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Liquor Scam: पूरे हरियाणा में जांच करेगी SIT, हर थाना रडार पर, अवैध कारोबारियों के होश उड़े

हरियाणा के खरखौदा शराब घोटाले की जांच के लिए गठित एसआइटी के दायरे में पूरा राज्‍य होगा। वह पूरे राज्‍य में शराब कारोबार की जांच करेगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 12 May 2020 10:54 AM (IST)Updated: Tue, 12 May 2020 10:54 AM (IST)
Liquor Scam: पूरे हरियाणा में जांच करेगी SIT, हर थाना रडार पर, अवैध कारोबारियों के होश उड़े
Liquor Scam: पूरे हरियाणा में जांच करेगी SIT, हर थाना रडार पर, अवैध कारोबारियों के होश उड़े

चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा में लाॅकडाउन के दौरान सोनीपत के खरखौदा में हुए शराब घोटाले के उजगार होने के बाद गठित विशेष जांच दल (एसआइटी) की जांच का दायरा व्‍यापक होगा। पॉवरफुल आइएएस अफसर टीसी गुप्‍ता के नेतृत्‍व वालीे एसआइटी के रडार पर हर जिला और थाना होगा। यह पूरे राज्‍य में शराब के कारोबार की जांच करेगी। माना जा रहा है कि एसआइटी शराब के अवैध कारोबार में लगे लोगों को बेनकाब करेगी। इससे राज्‍य मेें शराब के अवैध कारोबार की परतें खुलने की उम्‍मीद है। सरकार ने साफ कर दिया है कि एसआइटी की रिपोर्ट के आधार पर कड़े कदम उठाए जाएंगे।

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बेहद पावरफुल और सीएम मनोलरलाल के भरोसेमंद अफसर माने जाते हैं टीसी गुप्‍ता

बता दें कि हरियाणा सरकार ने सोमवार को शऱाब घोटाले की जांच के लिए गठित एसआइटी का नेतृत्व सीनियर आइइएस अधिकारी टीसी गुप्ता सौंपने का फैसला किया था। टीसी गुप्ता हरियाणा सरकार में पावरफुल अधिकारी हैं। उनको मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल का भरोसेमंद अधिकारी माना जाता है और वह मुख्यमंत्री कार्यालय में सीएम की घोषणाओं के क्रियान्वयन की मानीटरिंग करते हैं।

हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने शराब घोटाले की जांच के लिए एसआइटी प्रमुख के तौर पर तीन अधिकारियों के नाम मुख्यमंत्री के पास भेजे थे। इनमें सबसे पहला नाम चर्चित आइइएस अधिकारी डा. अशोक खेमका का था। दूसरे नंबर पर संजीव कौशल और तीसरे नंबर पर टीसी गुप्ता का नाम था।

हरियाणा सरकार एसआइटी की जांच का दायरा पहले ही बढ़ा चुकी है। एसआइटी प्रदेश के हर जिले में शराब के गोदामों व ठेकों पर स्टाक की जांच करने के साथ ही अवैध कारोबार में लगे लोगों को बेनकाब करेगी। इससे अभी से शराब के कोरोबारियों में हलचल मच गई है और अवैध कारोबार में लगे तत्‍वों के होश उड़ गए हैं।

इस कारण अशोक खेमका को नहीं दी गई एसआइटीकी कमान

हरियाणा सरकार ने इस शराब घोटाले की जांच की जिम्मेदारी अशोक खेमका को सौंपने से परहेज किया। खेमका गृह मंत्री अनिल विज की पहली पसंद थे, लेकिन किस अधिकारी को जांच सौंपनी है, इसका फैसला मुख्यमंत्री को करना था। खेमका और मुख्यमंत्री कार्यालय का भाजपा सरकार में कई बार टकराव हो चुका है। अन्‍य सरकारों के समय भी खेमका का टकराव होता रहा है। समझा जाता है कि उनके तेवरों के कारण ही एसआइटी की कमान किसी अन्‍य अधिकारी को सौंपना उचित समझा गया।

एडीजीपी विजिलेंस सुभाष यादव एसआइटी का कार्यकाल पूरा होते ही हो जाएंगे रिटायर

एसआइटी में हाल ही में प्रमोट हुए एडीजीपी विजिलेंस सुभाष यादव तथा एडीशनल आबकारी एवं कराधान आयुक्त विजय सिंह पहले से शामिल हैं। सुभाष यादव की रिटायरमेंट 31 मई को है। एसआइटी को अपनी जांच रिपोर्ट कार्य आरंभ करने से एक माह के भीतर देनी थी, लेकिन अब 31 मई तक रिपोर्ट देने को कहा गया है। अगर ऐसा नहीं होता तो या तो सरकार को सुभाष यादव को सेवा विस्तार देना पड़ता अन्यथा उन्हेंं रिपोर्ट तैयार होने से पहले ही एसआइटी से अलग होना पड़ जाता।

एसआइटी प्रमुख के तौर पर टीसी गुप्ता के सामने अवैध शराब के बड़े कारोबारियों को बेनकान करने की बड़ी चुनौती होगी। पिछली हुड्डा सरकार में टीसी गुप्ता जितने पावरफुल अधिकारी थे, उससे कहीं अधिक पावरफुल अब हैं। मनोहर सरकार ने उन्हेंं बिजली, रोजगार, अक्षय ऊर्जा तथा आवास विभागों का अतिरिक्त मुख्य सचिव भी बना रखा है। हरियाणा प्रशासनिक सुधार प्राधिकरण के सदस्य सचिव के तौर पर भी काम कर रहे टीसी गुप्ता के पास काम की बड़ी जिम्मेदारी है। ऐसे में वह प्रदेश के हर जिले में शराब के गोदामों तथा शराब ठेकों की जांच कैसे करेंगे, इस पर सबकी निगाह टिकी रहेगी।

पूरे प्रदेश के थाने-चौकियां खंगालेगी एसआइटी

एसआइटी का दायरा केवल सोनीपत तक सीमित नहीं रहेगा। एसआइटी पूरे प्रदेश के थाने-चौकियों के मालगोदाम की जांच करेगी। गृहमंत्री अनिल विज ने लॉकडाउन के दौरान हुए शराब घोटाले की जांच बीस दिन में पूरी करने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश के कई जिलों में शराब की गड़बडिय़ां सामने आई हैं। इसके चलते एसआइटी समूचे हरियाणा की जांच करेगी।

एसआइटी लॉकडाउन के दौरान प्रदेश के शराब के स्टॉक की भी पड़ताल करेगी। इसके अलावा यह भी पड़ताल की जाएगी कि अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2020 तक पुलिस विभाग द्वारा कितनी अवैध शराब पकड़ी गई और आबकारी विभाग ने कितना जुर्माना लगाया। इस मामले में काफी सख्त तेवर अपनाए हुए गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि एसआइटी को सभी पहलुओं को आधार बनाकर जांच करने के लिए कहा गया है। जांच रिपोर्ट में जो लोग दोषी पाए जाएंगे उन्हेंं किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।

पूरा आबकारी महकमा रडार पर

शराब घोटाले की जांच की आड़ में गृह मंत्री विज ने पूरे आबकारी महकमे को रडार पर लिया है। आबकारी विभाग द्वारा दो वर्षों में सील किए गए शराब गोदाम भी जांच में शामिल किया जाएंगे। लॉकडाउन के दौरान अवैध तरीके से बेची गई शराब का भी हिसाब होगा। एसआइटी तमाम वह स्टॉक खंगालेगी, जो पुलिस व एक्साइज विभाग द्वारा पकड़ा गया। यानी एसआइटी की जांच का दायरा पुलिस द्वारा अवैध तरीके से पकड़ी गई शराब के साथ-साथ एक्साइज विभाग तक बढ़ाया गया है। अवैध शराब की बिक्री पर एक्साइज विभाग द्वारा की गई कार्रवाई पर भी एसआइटी अपनी रिपोर्ट देगी।

लॉकडाउन से पहले रखी शराब और मौजूदा स्टॉक का होगा मिलान

जनता कर्फ्यू और इसके बाद लॉकडाउन पार्ट-दो तक प्रदेश के सभी एल-1 और एल-13 के गोदाम का स्टॉक जांचने का काम एसआइटी को दिया है। लॉकडाउन से पहले इनके गोदाम में रखे माल का मिलान लॉकडाउन खुलने के बाद मौजूदा स्टॉक से किया जाएगा। एसआइटी उन सभी वेयरहाउस और गोदामों की जांच भी करेगी जो पिछले दो वर्षों की अवधि के दौरान आबकारी विभाग द्वारा सील किए गए। इन सभी गोदामों के स्टॉक का रिकार्ड के साथ मिलान होगा।

एसआइटी इस बात का भी पता लगाएगी कि सीलिंग के समय जितनी शराब गोदाम में थी, वह अब भी है या नहीं। एसआइटी को यह भी पता लगाने को कहा है कि पहली अप्रैल, 2019 से 31 मार्च 2020 तक पुलिस तथा एक्साइज डिपार्टमेंट द्वारा कुल कितनी अवैध शराब पकड़ी गई। बिना स्टांप ड्यूटी के पकड़ी शराब की ऐवज में कितना जुर्माना किया। दोनों विभागों द्वारा की गई कार्रवाई की समीक्षा भी एसआइटी करेगी। पुलिस थानों के मालखाने से चोरी हुई शराब को लेकर प्रदेश में अलग-अलग जगहों पर दर्ज की गई एफआइआर को भी जांच के दायरे में लाया गया है।

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