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हरियाणा में नए घोटाले की आहट, हुआ पुराने बाजरे की खरीद का खेल, व्‍यापारी कर रहे स्‍टॉक

हरियाणा में एक और घोटाले की आहट मिल रही है। राज्‍य में काफी संख्‍या में व्‍यापारी किसानों से पुराना बाजरा जमकर सस्‍ते रेट पर खरीद रहे हैं। इसके बाद वे सरकार को महंगे रट पर बेचेंगे।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 17 Aug 2020 08:47 AM (IST)Updated: Mon, 17 Aug 2020 08:47 AM (IST)
हरियाणा में नए घोटाले की आहट, हुआ पुराने बाजरे की खरीद का खेल, व्‍यापारी कर रहे स्‍टॉक
हरियाणा में नए घोटाले की आहट, हुआ पुराने बाजरे की खरीद का खेल, व्‍यापारी कर रहे स्‍टॉक

नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। राजस्थान और उत्तर प्रदेश से लगती हरियाणा की मंडियों में इन दिनों बाजरे की खरीद जमकर हो रही है। दोनों प्रदेशों के किसानों और व्यापारियों से यह बाजरा हरियाणा के व्यापारी 1250 से 1300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीद रहे हैं। ये व्यापारी इस बाजरे का स्टॉक कर रहे हैं। इसके पीछे इन व्यापारियों की मंशा है कि वे इसे तब सरकार को बेचेंगे जब खरीफ की फसल के रूप में बाजरे के लिए तय न्यूनतम समर्थन मूल्य 2150 रुपये प्रति क्विंटल में सरकार खरीदेगी।

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व्यापारी उत्तर प्रदेश व राजस्थान से 1300 रुपये प्रति क्विंटल में खरीद स्टॉक कर रहे हैं बाजरा

इस पुराने बाजरे का स्टॉक कर रहे व्यापारी अपने संपर्क के उन किसानों से मेरी फसल मेरा ब्योरा ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकरण भी कराएंगे जिन्होंने बाजरा (साठा बाजरा) अपनी गेहूं की फसल के बाद नहीं बोया था। इससे उन किसानों को तो अपना बाजरा सरकारी दर पर बेचने में परेशानी होगी ही जो बाजरे की खरीफ की फसल लेते हैं। इसके अलावा व्यापारियों द्वारा पुराने व साठा बाजरा के स्टॉक को बेचने से सरकार को भी करोड़ों में चपत लग सकती है।

साठा बाजरे का भी हो रहा है स्टॉक

हरियाणा सरकार खरीफ की फसल के तौर पर बाजरे की खरीद 1 अक्टूबर से करेगी, लेकिन इससे पहले मंडियों में फिलहाल साठा बाजरा भी आ रहा है। साठा बाजरा वह होता है जिसकी बुवाई किसान गेहूं की फसल कटने के तुरंत बाद बोते हैं। बाजरे की यह फसल महज 60 दिन में ही तैयार हो जाती है। साठा बाजरे को सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नहीं खरीदती इसलिए किसान इसे फिलहाल 1250 रुपये से 1300 रुपये प्रति क्विंटल के बाजार भाव में बेच रहे हैं। इसका व्यापारी स्टॉक कर रहे हैं।

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'' बाजरे की इस तरह खरीद और स्टॉक करने का मामला मेरे संज्ञान में है। मैंने तो इस बाबत मुख्यमंत्री को एक पत्र के माध्यम से इस बाबत समय रहते कार्रवाई का सुझाव भी दिया है। यदि बाजरे की इस खरीद और स्टॉक पर रोक नहीं लगाई गई तो निश्चित तौर पर सरकार को चपत लगेगी। मुझे विश्वास है कि राज्य सरकार इस मामले पर तात्कालीक रूप से कार्रवाई करेगी।

                                                                                - धर्मबीर सिंह, भाजपा सांसद, भिवानी-महेंद्रगढ़।


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