फाइनल से पहले जाटलैंड जींद में भाजपा सहित सभी का टेस्ट, मांगेराम बने पहेली
जींद उपचुनाव में भाजपा सहित सभी पार्टियों और हरियाणा की राजनीति के दिग्गजों की परीक्षा होगी। यह फाइनल से पहले सेमफाइनल की तरह होगा।
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा की राजनीतिक राजधानी कहे जाने वाले जींद में सत्तारूढ़ भाजपा की सबसे बड़ी परीक्षा है। खुद को लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए तैयार बता रहे प्रमुख विपक्षी दलों इनेलो, कांग्रेस और जननायक जनता पार्टी को भी इस परीक्षा के दौर से गुजरना पड़ेगा, लेकिन भाजपा के प्रदर्शन पर सभी की निगाहें टिकी हैं। जींद में 28 जनवरी को उपचुनाव है और 31 जनवरी को इसका नतीजा सामने आएगा।
भाजपा की जीतने वाले उम्मीदवार पर दांव खेलने की तैयारी, दूसरे दलों की रणनीति पर निगाह
इनेलो के टिकट पर जींद से लगातार दो बार विधायक रह चुके डाॅ. हरिचंद मिड्ढा के निधन से खाली हुई इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है। मार्च-अप्रैल में लोकसभा और सितंबर-अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। लिहाजा जींद उपचुनाव को लोकसभा और विधानसभा चुनावों का सेमीफाइनल माना जा रहा है। पांच नगर निगमों में जिस तरह से भाजपा की जीत हुई है, उससे हालांकि पार्टी काडर खासा उत्साहित है, लेकिन जाटलैंड जींद के उपचुनाव के नतीजे मतदाता का रुख तय करने में काफी हद तक मददगार साबित होंगे।
जींद जिले में पांच विधानसभा सीटें जींद, उचाना, जुलाना, नरवाना और सफीदों आती हैं। इसके साथ ही पांचों सीटें सोनीपत, हिसार और सिरसा लोकसभा सीटों के चुनाव नतीजों को प्रभावित करने का दम रखती हैं। पिछले चुनाव में जींद जिले की एकमात्र उचाना सीट पर भाजपा की प्रेमलता चुनाव जीती थीं। प्रेमलता केंद्रीय इस्पात मंत्री बीरेंद्र सिंह की धर्मपत्नी हैं। जुलाना में भाजपा प्रत्याशी अपनी जमानत नहीं बचा पाया था। जुलाना, जींद और नरवाना सीटों पर इनेलो का कब्जा रहा। सफीदों से आजाद प्रत्याशी जसबीर देसवाल चुनाव जीते थे।
दुष्यंत चौटाला के साथ पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्ता। (फाइल फोटो)
भाजपा व जेजेपी के संपर्क में मांगेराम गुप्ता दोनों हाथों में रखना चाह रहे लड्डू
पांच निगमों के चुनाव में जीत से उत्साहित भाजपा जींद शहरी सीट पर भी कमल खिलाना चाहती है। इसके लिए उसे जीत हासिल करने में सक्षम प्रत्याशी की तलाश है। जींद में 12 चुनाव लड़ चुके पूर्व मंत्री मांगे राम गुप्ता सभी दलों के लिए पहेली की तरह नजर आ रहे हैं।
मांगेराम गुप्ता पहले जननायक जनता पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला के संपर्क में थे। पिछले दो दिनों से उनका लगाव भाजपा के प्रति बढ़ रहा है। भाजपा मांगे राम गुप्ता पर दांव खेलना चाहती है, लेकिन मांगे राम अपने बेटे महावीर गुप्ता पर दांव खेलने का दबाव बना रहे हैं। मांगे राम गुप्ता अपने दोनों हाथों में लड्डू रखकर चल रहे। यह भी संभव है कि उन्हें भाजपा अथवा जेजेपी कोई भी महत्व न दे, लेकिन उनकी अनदेखी राजनीतिक दलों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है।
कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ और भाजपा नेत्री सुधा यादव को पर्यवेक्षक बनाकर जींद भेजा गया है, जो जल्द ही प्रत्याशी का नाम लिफाफे में बंद कर हाईकमान को सौंप देंगे। भाजपा में सीएम के ओएसडी राजेश गोयल, पूर्व सांसद सुरेंद्र बरवाला, दिवंगत विधायक डाॅ. हरिचंद मिड्ढा के बेटे कृष्ण मिड्ढा, खाप नेता टेकराम कंडेला, केंद्रीय इस्पात मंत्री बीरेंद्र सिंह के आइएएस बेटे बृजेंद्र सिंह टिकट के दावेदारों में शामिल हैं।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ जयप्रकाश जेपी।
कांग्रेस खेल सकती है कलायत के आजाद विधायक जयप्रकाश जेपी पर दांव
कांग्रेस में यूं तो कई धड़े हैं, मगर इस चुनाव को जीतने के लिहाज से पार्टी हुड्डा की पसंद के उम्मीदवार की अनदेखी किसी सूरत में नहीं करेगी। पार्टी हाईकमान की कोशिश कलायत से आजाद विधायक एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश जेपी को उतारने की है, लेकिन जेपी को इसके लिए तैयार करना सिर्फ हुड्डा के हाथ में है।
कांग्रेस में पिछली बार के प्रत्याशी प्रमोद सहवाग, पूर्व मंत्री बृजमोहन सिंगला के बेटे अंशुल सिंगला, बाल मुकुंद शर्मा और लक्ष्य मिल्क प्लांट के मालिक बलजीत सिंह रेढू भी टिकट के दावेदार हैं। कांग्रेस आठ जनवरी को प्रत्याशी घोषित कर सकती है।
जननायक जनता पार्टी में इनसो नेता प्रदीप गिल और इनेलो में जुलाना के विधायक परमिंदर ढुल के बेटे रवींद्र ढुल टिकट के प्रबल दावेदारों में शामिल हैं। इनेलो 9 जनवरी को अपने उम्मीदवार का नाम घोषित करेगी। सांसद राजकुमार सैनी के नेतृत्व वाली लोकतंत्र रक्षा पार्टी नगर परिषद के पूर्व चेयरमैन विनोद आश्री को पहले ही अपना उम्मीदवार घोषित कर चुकी है।
2014 के विधानसभा चुनाव पर एक नजर
जींद सीट पर 2014 के विधानसभा चुनाव में इनेलो के डाॅ. हरिचंद मिड्ढा दूसरी बार चुनाव जीते थे। डॉ. मिड्ढा ने भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र बरवाला को 2257 वोटों से शिकस्त दी थी। डाॅ. हरिचंद मिड्ढा को 31631 वोट मिले थे, और भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र बरवाला को 29374 मिले थे। कांग्रेस के प्रमोद सहवाग को 15267 वोट मिले और वह अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए थे। हजकां के रमेश सैनी को 12246 और बसपा के सुधीर गौतम को 13225 वोट हासिल हुए। अब हजकां के वोट कांग्रेस में तथा बसपा के वोट इनेलो के खाते में जोड़कर गणित लगाया जा सकता है।