ऐतिहासिक तीर्थस्थल सकेतड़ी मंदिर में लाखों की चोरी, सीसीटीवी में हुए कैद
ऐतिहासिक प्राचीन शिव मंदिर महादेवपुरा सकेतड़ी में चोरों ने मूर्तियों पर लगे गहनों पर हाथ साफ कर लिया।
पंचकूला [राजेश मलकानियां]। उत्तर भारत के ऐतिहासिक प्राचीन शिव मंदिर महादेवपुरा सकेतड़ी में गत देर रात चोरों ने सेंधमारी की। चोर भगवान की मूर्तियों पर चढ़े लाखों रुपये के गहनों पर हाथ साफ कर गए। सोमवार सुबह जब पंडित मंदिर खोलने पहुंचे तो वहां ताले टूटे हुए थे। इसकी सूचना मंदिर कमेटी को दी गई। मंदिर प्रधान केशोराम गुप्ता अन्य पदाधिकारियों सहित मौके पर पहुंचे। प्रबंधकों ने जब मूर्तियों को देखा तो उनके आभूषण गायब थे। यह आभूषण लगभग 15 से 20 लाख रुपये के बताए जा रहे हैं। वहीं लोगों ने इस मामले की जांच को लेकर मनसा देवी कॉप्लेक्स रेलवे अंडरब्रिज के पास जाम लगा दिया।
बताया जा रहा है कि 22 से 35 साल के बीच उम्र के पांच-छह युवक सीसीटीवी में कैद हुए हैं। यह युवक रात लगभग 1.55 बजे के अंदर घुसे। उन्होंने सबसे पहले शिव मंदिर, फिर राम मंदिर, उसके बाद नवदुर्गा मंदिर के ताले तोड़े और चोरी को अंजाम दिया। चोर दो शिव मंदिर, राम मंदिर, हनुमान, नवदुर्गा मंदिर, राधा कृष्ण की मूर्तियों पर चढ़े सभी आभूषण चोरी कर लिए।
प्रधान केशोराम ने घटना की जानकारी तुरंत मनसा देवी पुलिस थाने में दी, जहां से थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे। पुलिस के अनुसार सीसीटीवी फुटेज में आरोपितों की फुटेज कैद हो गई, जिनकी जल्द ही पहचान करके उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
वहीं जैसे ही ग्रामीणों को सूचना मिली कि महादेवपुरा सकेतड़ी मंदिर में चोरी हो गई है तो लोग तुरंत मौके पर पहुंचे। उन्होंने पुलिस प्रशासन एवं मंदिर की सुरक्षा को लेकर प्रबंधन समिति के प्रयासों पर सवाल उठाया। लोगों ने मांग की कि तुरंत चोरों को गिरफ्तार करके भगवान की मूर्तियों से चोरी हुए आभूषणों को बरामद किया जाए।
बता दें, महादेवपुरा सकेतड़ी मंदिर में नवदुर्गा मंदिर पूरे उत्तरी भारत में पहला मंदिर है, जहां पर माता के नौ रूप शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, कूष्मांडा, स्कंधमाता, चंद्रघंटा, कत्यायनी, कालरात्रि, सिद्धीदात्री दर्शाये गए हैं। इसकी परिक्रमा, फर्श, एक लंगर हाल भी तैयार किया गया है। महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर सकेतड़ी में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है।
सावन के महीने में इस मंदिर में मेला लगता है। सैकड़ों श्रद्धालुओं के दल हरिद्वार से गंगाजल लेकर यहां पहुंचते हैं और श्रावण माह की शिवरात्रि पर पवित्र शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाते हैं। सावन के महीने में जितने रविवार आते हैं, उनमें खीर पूड़े का भंडारा भी लगता है।
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