राम रहीम की पेशी को लेकर सीबीआइ की विशेष अदालत में कड़े सुरक्षा प्रबंध
राजेश मलकानियां, पंचकूला : 11 जनवरी को पंचकूला स्थित विशेष सीबीआइ अदालत में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की पेशी होनी है।
राजेश मलकानियां, पंचकूला : 11 जनवरी को पंचकूला स्थित विशेष सीबीआइ अदालत में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की पेशी होनी है। पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या मामले में फैसला आने की संभावना है। कोर्ट परिसर में पुलिस द्वारा सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता कर दी गई है। 25 अगस्त 2017 को पंचकूला में बेरिके¨डग के लिए प्रयोग किए गए कांटेदार तार दोबारा निकाल लिए गए हैं। पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। हर किसी पर पुलिस द्वारा नजर रखी जा रही है। पुलिस संदिग्धों से पूछताछ कर रही है। सेक्टर-15 और 23 स्थित नामचर्चा घरों पर गुप्तचर विभाग द्वारा निगरानी रखी जा रही है। हरियाणा पुलिस इस बार कोई लापरवाही बरतने के मूड में नहीं है। पुलिस अधिकारियों की बैठकों का दौर भी शुरू हो गया है। पंचकूला के सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दे दिए गए हैं कि वे अपने क्षेत्र में रहने वाले डेराप्रेमियों पर नजर रखें। पंचकूला में भी डेरा समर्थकों की तादाद कम नहीं है। सीबीआइ को भरोसा : सुनाई जाएगी सजा
दरअसल पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या मामले में डेरा प्रमुख के खिलाफ सीबीआइ द्वारा कई सुबूत पेश किए गए हैं। जिसके चलते भरोसा है कि राम रहीम को सजा सुनाई जाएगी। सीबीआइ ने चश्मदीदों के अलावा कोर्ट में यह भी साबित किया कि जिस रिवॉल्वर से रामचंद्र को गोली मारी गई थी, वह आरोपित किशन लाल का लाइसेंसी था। जोकि किशन लाल ने 23 अक्तूबर को यह हथियार आरोपित निर्मल ¨सह और कुलदीप को दिया था। इस बात को सीबीआइ ने ब्लेस्टिक एक्सपर्ट से कोर्ट में साबित करवाया था। जिसने कोर्ट में गवाही दी थी कि गोली इसी रिवॉल्वर से चली थी, जोकि किशन लाल के नाम पर रजिस्टर्ड था। आरोप : हत्या के लिए दिए थे गुरमीत ने ऑर्डर
छत्रपति की हत्या करने के लिए डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने कृष्ण लाल, कुलदीप और निर्मल ¨सह को आदेश दिए थे। रामचंद्र छत्रपति के बेटे इस मामले में चश्मदीद हैं। अंशुल और अदिरमन ने कोर्ट में आकर गवाही दी थी कि उन्होंने अपने पिता की हत्या होते देखी थी। कुलदीप और निर्मल ने ही गोलियां चलाई थी। 2002 में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करके अंशुल ने कहा था कि इस मामले में डेरा प्रमुख गुरमीत राम प्रमुख आरोपित है, जिसने उसके पिता की हत्या करवाई है। जिसके बाद मामले की जांच सीबीआइ को सौंप दी थी। ¨हसा में गई थी 32 लोगों की जान
25 अगस्त 2017 को राम रहीम को जब दुष्कर्म मामले में दोषी करार दिया था, तो डेरे के दंगाइयों ने उत्पात मचाया था। मीडिया कर्मियों को पीटा गया था। कई लाइव ओबी वैनों में आग लगा दी थी। लोग कोर्ट वाले रास्ते पर आगे बढ़ने लगे थे, पुलिस ने वाटर कैनन और आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल शुरू किया था, लेकिन हजारों लोगों की भीड़ पर इसका कोई असर नहीं हुआ। भीड़ एकदम से ¨हसा फैलाती हुई कोर्ट की तरफ भागने लगी। देखते ही देखते पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों में भगदड़ मच गई थी। सेक्टर-2, 4, 10 और 11 की गलियों में उपद्रवी घुस चुके थे। स्थिति कंट्रोल से बाहर होती देख पुलिस, सेना और स्पेशल फोर्स ने गोलियां चलाई थी। सैकड़ों लोगों को गोलियां लगी थी, लगभग 32 लोगों की जान चली गई और 200 से अधिक घायल हो गए थे।