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नगर निगम चुनाव में कमल खिलाने को भाजपा ने बनाया सोशल इंजीनियिरंग का फार्मूला

हरियाणा में पांच नगर निगम चुनाव में जीत के लिए भाजपा ने सोशल इंजीनियरिंग का फार्मूला तैयार किया है। पाटी यह चुनाव जीतने को सारे दांव आजमाएगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 30 Nov 2018 01:19 PM (IST)Updated: Fri, 30 Nov 2018 01:19 PM (IST)
नगर निगम चुनाव में कमल खिलाने को भाजपा ने बनाया सोशल इंजीनियिरंग का फार्मूला
नगर निगम चुनाव में कमल खिलाने को भाजपा ने बनाया सोशल इंजीनियिरंग का फार्मूला

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। ह‍रियाणा में पांच नगर निगमों के चुनाव में जीत के लिए सोशल इंजीनिय‍रिंग फार्मूला तैयार किया है। पार्टी किसी तरह इस चुनाव में जीत हासिल करना चाहती है। यही कारण है कि भाजपा में नगर निगम के मेयर और पार्षद का टिकट हासिल करने के तलबगार कम नहीं हैं। कांग्रेस द्वारा सिंबल पर चुनाव नहीं लड़ने के एेलान और इनेलो-बसपा द्वारा सिर्फ मेयर का चुनाव पार्टी सिंबल पर लड़ने की घोषणा के बाद भाजपा के संभावित उम्मीदवारों को अपनी राह आसान लग रही है।

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भाजपा में कम नहीं टिकट के तलबगार, विधायक, जिलाध्यक्ष और चेयरमैन मांग रहे रिश्तेदारों के लिए टिकट

भाजपा में बोर्ड एवं निगमों के चेयरमैन, जिलाध्यक्ष और विधायक अपने रिश्तेदारों के लिए टिकट मांग रहे हैं। भाजपा सिर्फ जीतने वाले घोड़ों पर ही दांव लगाएगी। पार्टी का एकमात्र उद्देश्य हरियाणा के पांचों नगर निगमों में कमल का फूल खिलाना है, ताकि इस जीत का असर आने वाले विधानसभा चुनाव पर पड़ सके।

सीएम सिटी करनाल, रोहतक, पानीपत, हिसार और यमुनानगर निगमों में 16 दिसंबर को मेयर और पार्षद पदों के लिए वोट पड़ेंगे। राज्य में पहली बार मेयर पद के लिए सीधे वोट पड़ेंगे। मेयर का पद विधायक के समकक्ष माना जाता है। इसलिए मौजूदा विधायकों व मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।

प्रत्याशियों की हार-जीत पर ही उनका विधानसभा चुनाव का टिकट निर्भर करेगा। कुछ नेता ऐसे भी हैं, जिन्हें अपने टिकट की भले ही चिंता नहीं है, लेकिन वे अपने समानांतर मेयर को खड़ा करने के लिए धरातल पर काम करने में हिचक महसूस कर रहे हैं। मेयर की जीत के बाद विधायक की राजनीतिक पावर पर असर पड़ता है।

बहरहाल, भाजपा ने मेयर पद के उम्मीदवारों के लिए होम वर्क लगभग पूरा कर लिया है। 1 दिसंबर को नई दिल्ली में होने वाली प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की जा सकती है। पांचों निगमों के लिए संबंधित प्रभारी मंत्रियों ने तीन-तीन प्रत्याशियों के नामों का कच्चा पैनल तैयार कर लिया।

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भाजपा प्रभारी डाॅ. अनिल जैन और मुख्यमंत्री मनोहर लाल की मंजूरी के बाद प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए जाएंगे। पार्टी का एकमात्र उद्देश्य निगमों में कमल का फूल खिलाने का है। इसके लिए पार्टी टिकटों का बंटवारा करते हुए जातीय संतुलन साधने का काम करेगी।

नगर निगम चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर भाजपा सोशल इंजीनियिरंग का फंडा अपनाएगी। रोहतक, हिसार, पानीपत, करनाल और यमुनानगर विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के ही विधायक हैं। इसलिए इन हलकों में पार्टी विधायकों की जाति के विपरीत विपरीत दूसरी जातियों के उम्मीदवारों को अहमियत देगी। करनाल के विधायक मुख्यमंत्री मनोहर लाल पंजाबी हैं। इसलिए यहां वैश्य पर दांव खेला जा सकता है।

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हिसार में विधायक डाॅ. कमल गुप्ता वैश्य हैं तो यहां पंजाबी पर दांव खेलने की तैयारी है। यमुनानगर में विधायक घनश्याम अरोड़ा पंजाबी हैं। यहां अन्य कास्ट के जीतने वाले उम्मीदवार की तलाश है। रोहतक में मनीष ग्रोवर पंजाबी विधायक हैं। इसलिए यहां वैश्य अथवा अदर कास्ट पर दांव खेला जाएगा। पानीपत की विधायक रोहिता रेवड़ी पंजाबी हैं। इसलिए यहां वैश्य का नाम चल रहा है।

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