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Stubble Management: हरियाणा में पराली बेचनी है तो पोर्टल बताएगा ठेकेदारों व उद्योगों का पता

Stubble Management हरियाणा में पराली प्रबंधन और भी आसान हुआ। राज्य में बायोमास प्लांट्स अब तक 1.75 लाख टन पराली खरीद चुकेे हैैं। 8.58 लाख टन पराली की खरीद का लक्ष्य है। किसानों को पराली प्रबंधन के लिए एक हजार रुपये प्रति एकड़ दिए जा रहे हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 10:27 AM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 10:27 AM (IST)
Stubble Management: हरियाणा में पराली बेचनी है तो पोर्टल बताएगा ठेकेदारों व उद्योगों का पता
खेतों में पड़ी पराली (Stubble) । सांकेतिक फोटो

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में पराली प्रबंधन (Stubble Management) के प्रयास रंग ला रहे हैं। अभी तक करीब 1.75 लाख टन पराली की खरीद बायोमास प्लांट्स कर चुके हैं। पूरे सीजन में करीब 8.58 लाख टन पराली खरीदी जाएगी। पोर्टल पर पराली खरीदने वाले ठेकेदारों व उद्योगों की जानकारी डाली गई है। जो किसान पराली बेचना चाहता है, वह पोर्टल के जरिये उद्योगों से सीधा संपर्क कर सकता है। किसानों को पराली प्रबंधन के लिए पहले ही एक हजार रुपये प्रति एकड़ दिए जा रहे हैं।

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मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डीएस ढेसी की अध्यक्षता में गत दिवस हुई समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी गई। पराली प्रबंधन के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर के जरिये किसानों को 80 फीसद तक की सब्सिडी पर मशीनरी उपलब्ध कराने के लिए 152 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। इन मशीनों पर किसानों को व्यक्तिगत स्तर पर 50 फीसद सब्सिडी दी जाती है जिसके लिए 216 करोड़ रुपये अलग से रखे गए हैं। पराली का स्टाक एकत्रित करने के लिए ठेकेदारों व किसान समूहों को ग्राम पंचायत की भूमि दी जा रही है।

प्रदूषण में दिल्ली-नोएडा-गाजियाबाद से बेहतर गुरुग्राम

प्रदूषण के मामले में गुरुग्राम बेहतर स्थिति में है। दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) जहां 200 से 250 के बीच रहा, वहीं गुरुग्राम का 200 से नीचे है। अंबाला, हिसार, फतेहाबाद और करनाल में विशेष मानीटरिंग की जा रही है।

इन बड़े प्रोजेक्ट में इस्तेमाल होगी पराली

  • 24 उद्योगों ने अपनी ऊर्जा खपत के लिए पराली का उपयोग करने के लिए सहमति दी है
  • कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद व फतेहाबाद में पराली से ऊर्जा बनाने के लिए चार चार कंपनी लगाएंगी संयंत्र। प्रति वर्ष 5.7 लाख टन पराली का होगा इस्तेमाल
  • हरेडा के माध्यम से 111.51 मेगवाट क्षमता के 25 बायोमास ऊर्जा प्लांट लगाए जाएंगे जिससे करीब 1.80 लाख टन पराली की खपत होगी
  • भारतीय तेल निगम पानीपत में इथेनाल गैस प्लांट लगाएगा। तेल कंपनियों की मदद से 66 कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट स्थापित किए जाएंगे जिनमें पराली से रोजाना 353.56 टन गैस उत्पन्न होगी।
  • रोहतक के कलानौर में छह टन दैनिक क्षमता के साथ मैसर्ज स्पैक्ट्रम रिन्यूएबल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्लांट स्थापित किया जा रहा है। इसमें सालाना 4320 टन पराली की खपत होगी।
  • करनाल के बस्ताड़ा में अजय बायो ऊर्जा प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 12.5 टन दैनिक क्षमता का प्लांट लगाया जा रहा है जिसमें सालाना छह हजार टन पराली का उपयोग होगा
  • हिसार के डाटा में 2.4 टन प्रतिदिन की क्षमता वाले मैसर्ज जागलान कंटेक्टर एंड सिक्युरिटी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा भी पहले चरण का निर्माण कार्य शुरू किया है।
  • पिहोवा में सैनसंज पेपर उद्योग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन के साथ स्थापित 2.4 टन दैनिक क्षमता वाले प्लांट में 43 हजार टन पराली अभी तक खरीदी जा चुकी है
  • नारायणगढ़ शुगर मिल व शाहबाद सहकारी चीनी मिल भी बायोमास ऊर्जा के लिए पराली खरीद रहे हैं।

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