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जाट सहित 6 जातियों को आर्थिक आधार पर दिए जा रहे आरक्षण पर लगी रोक

पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने जाटों सहित 6 जातियों को आर्थिक आधार पर मिलने वाले आरक्षण पर रोक लगा दी है। मामले में हरियाणा सरकार से जवाब तलब किया गया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 10 Aug 2017 05:04 PM (IST)Updated: Thu, 10 Aug 2017 05:05 PM (IST)
जाट  सहित 6 जातियों को आर्थिक आधार पर दिए जा रहे आरक्षण पर लगी रोक
जाट सहित 6 जातियों को आर्थिक आधार पर दिए जा रहे आरक्षण पर लगी रोक

जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने जाटों सहित 6 जातियों को आर्थिक आधार पर आरक्षण का लाभ पाने वाली जातियों की श्रेणी में शामिल करने पर रोक लगाते हुए हरियाणा सरकार से जवाब तलब किया है। हाई कोर्ट ने इन 6 जातियों को आर्थिक आधार पर आरक्षण का लाभ देने के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश जारी किया।

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मामले में विकास व अन्य की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए हरियाणा सरकार के जून 2017 के प्रशासनिक आदेशों को चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता की ओर से बहस करते हुए सीनियर एडवोकेट वीके जिंदल तथा एडवोकेट गोबिंद शर्मा ने हरियाणा सरकार के इस निर्णय को कानून के विरुद्ध करार दिया। याची ने कहा कि हरियाणा सरकार ने 2013 की नोटिफिकेशन के माध्यम से सामान्य श्रेणी की जातियों को आर्थिक आधार पर आरक्षण का लाभ देने का फैसला लिया था। इस नोटिफिकेशन में यह स्पष्ट था कि जिस जाति को किसी और श्रेणी में आरक्षण का लाभ मिला है उसे इस श्रेणी में आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाएगा।

इसके साथ ही जाटों सहित 6 जातियों को हरियाणा सरकार ने नोटिफिकेशन के माध्यम से चुनौती दी थी। इन 6  जातियों को आरक्षण का लाभ देने पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी। इसके बाद एक्ट बनाकर इन जातियों को आरक्षण का लाभ दिया गया था। हाईकोर्ट द्वारा उस एक्ट पर भी रोक लगा दी गई थी और उस एक्ट को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट फैसला सुरक्षित रख चुका है।

याची की मुख्य दलील यह रही कि जाट, जट सिख, रोड़, बिश्नोई, त्यागी तथा मुल्ला जाट/मुस्लिम जाट को एक्ट के माध्यम से आरक्षण प्रदान किया गया है। इस आरक्षण पर रोक है, लेकिन एक्ट अभी भी कायम है इसे खारिज नहीं किया गया है। ऐसे में इस एक्ट के रहते इन 6 जातियों को आर्थिक आधार पर आरक्षण का लाभ दिया ही नहीं जा सकता है।

जस्टिस महेश ग्रोवर और जस्टिस राज शेखर अत्री की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार के जून 2017 के प्रशासनिक आदेशों पर रोक लगाते हुए हरियाणा सरकार को 14 सितंबर के लिए नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं। ऐसे में अब याचिका लंबित रहते नौकरी या शिक्षण संस्थानों में प्रवेश में जाट, जट सिख, रोड़, बिश्नोई, त्यागी तथा मुल्ला जाट/मुस्लिम जाट को आर्थिक आधार पर आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा।

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