गीता जयंती के समापन पर निकाली शोभायात्रा
जिला स्तरीय तीन दिवसीय गीता जयंती समारोह का समापन इंद्रधनुष ऑडिटोरियम सेक्टर-5 में हुआ।
जागरण संवाददाता, पंचकूला : जिला स्तरीय तीन दिवसीय गीता जयंती समारोह का समापन इंद्रधनुष ऑडिटोरियम सेक्टर-5 में हुआ। समापन समारोह में मुख्यातिथि हरियाणा विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता रहे। उन्होंने नारियल फोड़कर ऑडिटोरियम से शोभायात्रा का शुभारंभ किया। शोभायात्रा सेक्टर-4, आठ, नौ 10 व 11 होती हुई वापस इंद्रधनुष ऑडिटोरियम में खत्म हुई। शोभायात्रा में विभिन्न धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं की झांकियां भी निकाली गई। गीता सब धर्मों का सार: गुप्ता
ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि पिछले तीन दिनों से गीता जयंती समारोह हरियाणा में ही नहीं अपितु पूरे विश्व में मनाया जा रहा है। कहा कि गीता सब धर्मो का सार है। भगवत गीता की शिक्षाएं न केवल आज प्रासंगिक हैं अपितु आने वाले लाखों सालों तक इसकी शिक्षाओं की प्रासंगिकता यथावत बनी रहेगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भगवत गीता के उत्सव को पूरे विश्व में प्रसिद्ध कर दिया है। इस आयोजन से पंचकूला जिला समेत हरियाणा के लोगों को आर्थिक, सामाजिक व धार्मिक लाभ भी होगा। विद्यार्थियों व कलाकारों ने दी प्रस्तुति
जिला स्तरीय गीता जयंती महोत्स्व के समापन अवसर पर विभिन्न शिक्षण संस्थाओं के छात्र, छात्राओं एवं हरियाणा के लोक कलाकारों ने अपनी कला व संस्कृति की अमिट छाप छोड़ी और माहौल आनंदमयी व गीतामयी बना दिया। उन्होंने अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से गीता के कर्म सिद्धान्त को अपनाने का जन संदेश दिया और लोगों में गीता के प्रति चेतना पैदा की। कार्यक्रम में तहसीलदार पंचकूला वीरेंद्र गिल, डिप्टी डीओ इंदु दहिया, कृष्ण कृपा परिवार के प्रमुख कृष्ण चुघ, संदीप चुघ, भजपा नेता शाम लाल बंसल के अलावा राकेश गुप्ता, बृज लाल, परमिंद्र ढींगरा, माता मनसा देवी के सीईओ एमएस यादव ने शिरकत की। संस्कृति मॉडल स्कूल को पहला पुरस्कार
गीता जयंती महोत्सव में भाग ले रहे स्कूली बच्चों में संस्कृति मॉडल स्कूल को प्रथम पुरस्कार, राजकीय विद्यालय सकेतड़ी को द्वितीय व जैनेंद्र गुरुकुल स्कूल व सार्थक मॉडल स्कूल को तृतीय पुरस्कार की ट्रॉफी से सम्मानित किया गया। गीता जयंती के सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग ले रहे सभी प्रतिभागियों को मोमेंटो देकर सम्मानित किया। इस यात्रा में 251 महिलाएं कलश उठाकर सबसे आगे चल रही थी। उनके पीछे लगभग 15 झांकियां के साथ कई स्कूलों की झांकियां भी इस यात्रा की शोभा बढ़ा रही थी।