प्ले ग्राउंड बनाने के लिए नगर निगम प्रशासक ने डीसी के पाले में फैंकी गेंद
शहर में प्ले ग्राउंड्स की व्यवस्था करने के लिए नगर निगम पंचकूला के प्रशासक ने गेंद पंचकूला के उपायुक्त के पाले में फैंक दी है।
राजेश मलकानियां, पंचकूला : शहर में प्ले ग्राउंड्स की व्यवस्था करने के लिए नगर निगम पंचकूला के प्रशासक ने गेंद पंचकूला के उपायुक्त के पाले में फैंक दी है। शहर में पार्कों का रखरखाव नगर निगम करता है, लेकिन पार्कों में बच्चों को खेलने की इजाजत नहीं है और कई बार यह मामला थानों एवं अदालत तक पहुंच चुका है। हाल में सिविल जज के फैसले के बाद नगर निगम के प्रशासक राजेश जोगपाल ने एक पत्र लिखकर डीसी पंचकूला का ध्यान आकर्षित किया है। मास्टर वंश और बनाम अन्य कृष्ण बंसल, डीसी पंचकूला, कमिश्नर नगर निगम और अन्य के केस में कोर्ट ने फैसला सुनाया था। पंचकूला में पार्को को लेकर पार्क डेवलपमेंट सोसायटी बनाई गई हैं। इसके रखरखाव के लिए नगर निगम, पंचकूला के साथ एक समझौते हुआ है। इसके लिए पार्क विकास समितियों को 3 रुपये प्रति वर्ग मीटर का भुगतान किया जाता है। नगर निगम उनके माध्यम से निगम पंचकूला पार्क और अन्य सुविधाओं को उपलब्ध करवाता है। ये पार्क वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और बच्चों द्वारा देखे जाते हैं। नगर निगम पंचकूला ने कुछ पार्कों में प्ले उपकरण और ओपन जिम भी हैं। ऐसे कई उदाहरण हैं जहां निवासियों ने मौखिक रूप से शिकायत की है कि उनके सिर पर विशेष रूप से क्रिकेट गेंद लगने से चोटें लगी हैं। फुटबॉल से भी लोगों में विवाद हो चुके हैं। क्रिकेट की गेंद/फुटबॉल खेलने के कारण विवाद बढ़ जाते हैं, इसलिए नगर निगम द्वारा इन पार्कों में इस तरह के खेल खेलने के लिए अनुमति नहीं दी जा सकती है। राजेश जोगपाल ने डीसी से अनुरोध किया है कि वह एक प्रारूप तैयार करें, ताकि सरकारी स्कूलों/कॉलेजों के मैदानों की उपलब्धता बच्चों के खेलने के लिए हो सके। पहले भी उठ चुकी हैं मांग सिटीजंस वेलफेयर एसोसिएशन ने शहर के सभी सेक्टरों में बच्चों के खेलने के लिए प्ले ग्राउंड बनाने की मांग की है। इस मांग को लेकर एसोसिएशन के चेयरमैन एसके नैयर ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को लेटर लिखा था। इस लैटर की कॉपी हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी, अर्बन लोकल बॉडीज मिनिस्टर कविता जैन, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के चीफ एडमिनिस्ट्रेटर, पंचकूला के डिप्टी कमिश्नर, नगर निगम के एडमिनिस्ट्रेटर कम म्युनिसिपल कमिश्नर राजेश जोगपाल को भी भेजी गई थी। एसके नैयर का कहना है कि पंचकूला में सभी सेक्टर हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने डेवलप किए हैं। हर सेक्टर में पार्क बनाए गए हैं लेकिन बच्चों के खेलने के लिए प्ले ग्राउंड की व्यवस्था नहीं है। वर्तमान पार्क में बच्चे क्रिकेट, फुटबाल, हॉकी आदि नहीं खेल सकते हैं, क्योंकि पंचकूला नगर निगम इन पार्कों में बच्चों को खेलने की इजाजत नहीं देता हैं। इन पार्क में फूलों व घास को नुकसान पहुंचाने वाली हर तरह की गेम्स खेलने पर मनाही के बोर्ड लगे हैं। ऐसे कई मामले भी हो चुके हैं कि बच्चे के पार्क में खेलने पर विवाद हुआ और रेजिडेंट्स व कमेटी मेंबर्स ने पुलिस बुला ली हो। स्कूलों के मैदानों में शाम को बच्चों को मिले खेलने की परमिशन सेक्टर-16 आरडब्ल्यूए महासचिव सुभाष पपनेजा ने इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप करने की मांग की है। उनकी मांग है कि एचएसवीपी, एमसी, प्लानिग डिपार्टमेंट व अन्य संबंधित विभागों को हर सेक्टर में बच्चों के खेलने के लिए प्ले ग्राउंड बनाने के निर्देश दिए जाएं। अगर किसी सेक्टर में ऐसे प्ले ग्राउंड बनाने संभव न हो तो गवर्नमेंट व गवर्नमेंट एडेड स्कूलों में शाम के समय बच्चों को खेलने की इजाजत दी जाए। घग्गर पार भी उठ रही है प्ले ग्राउंड की मांग सेक्टर-26 के अलावा घग्गर पार के दूसरे सभी सेक्टरों में बच्चों के खेलने के लिए कोई प्ले ग्राउंड नहीं है। जसवीर सिंह गोयत ने कहा है कि बच्चों को या तो स्कूल की एकेडमी में ही खेलने को मिलता है या फिर उन्हें घग्गर पार सेक्टरों में बदहाल पड़े पार्कों में ही खेलने को मजबूर होना पड़ रहा है। पंचकूला एक्सटेंशन सेक्टरों में पार्कों की बदहालत से लेकर यहां प्ले ग्राउंड नहीं होने का मामला आरडब्ल्यूए सेक्टर-26 की ओर से हाल ही में विधायक एवं हरियाणा सरकार के मुख्य सचेतक ज्ञान चंद गुप्ता के पास भी पहुंचाया गया। पार्को में बच्चों के खेलने से बुजुर्गो को होती है परेशानी, हंगामे भी हुए सेक्टर-6 के पूर्व पार्षद वीके सूद ने कहा कि बच्चों के खेलने के लिए कोई भी प्ले ग्राउंड न होने से लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। बच्चे पार्कों में आकर फुटबॉल, क्रिकेट एवं अन्य खेल खेलते है, जिस कारण कई बार बुजुर्गों एवं सैर कर रहे लोगों को गेंद लग जाती है। इसको लेकर कई बार हंगामा एवं झगड़े भी हो चुके है। सूद ने सेक्टर-6 में प्ले ग्राउंड बनाने के लिए नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए जाएं।