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पहले करता था 'पाप', फिर 'प्रायश्चित' करने तीर्थ जाता था 'पुजारी'

पहले तो चोरी करता था, फिर जब मन मेंं पाप का मैल इकट्ठा हो जाता तो उसे धोने केे लिए तीर्थ स्थल चला जाता। ये सोचकर कि भगवान उसके गुनाह माफ कर देंगे।

By Test1 Test1Edited By: Published: Fri, 10 Jun 2016 03:57 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jun 2016 04:51 PM (IST)
पहले करता था 'पाप', फिर 'प्रायश्चित' करने तीर्थ जाता था 'पुजारी'

चंडीगढ़ (सुशील राज)। पहले चोरी करता था, फिर जब मन मेंं पाप का मैल इकट्ठा हो जाता तो उसे धोने केे लिए तीर्थ स्थल चला जाता। ये सोचकर कि भगवान उसके गुनाह माफ कर देंगे। येे कोई कहानी नहीं बल्कि शातिर चोर रवि पुजारी की हकीकत है। उसने भगवान को भी नहीं बख्शा चोरी किए सामान का कुछ हिस्सा वह मंदिर में दान कर देता था, उसे लगता था कि इससे उसके पाप कम हो जाएंगे। पर ऐसा नहीं हुआ और पाप का घड़ा भरते ही वह फूट गया। अब रवि सलाखों के पीछे है और अपने किए की सजा भुगत रहा है।

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हवाई जहाज और लग्जरी बसों सेे जाता था तीर्थ

रवि पुजारी धार्मिक स्थलों पर जाने के लिए हवाई जहाज और लग्जरी बसों का इस्तेमाल करता था। कोठियों से लाखों की नकदी चोरी करने वाला रवि पुजारी सात धार्मिक स्थल पर हवाई जहाज से जा चुका है। क्राइम ब्रांच की पूछताछ में रवि ने बताया कि वह नेपाल स्थित काठमांडु, शिरडी, जम्मू एंड कश्मीर में अमरनाथ, उज्जैन, चेन्नई, कैलाश मानसरोवर और वैष्णो देवी जा चुका है। कई मंदिरों में तो उसने चोरी किए गए गहने तक दान किए हैं। ताकि उसकी आत्मा को संतुष्टि मिल सके। उसने बताया कि चोरी की वारदात करने के बाद कई दिनों तक वह सो नहीं पाता था।

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आइआरएस की कोठी से 35 लाख की चोरी के बाद बनवाया था घर में मंदिर

सेक्टर-18 स्थित रिटायर्ड आइआरएस स्वर्ण सिंह बैंस की कोठी से चोरी किए 35 लाख रुपयों से रवि पुजारी ने अपने घर में मंदिर बनवाया था। इसी मंदिर में वह पूजा-पाठ का ढोंग करता था ताकि उसकी आय के जरिए का लोगों को पता ना चले। इतना ही नहीं उसने सूरजपुर स्थित महादेव कालोनी में कोठी के निर्माण पर पचास लाख रुपये लगाया था।

ज्योतिष में भी अजमाया हाथ

शातिर चोर रवि पुजारी ने हरिद्वार और बनारस में जाकर ज्योतिष की बकायदा ट्रेनिंग हासिल की थी। ताकि वह अपना ज्योतिष में भविष्य सवार सके। लेकिन वह कामयाब नहीं हुुआ तो फिर से चोरी करने लगा।

फिल्म देखने के बाद करता था वारदात

रवि पुजारी वारदात करने से पहले आखिरी शो में फिल्म देखता था। ताकि रात हो जाए। इसके बाद वह गाड़ी चुराता और इसी कार को किसी कोठी के बाहर खड़ा कर चोरी करता था। चोरी के बाद वह कार को वापस वहीं छोड़ देता, जहां से चुराई थी। लोगों को गुमराह करने के लिए वह अपनी आय का साधन जागरण करना और पूजा पाठ बताया करता था।


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