फर्जीवाड़ा के जाल में ऑटो एजेंसियाें को यूं फंसा रहे ठग, हाथ मलने को हुए मजबूर
पंचकूला में एक ठग गिरोह टू व्हीलर ऑटो एजेंसियाें को फर्जीवाड़ा का अनोखा तरीका अपनाकर चूना लगा रहा है। गिरोह के सदस्य तीन अॉटो एजेंसियाें से पांच दो पहिया वाहन उड़ा चुके हैं।
जेएनएन, पंचकूला/चंडीगढ़। क्षेत्र में इन दिनों एक ठग गिरोह ने वाहन एजेंसी मालिकों के होश उड़ा दिए हैं। इस गिरोह के सदस्य फाइनेंस के माध्यम से गाड़ी खरीदते हैं। गिरोह के सदस्य आॅटो एजेंसियों में डाउन पेमेंट करके टू व्हीलर वाहन ले गए और बाद में गायब हो गए। सबसे कमाल बात है कि इस गिरोह के सदस्यों का पहले लोन के लिए बैंक ने सिबल स्काेर सही होने और लोन देने की बात कही गई। लेकिन, जब वे वाहन लेकर गए तो बैंकों ने सिबल स्कोर खराब हाेने की बात कह कर लोन देेने से इन्कार कर दिया जाता है।
पंचकूला की एजेंसियों से यह गिरोह पांच टू व्हीलर 2500 से 3000 रुपये डाउन पेमेंट करके ले जा चुका है। गिरोह के सदस्यों ने जिन जगहों का एड्रेस दिया था, वह पहले से ही हाउसिंग लोन न चुकाने के कारण बैंकों द्वारा सील किए जा चुके थे।
औद्योगिक क्षेत्र फेज-2 स्थित गुनीत व्हील के डायरेक्टर गुरप्रीत सिंह द्वारा पुलिस को दी गई शिकायत में बताया गया है कि 4 अप्रैल को शाम छह बजे जब शोरूम बंद होने वाला था, तो दो व्यक्ति शोरूम में आए। उन्होंने अपने नाम वीरेंद्र एवं पवन बताया। दाेनों ने कहा कि उन्हें गेस्टो टू व्हीलर फाइनेंस पर लेना है। इसक बाद वे सारी औपचारिकताएं पूछकर चले गए और अगले दिन सुबह शोरूम खुलने से पहले आ गए।
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ऑटो शोरूम मालिेक ने बताया कि इसके बाद उनके यहां से एक निजी बैंक में लोन के लिए बात की गई। पुलिस में दी गई शिकायत के अनुसार, बैंक कर्मचारी को वीरेंद्र ने ढकौली, जीरकपुर के पति वाला अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड की कॉपी व अन्य दस्तावेज दे दिए। इसके बाद बैंक द्वारा वीरेंद्र का सिबल स्कोर चेक करने के बाद कह दिया गया कि वीरेंद्र का लोन हो जाएगा। इसके बाद, गुनीत व्हील की ओर से वीरेंद्र को 2200 रुपये डाउन पेमेंट लेकर टू व्हीलर दे दिया गया।
बैंक ने रिक चेक किया, तो सब कुछ निकला फर्जी
4-5 दिन बाद बैंक एग्जीक्यूटिव ने वीरेंद्र का डिटेल चेक किया तो पता चला कि वह डिफाल्टर है। इसके बाद बैंक ने टू व्हीलर पर फाइनेंस करने से इन्कार कर दिया। गुरप्रीत सिंह ने आरोपित वीरेंद्र एवं पवन द्वारा दिए गए एड्रेस पर जाकर चेक करवाया, तो पता चला कि यह घर तो पहले से ही सायरिन कैथोलिक बैंक द्वारा सील किया हुआ है। इसके बाद गुरप्रीत सिंह समझ गए कि उनके साथ फ्रॉड हो गया।
दूसरी एजेंसियों में भी यही पता दिया था
इसके बाद गुरप्रीत सिंह ने अपने आसपास की दो एजेंसियों से बात की, तो पता चला कि हीरो एवं टीवीएस एजेंसी से भी ये आरोपित इसी अंदाज में तीन टू व्हीलर लेकर फरार हो चुके हैं। इन एजेंसियों में भी आरोपितों ने यही एड्रेस प्रूफ दिए थे। अब इन एजेंसियों से टू व्हीलर का फाइनेंस भी अटका हुआ है। गुरप्रीत सिंह की शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
चेक हो गया बाउंस
गुरप्रीत सिंह के मुताबिक, दो-तीन दिन तक आरोपितों द्वारा दिए गए फोन नंबर एवं रेफरेंस नंबर चलते रहे। इसके बाद जब वे गाड़ी लेकर फरार हो गए, तो फोन बंद हो गए। आरोपित बैंक चेक दे गए थे, जोकि 3 मई को लगाया गया, तो वह भी बाउंस हो गया।
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पहले रेकी करता है गिरोह
जिस तरह गिरोह के कारनामे सामने आ रहे हैं, उससे पता चल रहा है कि गिरोह पहले ऐसे घरों की तलाश करता है, जोकि सील या बंद रहते हैं। फिर उनका रेंट एग्रीमेंट बनाकर आधार कार्ड बनवा लेता है, उसके बाद फर्जी दस्तावेजों पर फ्रॉड कर रहा है।