एसवाइएल पर टकराए हरियाणा के सियासी दल
हरियाणा-पंजाब के बीच चल रहे एसवाइएल विवाद पर हरियाणा में राजनीति गरमा गई है। इनेलो के नेता बुधवार को राज्यपाल से मुलाकात कर मुख्यमंत्री को बर्खास्त करने की मांग करेंगे।
जेएनएन, चंडीगढ़। सतलुज-यमुना लिंक नहर (एसवाइएल) के पानी पर पंजाब से जूझ रहे हरियाणा के सियासी दल आपस में ही उलझ गए हैं। सर्वदलीय बैठक में पारित प्रस्तावों को रद्दी की टोकरी में डालने का आरोप लगाते हुए इनेलो नेता बुधवार सायं राज्यपाल से मुलाकात कर प्रदेश सरकार को बर्खास्त करने की मांग करेंगे। इससे पहले पार्टी की छात्र विंग इनसो प्रदेशभर में कांग्रेस के पुतले फूंकेगा। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इसे सियासी नौटंकी करार देते हुए इनेलो के अभियान पर सवाल खड़े किए हैं।
विधानसभा में विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में फैसला हुआ था कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मुलाकात कर हरियाणा के हितों की आवाज उठाएगा। दो महीने होने को हैं, लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय ने आज तक प्रधानमंत्री से मिलने का समय नहीं मांगा। चौटाला ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला पंजाब में जाकर चुनाव प्रचार करने की तैयारी में हैं। इससे साबित होता है कि भाजपा को हरियाणा के हितों से कोई लेना-देना नहीं।
चौटाला के अनुसार यही हाल कांग्रेस का है, जिसके प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर व राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला पंजाब का पानी किसी को न देने की बात कर रहे हैं। चौटाला ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा अगर वास्तव में नहर का पानी हरियाणा में लाना चाहते हैं तो वे कांग्रेस छोड़कर हमारे साथ कस्सी लेकर 23 फरवरी को नहर की खोदाई करने चलें।
उधर, हुड्डा ने इनेलो के अंबाला के इस्माइलपुर से एसवाइएल की खोदाई शुरू करने के अभियान को सियासी नौटंकी बताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने नहर के निर्माण की जिम्मेदारी केंद्र पर छोड़ी है। इसलिए हरियाणा सरकार को केंद्र पर दबाव बनाना चाहिए। कांग्रेस ने जींद रैली सिर्फ इसलिए स्थगित की है, ताकि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों और केंद्र के रुख का आकलन किया जा सके। यदि अब भी हरियाणा को उसके हिस्से का पानी नहीं मिला तो बाद में भी मिलना मुश्किल होगा।
पंजाब का रास्ता बंद करने की धमकी
चौटाला ने कहा कि 23 फरवरी को प्रदेश के हजारों लोग एसवाइएल नहर की खोदाई शुरू करेंगे। अगर पंजाब की तरफ से कोई अड़ंगा डाला गया तो उसका दिल्ली से रास्ता बंद कर दिया जाएगा। मनोहर सरकार पर इस मसले पर कन्नी काटने का आरोप जड़ते हुए उन्होंने कहा कि विधानसभा का बजट सत्र भी 15 फरवरी को इसीलिए बुलाया गया है, ताकि सदन में तीखे सवालों का सामना न करना पड़े।
मिलेगा हमारा हक : मनोहर
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हमारे हिस्से का पानी मिलकर रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के हक में फैसला दिया है। फिलहाल एसवाईएल पर यथास्थिति बरकरार है और प्रदेश सरकार की पुख्ता पैरवी के चलते अगले दो-तीन महीनों में परिणाम हमारे अनुकूल होंगे। इस मसले पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए।