पंचकूला में नहीं है पॉलिसी, धड़ल्ले से चल रहे हैं अवैध पीजी
शहर में पेइंग गेस्ट (पीजी) आम आदमी के गले की फांस बन गए हैं।
राजेश मलकानियां, पंचकूला : शहर में पेइंग गेस्ट (पीजी) आम आदमी के गले की फांस बन गए हैं। शहर के सभी सेक्टरों के हर तीसरे घर में अवैध रूप से पीजी चलाए जा रहे हैं। पीजी से अनैतिक गतिविधिया बढ़ी हैं। संपदा विभाग हुडा एवं पुलिस इन पीजी पर नियंत्रण रखने में असमर्थ नजर आ रहे हैं। पीजी संचालक संपदा विभाग एचएसवीपी के दिशा-निर्देशों का मजाक उड़ा रहे हैं। वाणिज्यिक गतिविधियां चलाने के बावजूद घरेलू दरों पर बिजली उपयोग में लाई जा रही है। पंजीकृत न होने के कारण पीजी चलाने वाले लाखों रुपये का आयकर भी बचा रहे हैं। पंजीकरण, पुलिस सत्यापन, नियम व शर्तो का भी उल्लंघन हो रहा है। सेक्टर-6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 12ए 15, 16 व 17 जैसे बड़े सेक्टरों की बात की जाए तो यहा पर ज्यादातर घरों में लोगों ने पीजी बना रखे हैं। घरों में अवैध निर्माण किया गया है। पीजी चलन में आने के बाद अब जो लोग किराये के मकान में रहते हैं, उनके लिए काफी असुविधा हो गई है। एक कमरे का किराया दस हजार तक
पीजी में रहने वाले युवक-युवतियां एक-कमरे का किराये आठ से 10 हजार रुपये तक दे देते हैं क्योंकि वे एक कमरे चार-पांच की संख्या में रह लेते हैं। ऐसे में नौकरीपेशा परिवार के लिए इतना किराया देना मुश्किल हो गया है। पीजी में रहने वाले युवक-युवतियां देर तक नशीले पदार्थो का सेवन करते हैं। इससे देह व्यापार को भी बढ़ावा मिल रहा है। सूत्रों के अनुसार रात के समय ज्यादातर अनैतिक गतिविधियां पीजी में चलती हैं। घरों में जांच करना मुश्किल
पुलिस इन पीजी को रात के समय में चेक भी नहीं कर सकती क्योंकि यह पीजी घरों में ही बने हैं। रात के समय घर का दरवाजा खटखटाना पुलिस के लिए कई बार मुसीबत भी बन जाता है। इसलिए जब तक पक्की जानकारी न हो, पुलिस भी घर में जाना मुनासिब नहीं समझती। पॉलिसी की परवाह किसको
पीजी चलाने के लिए पंचकूला में कोई पॉलिसी नहीं है। जो लोग घरों में पीजी चला रहे हैं, उनको एचएसवीपी विभाग द्वारा नोटिस जारी करके समय दिया जाता है, यदि उसके बावजूद घरों में पीजी चल रहे हों तो घर को हुडा द्वारा रिज्यूम कर लिया जाता है। पंचकूला में पीजी के लिए कोई अलग से पॉलिसी नहीं है। जहां कोई शिकायत आती है, वहां कार्रवाई होती है। ज्यादा पीजी होने के बारे में कोई सूचना नहीं है।
-एमपी शर्मा, एसडीओ, एचएसवीपी पीजी पर प्रतिबंध अनिवार्य है। मगर इनमें रह रहे लड़के-लड़कियां सड़क पर न आ जाएं, इसलिए प्रशासन को आवास सुविधा मुहैया करानी होगी। हॉस्टल बनाकर छात्रों को कमरे आवंटित किए जा सकते हैं। प्रशासन को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत हॉस्टल का निर्माण कराना चाहिए।
-तरसेम गर्ग, चेयरमैन, नगर सुधार सभा, पंचकूला