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हरियाणा में कपड़ा इंडस्ट्री खोलने वालों पर सरकार मेहरबान

हरियाणा में कपड़ा इंडस्ट्री खोलने वालों पर सरकार मेहरबान है। पिछड़े व अति पिछड़े ब्लॉक में इंडस्ट्री लगाने वाले उद्यमियों को 20 से 25 फीसद तक वित्तीय सब्सिडी मिलेगी।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 01 Mar 2018 06:13 PM (IST)Updated: Sat, 03 Mar 2018 09:17 AM (IST)
हरियाणा में कपड़ा इंडस्ट्री खोलने वालों पर सरकार मेहरबान
हरियाणा में कपड़ा इंडस्ट्री खोलने वालों पर सरकार मेहरबान

चंडीगढ़ [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा में कपड़ा इंडस्ट्री के दिन फिरने वाले हैं। सरकार का फोकस औद्योगिक रूप से पिछड़े ब्लॉकों में कपड़ा इंडस्ट्री स्थापित करने पर है। राज्य के पिछड़े और अति पिछड़े ब्लॉक में कपड़ा इंडस्ट्री खोलने वाले उद्यमियों पर सरकार दिल खोलकर मेहरबान होगी। उन्हें कुल पूंजी की 20 से 25 फीसद तक सब्सिडी का लाभ मिलेगा। राज्य में 55 अति पिछड़े और 48 पिछड़े ब्लॉक हैं, जहां औद्योगिक विकास की दरकार है।

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हरियाणा के उद्योग मंत्री विपुल गोयल ने औद्योगिक विकास के लिहाज से हरियाणा को चार जोन में बांटकर कपड़ा नीति तैयार की है। राज्य में पहली श्रेणी में 14 ब्लॉक, दूसरी में 23 ब्लॉक, तीसरी में 48 और चौथी अति पिछड़ी श्रेणी में 55 ब्लॉक रखे गए हैं। नई कपड़ा नीति में कई ऐसे प्रावधान हैं, जिनसे न केवल पिछड़े इलाकों का विकास होगा, बल्कि 50 हजार नए लोगों को रोजगार मिलेगा।

उद्योग मंत्री विपुल गोयल ने नई पॉलिसी में खादी के प्रोत्साहन पर विशेष बल दिया है। कपास उत्पादक जिलों सिरसा, फतेहाबाद, भिवानी, हिसार और जींद में अब किसानों को अपनी फसल के वाजिब दाम मिलने की संभावनाएं बढ़ गई हैं।  

टेक्सटाइल पार्क बनेंगे, 20 से 25 लाख की सब्सिडी

नई कपड़ा नीति में ए व बी श्रेणी के ब्लॉक में टेक्सटाइल पार्क बनेंगे और उनमें अलग से कपड़ा इकाइयों की स्थापना के लिए 10 फीसद की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। सब्सिडी की राशि 20 लाख रुपये तक होगी। महिला उद्यमियों को 15 फीसद सब्सिडी मिलेगी, जो अधिकतम 25 लाख रुपये होगी। 

सहायक इकाइयों के लिए 50 करोड़ तक लाभ

श्रेणी सी व डी में शामिल पिछड़े और अति पिछड़े ब्लॉक में टेक्सटाइल पार्कों के बाहर भी कपड़ा इंडस्ट्री स्थापित करने वालों को प्रोत्साहन मिलेंगे। सहायक इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए पूंजीगत निवेश पर 25 फीसद तक सब्सिडी का प्रस्ताव है, जो अधिकतम 50 करोड़ रुपये होगी।

कपड़ा बनाने वाली मशीनों के निर्माण की भी सुध

सरकार ने कपड़ा बनाने वाली मशीनों के निर्माण पर भी खास फोकस किया है। कपड़ा मशीनरी निर्माताओं को सकल एफसीआइ के 15 फीसद पूंजीगत सब्सिडी और ब्याज पर तीन फीसद प्रतिवर्ष की दर से ब्याज सब्सिडी मिलेगी।

खादी के स्टाइलिश कपड़ों के लिए राष्ट्रीय संस्थानों से टाइअप

कपड़ा इंडस्ट्री को स्टाइल और टेक्नालाजी की खास दरकरार है। इसलिए डिजाइनिंग के लिए सरकार राष्ट्रीय संस्थानों से बात करेगी। उनकी प्रौद्योगिकी अपनाने के लिए लागत की  50 फीसद तक वित्तीय सहायता दी जाएगी। मार्केट फीस और एचआरडीएफ  0.25 फीसद कर दी गई है। डिजाइनरों को अदा की जाने वाली फीस पर सब्सिडी देकर खादी इकाइयों की सहायता की जाएगी।

नई कपड़ा पालिसी में यह किए गए खास प्रावधान

- मेवात जिले में परिधान पार्क बनेंगे।

- हिसार जिले में सेंट्रलाइज टेक्सटाइल पार्क बनेगा।

- फरीदाबाद में डायर्स और प्रोसेसर्स के लिए टेक्सटाइल पार्क।

- पानीपत में कारपेट कलस्टर, गुरुग्राम में गारमेंटिंग कलस्टर और सिरसा में हौजरी कलस्टर बनेंगे।

स्टांप ड्यूटी रिफंड और विकास शुल्क में राहत देंगे 

उद्योग मंत्री विपुल गोयल का कहना है कि सरकार हरियाणा को कपड़ा विनिर्माण का ग्लोबल हब बनाने की ओर अग्रसर है। इसके लिए तमाम वित्तीय प्रोत्साहन दिए जाएंगे। कपड़ा नीति में पांच हजार करोड़ के निवेश और 50 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। नए उत्पाद तथा स्टाइल को बढ़ावा दिया जाएगा। टेक्सटाइल पार्क डेवलपर्स एवं प्रमोटरों के लिए स्टांप ड्यूटी रिफंड, बाहरी विकास शुल्क तथा बुनियादी विकास शुल्क पर छूट के भी प्रावधान किए हैं।

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