Move to Jagran APP

Exclusive Interview: गोल्डन ब्वाय नीरज चोपड़ा बोले- कभी-कभी कमी भी बन जाती है वरदान, प्रतिभा को सहारा जरूरी

Exclusive Interview With Neeraj Chopra गाेल्‍डन ब्‍वाय नीरज चोपड़ा का कहना है कि कभी-कभी जीवन में अभाव या कमी वरदान भी बन जाती है। उन्‍होंने एक्‍सक्‍लुसिव इंटरव्यू में कहा कि साधन संपन्‍न लोग प्रतिभाशाली खिलाडि़यों की मदद करें। प्रतिभा को मदद देना जरूरी है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 19 Aug 2021 01:05 AM (IST)Updated: Thu, 19 Aug 2021 06:32 PM (IST)
Exclusive Interview: गोल्डन ब्वाय नीरज चोपड़ा बोले- कभी-कभी कमी भी बन जाती है वरदान, प्रतिभा को सहारा जरूरी
ओलिंपक मं स्‍वार्ण पदक जीतने बाले नीरज चोप्‍डा । (फाइनल ुाओ। )

चंडीगढ़, राज्‍य ब्‍यूरो। टोक्‍यो ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले हरियाणा के गोल्‍डन ब्‍वाय नीरज चोपड़ा का कहना है कि जीवन में कभी-कभी अभाव या कमी वरदान भी बन जाती है। देश और प्रदेश में प्रतिभाशाली खिलाडि़यों को मदद देना जरूरी है। साधन-संपन्‍न लोग प्रतिभाशाली खिलाडि़यों की मदद करें ताे हम खेल की दुनिया में काफी बढ़ जाएंगे।

loksabha election banner

नीरज चोपड़ा टोक्यो ओलिंपिक में मिली सफलता से खासे उत्साहित हैं। इस उत्साह को नीरज भाला फेंक (जेवलिेन थ्रो) प्रतियोगिताओं में अपना प्रदर्शन सुधारने पर लगाना चाहते हैं। उनका टारगेट 90 मीटर तक भाला फेंकने का है। टोक्यो में 87.58 मीटर तक भाला फेंककर नीरज ने गोल्ड मेडल जीता है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिलने चंडीगढ़ पहुंचे नीरज चोपड़ा से राज्य ब्यूरो प्रमुख अनुराग अग्रवाल से हुई बातचीत प्रमुख अंश-

 - एथलेटिक्स में सबसे अधिक दूरी तक भाला फेंककर कैसा महसूस हो रहा। क्या आपको गोल्ड की उम्मीद थी?

- ओलिंपिक खेलों में मेरा सपना गोल्ड जीतने का था। जब कोई सपना पूरा होता है तो खुशी होती है। मैं अपना गोल्ड मेडल देश और प्रदेश की जनता को समर्पित करता हूं।

हरियाणा के मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल के साथ नीरज चोपड़ा। (जागरण)

- जेवलिन थ्रो कोई बहुत ज्यादा पापुलर गेम नहीं है, लेकिन आपकी मेहनत ने इसे नई पहचान प्रदान की?

 - यह बात सही है। मेरा खेल बहुत ज्यादा लोकप्रिय नहीं था। बावजूद इसके निरंतर प्रयास करते हुए अपना बेस्ट दिया। आने वाले दिनों में बच्चे और उभरते हुए खिलाड़ी इस सफलता से प्रेरित होंगे। इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं में जेवलिन थ्रो गेम का भविष्य बहुत अच्छा है।

 - आप आज एक बड़े स्टार बन गए, लेकिन इस सफलता के पीछे संघर्ष की क्या कहानी है?

- अधिकतर खिलाड़ी मध्यम श्रेणी परिवार से होते हैं। उन्हें यदि सुविधाएं मिलें तो वह सफलता के मुकाम हासिल कर सकते हैं। मुझे सेना की ओर से काफी सहयोग और समर्थन मिला है।

 - आपकी प्रारंभिक प्रैक्टिस कहां हुई, जेवेलिन थ्रो के प्रति रुझान कैसे बढ़ा?

- मैं पानीपत के स्टेडियम में जाया करता था। वहां कुछ युवाओं को भाला फेंकते हुए देखा। अच्छा लगा तो इस खेल को अपना लिया। उसी स्टेडियम में मैंने अपनी प्रैक्टिस की। अब मुझे पता चला है कि कुछ लोग इस ग्राउंड को अन्य कामों में इस्तेमाल कर रहे हैं और करना चाहते हैं। यह ठीक नहीं है।

  - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाल ही में आपकी मुलाकात हुई है। उनके साथ मुलाकात कर कैसा महसूस हुआ?

- प्रधानमंत्री जी ने मुझे प्यार और आशीर्वाद दिया। उनका साथ मुझे हमेशा याद रहेगा। ऐसा ही स्नेह मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी से प्राप्त हुआ। प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा और आशीर्वाद मुझे आगे बढ़ने का साहस देगी।

- हरियाणा सरकार पंचकूला में एक्सीलेंस सेंटर आफ एथलेटिक्स बनाने जा रही है। इसकी जिम्मेदारी संभालने को तैयार हैं?

 - यह केंद्र खेलों को बढ़ावा देने के लिए कारगर साबित होगा। मुझसे जो हो सकेगा, उससे कहीं अधिक क्षमता से नए खिलाड़ी तैयार करूंगा।

 - हरियाणा सरकार ने हाल ही में राज्यस्तरीय समारोह का आयोजन किया था, लेकिन आपकी कमी सभी को खली?

- मुझे सम्मान समारोह में नहीं पहुंच पाने का काफी मलाल है, लेकिन मुख्यमंत्री जी से मिलकर सारा मलाल दूर हो गया। हरियाणा सरकार ने महिला हाकी टीम में शामिल राज्य की नौ लड़कियों को सम्मान राशि दी। इसकी मुझे बहुत खुशी हुई।

 - जिस तरह से आपको पूरा देश सम्मान दे रहा है। आपकी पर्सनल्टी और लुक भी अच्छा है?

  - मैं समझ गया कि आप क्या कहना या पूछना चाहते हैं। मैं अपने खेल प्रदर्शन को और अच्छा करने पर पूरा ध्यान लगाऊंगा। मेरी इच्छा 90 मीटर तक भाला फेंकने की है। मैं अभी से इसकी प्रैक्टिस जारी रखूंगा।

 - खेल के मैदान पर प्रैक्टिस करने वाले खिलाडि़यों को सफलता का क्या मूल मंत्र देना चाहेंगे?

- मुझे खुशी है कि आज एथलेटिक्स को हर कोई जान गया। काफी खिलाड़ी ऐसे हैं, जिनके घर में कोई न कोई कमी होती है। साधन-संपन्न लोग उनका सहयोग कर सकते हैं, लेकिन खिलाडि़यों में पदक जीतने की भूख होनी चाहिए। कभी-कभी अभाव या कमी ही वरदान बन जाती है।

 मुख्‍य बिंदु

- जब कोई सपना पूरा होता है तो खुशी होती ही है।

- तैयारी में मुझे सेना की ओर से पूरा सहयोग मिला।

- पानीपत स्टेडियम का इस्तेमाल सिर्फ खेल के लिए हो।

- मध्यम श्रेणी परिवार के बच्चों को सहयोग की जरूरत।

 -------

 हरियाणा का लाल नीरज चोपड़ा देश का गौरव : मनोहर लाल

 '' हरियाणा का लाल नीरज चोपड़ा देश का गौरव है। नीरज ने देश के साथ-साथ हरियाणा ही नहीं अपने गांव और परिवार का भी नाम रोशन किया है। नीरज की इस उपलब्धि में परिवार का बड़ा योगदान है। परिवार के योगदान के परिणामस्वरूप ही नीरज ने देश का गौरव बढ़ाने का काम किया। इसमें कोई संदेह नहीं है कि हरियाणा सरकार खेल व खिलाडि़यों को प्रोत्साहित करने के लिए काफी काम कर रही है। सहयोग का यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।

                                                                                                  - मनोहर लाल, मुख्यमंत्री, हरियाणा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.