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तब्लीगी जमातियों ने ' जोड़ ' में बांटी तकलीफ, फैलाई कोरोना वायरस महामारी

हरियाणा में तब्‍लीगी जमातियों के जोड़ कार्यक्रम के जरिये कोरोना वायरस फैला। मजहब के प्रचार के इस तरह के कार्यक्रम मस्जिदों में देर रात से अलसुबह तक आयोजित किए जाते थे।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 09 Apr 2020 10:34 AM (IST)Updated: Thu, 09 Apr 2020 10:34 AM (IST)
तब्लीगी जमातियों ने ' जोड़ ' में बांटी तकलीफ, फैलाई कोरोना वायरस महामारी
तब्लीगी जमातियों ने ' जोड़ ' में बांटी तकलीफ, फैलाई कोरोना वायरस महामारी

नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। हरियाणा में तब्लीगी जमातियों ने अपने मजहबी कार्यक्रम ' जोड़ ' में ही महामारी कोरोना वायरस की तकलीफ बांटी है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे दक्षिण हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद औद्याेगिक नगरों और इन दोनों शहरों से सटे मेवात के नूंह व पलवल जिला में कोरोना वायरस से संक्रमित 105 मरीजों में 87 तब्लीगी जमाती और इनके संपर्क में मजहबी कार्यक्रम ' जोड़ ' में हिस्सा लेने वाले लोग आए हैं।

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रात को इशा की नमाज से सुबह फजर की नमाज तक होता है 'जोड़' कार्यक्रम का आयोजन

तब्लीगी जमातियों ने अपने मजहब प्रचार के लिए मस्जिदों में रात को इशा की नमाज से सुबह फजर की नमाज पढ़ने तक आयोजित कार्यक्रम को जोड़ का नाम दिया हुआ है। मजहबी जोड़ के दौरान जमातियों द्वारा मस्जिद से संबंधित क्षेत्र के 10 से 30 प्रमुख लोग ही बुलाए जाते हैं और इन्हें करीब 10 घंटे के दौरान मजहबी घुट्टी पिलाई जाती है। यह 'जोड़' कार्यक्रम एक हॉल के अंदर होता है और इस दौरान अन्य व्यवस्था में जुटे लोगों को भी हॉल के अंदर नहीं आने दिया जाता है। 'जोड़' में हिस्सा लेने आए प्रमुख लोग भी इस दौरान सिर्फ पानी पी सकते हैं, बाकी भोजन या जलपान लेने की इजाजत हॉल में नहीं होती।

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'जाेड़' में ही बढ़ती है तब्‍लीगियों की जमात

तब्‍लीगी जमाती इन्हीं 'जोड़' कार्यक्रमों के माध्यम से ही ऐसे लोगों का चयन करते हैं जो जमातियों की संख्या को बढ़ा सकते हों। 'जोड़' कार्यक्रम के लिए रात्रि सात बजे से ही मस्जिदों में अपेक्षित प्रमुख लोगों का जमा होना शुरू हो जाता है और यह कार्यक्रम रात्रि आठ बजे इशा की नमाज पढ़ने के साथ ही शुरू हो जाता है। सुबह पांच बजे  फजर की नमाज पढ़ने के बाद यह कार्यक्रम खत्म हो जाता है।

जोड़ के दौरान ही जमाती प्रमुख लोगों को पिलाते हैं मजहबी घुट्टी

नूंह जिला के नल्हड़ मेडिकल कॉलेज में पलवल और नूंह जिला में कोरोना संक्रमित 62 मरीजों का इलाज हो रहा है। ये सभी जमाती या फिर इनके संपर्क में आए लोग हैं। इसके अलावा फरीदाबाद के अलफला मेडिकल कॉलेज में भी ऐसे ही 17 संक्रमित मरीजों का इलाज हो रहा है। इनसे हुई पूछताछ में यही तथ्य सामने आए हैं कि इनमें से ज्यादातर ने मजहबी कार्यक्रम 'जोड़' में हिस्सा लिया था।

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निजामुद्दीन की तरह नूंह के पुन्हाना में बनी है मरकज

दिल्ली निजामुद्दीन की मरकज बेशक काफी बड़ी है मगर तब्लीगी जमातियों ने हरियाणा के नूंह जिला के पुन्हाना कस्बे में भी एक बड़ी मरकज का निर्माण कराया है। इस मरकज को विस्तार देने के लिए तब्लीगी जमाती मजहब प्रचार के दौरान प्रमुख लोगों से आर्थिक सहयोग की अपील करते रहे हैं।

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