नए हरियाणा भाजपा अध्यक्ष की नियुक्ति के साथ कुछ मंत्रियों पर गिरेगी गाज, होंगे कैबिनेट से आउट
हरियाणा भाजपा के नए अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद मनाेहरलाल सरकार के कुछ मंत्रियों पर गाज गिरेगी। इन मंत्रियों को कैबिनेट से बाहर किया जा सकता है।
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा में कोरोना महामारी के बीच राजनीतिक गतिविधियों ने अचानक जोर पकड़ लिया है। भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति और बरोदा विधानसभा सीट उपचुनाव की तारीख की अटकलों के बीच मनोहरलाल कैबिनेट में बदलाव तय माना जा रहा है। पिछले मंत्रिमंडल के मुकाबले इस बार के मंत्रिमंडल में दमदार चेहरों का अभाव है और कुछ मंत्रियों का कामकाज संताेषजनक नहीं है। ऐसे में माना जा रहा है कि हरियाणा भाजपा के नए अध्यक्ष की नियुक्ति के साथ ही इन मंत्रियों पर गाज गिर सकती है और इनको मंत्रिमंडल से बाहर किया जाएगा।
मंत्रिमंडल से कुछ मंत्री हो सकते हैं आउट, कुछ के विभागों में बदलाव
कई मंत्री ऐसे हैं, जिनके कामकाज की रिपोर्ट भी संतोषजनक नहीं है। ऐसे मंत्रियों को चिन्हित किया जा चुका है। हालांकि इन मंत्रियों ने पिछले एक पखवाड़े में अपने कामकाज में सुधार का काफी प्रयास किया, लेकिन नौ माह में रिजल्ट नहीं दे पाने वाले इन मंत्रियों से एक पखवाड़े में रिजल्ट की उम्मीद की जानी बेमायने है।
हरियाणा की भाजपा सरकार में जननायक जनता पार्टी भी साझीदार है। मनोहर कैबिनेट में मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री समेत 12 मंत्री हैं। यानी एक से दो मंत्री तक और बनाए जा सकते हैं। बरोदा उपचुनाव सिर पर है। इसलिए सरकार को कैबिनेट में बदलाव का आधार मिल गया है। इस बारे में मुख्यमंत्री मनोहर लाल भाजपा नेतृत्व से चर्चा कर चुके हैं। इइसके साथ ही उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चाैटाला की भाजपा हाईकमान से नजदीकियां बढ़ रही हैं। इसका लाभ भी जजपा को मिल सकता है।
भाजपा हाईकमान के साथ बढ़ रही दुष्यंत की नजदीकियां दे रहीं कई संकेत
जजपा के विधायकों में मंत्री या चेयरमैन बनने का सबसे ज्यादा उतावलापन है। जजपा के दस विधायकों में से एक दुष्यंत चौटाला खुद डिप्टी सीएम हैं और अनूप धानक राज्यमंत्री हैं। बाकी बचे आठ विधायकों में से छह विधायक अपने भीतर की भड़ास को किसी तरह काबू में रखे हुए हैं। इसकी एक वजह यह भी है कि यदि वे विद्रोह का बिगुल बजाते भी हैं तो सरकार पर कोई विपरीत असर नहीं पड़ता, क्योंकि निर्दलीय विधायक सरकार को पूरी मजबूती के साथ संभाले हुए हैं।
जजपा के विधायकों को बोर्ड एवं निगमों के चेयरमैन पद पर एडजेस्ट करने का खाका लगभग तैयार हो चुका है। सूत्रों के अनुसार धीरे-धीरे आठ चेयरमैन बनाए जा सकते हैं। इनमें अधिकतर जजपा के विधायक होंगे। जजपा कोटे से एक मंत्री भी बन सकता है, जबकि भाजपा कोटे के एक कैबिनेट व दो राज्य मंत्रियों की परफारमेंस ठीक नहीं होने की वजह से उनसे कामकाज वापस लिया जा सकता है। एक अन्य राज्यमंत्री का कामकाज संतोषजनक नहीं है, लेकिन उन्हेंं जातीय समीकरण का लाभ मिल सकता है। इसलिए उनके पास अभी भी अपनी परफारमेंस दिखाने का मौका है।
भाजपा अपने मौजूदा मंत्रियों के कामकाज में भी बदलाव कर सकती है। मंत्रिमंडल में जातीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए बरोदा सीट का उपचुनाव जीतने तथा प्रदेश की जनता को नतीजे देने की मंशा से बदलाव का खाका तैयार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल तो हाईकमान के साथ चर्चा कर ही चुके हैं, साथ ही डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला भी हाईकमान के पूरी तरह से टच में हैं।
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की भाजपा हाईकमान के साथ जितनी गलबहियां बढ़ती जा रही हैं, उन्हेंं लेकर भी तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि इस पूरे समीकरण को कहीं न कहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अपने विरोधियों के प्रति अंदरूनी गेम के रूप में भी माना जा रहा है। मुख्यमंत्री कार्यालय में भी नई इंट्री की संभावना के आसार बताए जा रहे हैं। वहां मौजूद अफसरों के कामकाज का तीसरी आंख आकलन कर रही है।
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