Haryana assembly session: अगले दस साल तक लोकसभा व विधानसभा सीटों पर आरक्षण को मंजूरी
हरियाणा के 17 विधानसभा क्षेत्रों तथा दो लोकसभा क्षेत्रों में अगले दस साल के लिए आरक्षण लागू हो गया है। विधानसभा ने यह बिल पास कर दिया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा ने संविधान संशोधन (126वां) बिल को पास कर दिया है। इसके साथ ही केंद्र सरकार के बाद अब हरियाणा सरकार द्वारा भी संशोधित एससी/एसटी एक्ट पर मोहर लगाए जाने के बाद हरियाणा के 17 विधानसभा क्षेत्रों तथा दो लोकसभा क्षेत्रों में अगले दस साल के लिए आरक्षण लागू हो गया है। इससे पूर्व राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य के अभिभाषण के साथ सत्र की शुरुआत हुई। राज्यपाल ने दो मिनट अभिभाषण पढ़ा। राज्यपाल ने कहा कि चूंकि आज हरियाणा विधानसभा का विशेष सत्र है, इसलिए विस्तृत अभिभाषण बजट सत्र में पढ़ूंगा। इसके साथ ही राज्यपाल ने अपना अभिभाषण खत्म कर दिया।
विधानसभा में पास संविधान (126वां संशोधन) बिल 2019 के माध्यम से हरियाणा में इस एक्ट को लागू करने का प्रस्ताव है। लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं में एससी, एसटी की सीटों का आरक्षण 25 जनवरी, 2020 को समाप्त हो रहा है। इसे 10 वर्ष के लिए बढ़ाने को केंद्र सरकार ने संसद में विधेयक पारित कराया था, जिसे अब राज्य विधानसभाओं द्वारा मंजूरी दी जा रही है। हरियाणा में लोकसभा की दो और विधानसभा की 17 सीटें एससी के लिए आरक्षित हैं। संशोधन विधेयक के पारित होने से यह सीटें अगले दस साल के लिए फिर से आरक्षित हो गई हैं। केंद्र सरकार ने संशोधन विधेयक को लगभग तीन सप्ताह पहले शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में पास कराया था।
सोमवार को विधानसभा की कार्यवाही के दौरान सदन के नेता एवं मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि संविधान के अनुच्छेद 368 के उपबंध दो के अंतर्गत आते सभी संवैधानिक संशोधन, संविधान (126वां संशोधन) बिल 2019 के माध्यम से हरियाणा में इस एक्ट को लागू करने का प्रस्ताव है। सीएम द्वारा सदन में प्रस्ताव पेश किए जाने का नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत अन्य सभी विधायकों ने समर्थन किया। जिसके चलते हरियाणा विधानसभा में संशोधित एससी/एसटी एक्ट को सर्वसम्मति से पास कर दिया गया।
क्या है हरियाणा में आरक्षण की स्थिति
हरियाणा में लोकसभा की कुल 10 लोकसभा सीटों में से अंबाला और सिरसा लोकसभा सीट आरक्षित हैं, जबकि विधानसभा की कुल 90 सीटों में से 17 सीटें आरक्षित हैं। इनमें मुलाना, सढौरा, शाहबाद, गुहला, नीलोखेड़ी, इसराना, खरखौदा, नरवाना, कालांवाली, रतिया, उकलाना, बवानीखेड़ा, झज्जर, कलानौर, बावल, पटौदी, होडल शामिल हैं। विधानसभा में यह बिल पारित होने के बाद उक्त लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों का आरक्षण दस वर्ष के लिए बढ़ गया है।
ये बिल भी हुए पेश
- नगर पालिका संशोधन विधेयक 2019 को मंज़ूरी
- मोटर वहीकल हरियाणा संशोधन विधेयक 2019
- हरियाणा पंचायती राज संशोधन विधेयक 2019
- हरियाणा ग्रुप D भर्ती एवं सेवा संशोधन विधेयक 2019
शमशेर सिंह सुरजेवाला के निधन पर शोक जताया
इससे पूर्व, सदन में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पूर्व मंत्री शमशेर सिंह सुरजेवाला के निधन पर शोक जताया। इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री ईश्वर दयाल स्वामी, पूर्व सांसद अश्विनी कुमार और हेतराम के साथ ही दिवंगत स्वतंत्रता सेनानियों और हरियाणा के शहीदों को भी श्रद्धांजलि दी गई।
लोकसभा सचिवालय के अफसर देंगे विधायकों को ट्रेनिंग, एमपी भी बुलाए
हरियाणा के विधायकों को कल से विधायी कार्यों की ट्रेनिंग मिलेगी। दो दिवसीय इस ट्रेनिंग कोर्स में लोकसभा सचिवालय के अधिकारियों के साथ-साथ स्वयं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला विधायकों को विधायी कार्यों का प्रशिक्षण देंगे। विधायकों के इस ट्रेनिंग प्रोग्र्राम में सभी 10 सांसदों और चार राज्यसभा सदस्यों को भी बुलाया गया है।
हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में 44 विधायक पहली बार चुनकर आए हैैं, जबकि 18 विधायक ऐसे हैैं, जो दूसरी बार चुनाव जीते हैैं। विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के अनुसार हरियाणा में ऐसा पहली बार होगा, जब विधायकों को विधानसभा के भीतर ही ट्रेनिंग मिलेगी। अभी तक ऐसे शिविर विधानसभा के बाहर ही आयोजित किए जाते रहे हैैं। अगले दिन बुधवार को शाम तीन बजे विधायकों के ट्रेनिंग कार्यक्रम का समापन होगा, जिसमें लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला शामिल होंगे। विधायकों के ट्रेनिंग कार्यक्रम में मंच पर मुख्यमंत्री के अलावा विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी रहेंगे।
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