बराला और बबली के बीच तनातनी बढ़ी, भाजपा-जजपा गठबंधन के नेताओं की बढ़ी टेंशन
हरियाणा भाजपा के पूर्व प्रधान सुभाष बराला और विधानसभा चुनाव में उनको हराने वाले जजपा विधायक देवेंद्र बबली के बीच तनातनी बढती जा रही है। इससे भाजपा-जजपा नेताओं की टेंशन बढ गई है।
चंडीगढ़, जेएनन। हरियाणा भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सुभाष बराला और जननायक जनता पार्टी के टोहाना से विधायक देवेंद्र बबली के बीच तनातनी बढ़ गई है। कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर बबली को जजपा ने चुनाव लड़वाया था। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद पर रहते हुए सुभाष बराला को हराकर बबली सुर्खियों में आ गए थे। दोनों नेताओं के बीच पिछले काफी समय से तनातनी चल रही है।
सुभाष बराला को घेरने का कोई मौका नहीं चूक रहे जजपा विधायक देवेंद्र बबली
जजपा विधायक देवेंद्र बबली टोहाना विधानसभा क्षेत्र में पिछले काफी समय से सुभाष बराला के विरुद्ध अभियान छेड़े हुए हैैं। उनके कई ऐसे विवादित वीडियो भी सामने आए हैैं, जिन्हें भाजपा व जजपा गठबंधन की सेहत के लिए माकूल नहीं माना जा सकता। हालांकि यह वीडियो प्रायोजित भी बताए जा रहे हैैं, लेकिन नारनौंद से जजपा विधायक रामकुमार गौतम के बाद देवेंद्र बबली के विरोधी सुरों ने गठबंधन के नेताओं की चिंता बढ़ा दी है।
विधायक देवेंद्र बबली के गठबंधन और अपनी पार्टी के नेताओं के विरुद्ध जो भी तलख टिप्पणियां चल रही हैैं, उनके आगे-पीछे से एडिट कर सोशल मीडिया पर चलाया गया है। जजपा ने इसे अपने राजनीतिक विरोधियों की चाल बताते हुए बबली से बातचीत की है। सुभाष बराला ने भी इन तमाम मुद्दों पर बुधवार को जजपा के प्रदेश अध्यक्ष स. निशान सिंह से मुलाकात की।
बराला ने की जजपा के प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह से मुलाकात, संयम बरतने की सलाह
सुभाष बराला और निशान सिंह के बीच हुई मुलाकात को हालांकि किसान अध्यादेशों के समर्थन में गठबंधन के नेताओं की रणनीति तैयार करने की बैठक से जोड़कर पेश किया गया, लेकिन बताया जाता है कि इस बातचीत में बबली द्वारा बराला के विरुद्ध दिए जा रहे बयानों को आधार बनाकर उन पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया है। बबली ने भी अपनी पार्टी के नेताओं को कह दिया है कि उन्हें अपने हलके की राजनीति देखनी है। यदि वहां कुछ गलत होता है तो उसका विरोध करने में क्या गलत है।
दूसरी तरफ जजपा प्रदेशाध्यक्ष स. निशान सिंह ने कहा कि देवेंद्र बबली और सुभाष बराला दोनों हमारे सम्मानित हैैं। हर किसी को मर्यादा में रहकर बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी परिवार के सदस्य हैं। किसी के भी विरोधी व्यवहार को उचित नहीं माना जा सकता।
उन्होंने कहा कि वर्षों से देवीलाल परिवार की तपस्या और पारिवारिक विरासत के कारण दुष्यंत चौटाला नेता बने हैं। वह अपनी क्षमता के बलबूते सरकार में डिप्टी सीएम हैं। इसलिए कोई ऐसा कार्य नहीं होना चाहिए, जिससे गठबंधन की गरिमा को ठेस पहुंचे और कांग्र्रेस अपने मंसूबों में कामयाब हो सके। सुभाष बराला को भी समन्वय बनाकर चलने की सलाह दी गई है।