस पशु बैठे होते हैं। इसके अलावा मुख्य मार्गों पर भी झुंड बनाकर बैठे हैं। जब वाहन निकलते हैं तो ये पशु भागते हैं जिससे वाहन चपेट में आ जाते हैं। ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि वह लोगों की सुरक्षा के लिहाज से इन पशुओं को हटाए।
-एसपी अरोड़ा, वरिष्ठ नेता, कांग्रेस
लावारिस पशुओं की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है लावारिस पशुओं के कारण सड़क हादसे भी हो चुके हैं और कई बार यह मवेशी राहगीरों को अपना शिकार बना चुके हैं। प्रशासन से मांग है कि लावारिस पशुओं से निजात दिलाई जाए।
-संदीप गुप्ता, निवासी, सेक्टर-9
शहर में लावारिस मवेशियों को पकड़कर गोशालाओं में छोड़ा जाता है, लेकिन सभी गोशालाएं भर चुकी हैं। सुदर्शनपुर में गोशाला का निर्माण किया जा रहा है, उसके निर्माण के बाद काफी राहत मिलेगी।
-जरनैल सिंह, ईओ, नगर निगम पंचकूला