प्रभु की प्रत्येक लीला रास है : डॉ.अमृता दीदी
जासं, पंचकूला : पंचकूला गोशाला ट्रस्ट की ओर से श्रीमाता मनसा देवी गोधाम में श्रीमद्भागवत कथा अ
जासं, पंचकूला : पंचकूला गोशाला ट्रस्ट की ओर से श्रीमाता मनसा देवी गोधाम में श्रीमद्भागवत कथा और गोपाष्टमी उत्सव के दौरान श्रीकृष्ण विवाह की लीला दिखाई गई। कथा व्यास डॉ.अमृता दीदी ने श्रीकृष्ण विवाह की कथा सुनाई। इस अवसर पर गोसेवा आयोग हरियाणा के चेयरमैन भानीराम मंगला भी उपस्थित थे। गोधाम के प्रधान कुलभूषण गोयल, महासचिव डॉ. नरेश मित्तल ने अतिथियों का स्वागत किया।
कथा व्यास डॉ. अमृता दीदी ने बताया कि महाराज भीष्म अपनी पुत्री रुक्मिणी का विवाह श्रीकृष्ण से करना चाहते थे, लेकिन उनका पुत्र राजी नहीं था। वह रुक्मिणी का विवाह शिशुपाल से करना चाहता था। रुक्मिणी इसके लिए जारी नहीं थीं।
विवाह की रस्म के अनुसार जब रुक्मिणी माता पूजन के लिए आई तब श्रीकृष्णजी उन्हें अपने रथ में बिठा कर ले गए। तत्पश्चात रुक्मिणी का विवाह श्रीकृष्ण के साथ हुआ। ऐसी लीला भगवान के सिवाय दुनिया में कोई नहीं कर सकता। भागवत कथा ऐसा शास्त्र है, इसके प्रत्येक पद से रस की वर्षा होती है। इस शास्त्र को शुक्रदेव मुनि राजा परीक्षित को सुनाते हैं। राजा परीक्षित इसे सुनकर मरते नहीं, बल्कि अमर हो जाते हैं। प्रभु की प्रत्येक लीला रास है। हमारे अंदर प्रति क्षण रास हो रहा है, सास चल रही है तो रास भी चल रहा है, यही रास महारास है इसके द्वारा रस स्वरूप परमात्मा को नचाने के लिए एवं स्वयं नाचने के लिए प्रस्तुत करना पड़ेगा, उसके लिए परीक्षित होना पड़ेगा। जैसे गोपिया परीक्षित हो गई। इस अवसर पर डा. नरेश मित्तल, भूपिंद्र गौयल, सुरिंद्र बंसल, कुसुम गुप्ता, राजकुमार भौजिया, तेजपाल गुप्ता, मिठन लाल, हरगोबिंद गोयल, दीपक बंसल, रेखा, डा. नरेश मित्तल, अल्का, भूपिंद्र गोयल, सुरेश, सुरिंद्र बंसल, शारदा, कुसुम गुप्ता, स्वर्ण लता, राजकुमार भौजिया, विमला, तेजपाल गुप्ता, प्रेमलता, एसपी सिंगला, अमितापाल, पीसी गुप्ता, रमन, संजीव गोयल, सुनीता, अशोक गर्ग, बबीता, दीपक बंसल, मिठन लाल, एकता, हरीश गोयल, मीना, हरगोबिंद गोयल, प्रवीण, केवल गर्ग, अजय गर्ग, कौशल्या, वेदप्रकाश गर्ग, अंशु अग्रवाल, टीना, परवींद गर्ग, एकता, सतीश सिंगला भी उपस्थित थे।