हरियाणा कैबिनेट की बैठक में कई निर्णय, डाक्टरों की सेवानिवृति आयु बढ़ी
हरियाणा कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय किए गए। इसमें राज्य के सरकारी डाक्टरों की सेवानिवृति की आयु 65 वर्ष कर दी है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने सरकार ने राज्य के सरकारी डाॅक्टरों की सेवानिवृति की आयु सीमा 65 वर्ष कर दी है। अब तक यह अायु सीमस 58 साल थी। यह फैसला यहां मंगलवार शाम हुई कैबिनेट की बैठक में किया गया। बैठक में कई और महत्वपूर्ण निर्णय किए गए।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित अधिकारियों की एक कमेटी की स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाने की सिफारिशों को स्वीकृति प्रदान की गई। मंत्रिमंडल ने ऐसे डॉक्टर जो हरियाणा सिविल चिकित्सा सेवा से सेवानिवृत्त हुए हैं तथा उनकी आयु 65 वर्ष से कम है, को अपनी पसंद के अस्पताल में कोई भी क्लीनिकल दायित्व निभाने की अनुमति दी है।
कैबिनेट ने इसके लिए उनके अंतिम वेतन में से पेंशन को घटाकर तय नई सैलरी पर पुन: नियुक्त करने के नीतिगत निर्णय को अनुमोदित किया। इसके तहत केवल वे डॉक्टर ही पुन: नियुक्ति के लिए पात्र होंगे, जिनकी आयु 65 वर्ष से कम है और आवेदन भरने की तिथि को 65 वर्ष का होने में कम से कम एक वर्ष रहता हो। उन्हें प्राथमिकता के आधार पर तीन अस्पतालों का नाम देना होगा जहां वे किसी भी स्तर की रिक्ति के लिए क्लीनिकल दायित्व निभाने के लिए नियुक्त होना चाहेंगे।
बैठक में फरीदाबाद और ग्रेटर नोएडा के बीच संयोजिता को सुधारने के मद्देनजर यमुना नदी पर चार मार्गी पुल सहित हरियाणा में फरीदाबाद-जस्साना-चिरसी-मांझावाली-शेखपुर और उत्तर प्रदेश में अट्टा गुजरां को ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस से जोड़ने वाले दो मार्गी सडक़ के निर्माण के लोक निर्माण (भवन एवं सडक़ें) विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई।
इस परियोजना के पूरा होने पर फरीदाबाद और ग्रेटर नोएडा की दूरी 40 किलोमीटर तक कम हो जाएगी। दोनों राज्यों की सीमाओं को जोड़े जाने से फरीदाबाद से दिल्ली होकर नोएडा जाने वाला यातायात कम हो जाएगा। इसके अतिरिक्त, वाहन संचालन लागत में कमी आएगी और साथ ही ईंधन की खपत, रख-रखाव लागत कम होगी और यातायात में समय कम लगेगा। खराब हो जाने वाले माल को शीघ्र लाने ले जाने की सुविधा भी होगी। इससे क्षेत्र का चहुंमुखी विकास भी सुनिश्चित होगा। यह परियोजना सेक्टर-18 के निकट फरीदाबाद बाईपास से शुरू होगी और यमुना एक्सप्रेस वे पर समाप्त होगी।
हरियाणा सरकार ने प्रदेश के भूतपूर्व सैनिकों को और अधिक प्रभावी एवं सक्षम रूप से सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए एक अलग सैनिक कल्याण विभाग स्थापित करने का भी निर्णय किया है। इसमें सैनिकों व अर्द्ध सैनिक बलों के पूर्व कर्मियों के कल्याण के लिए अलग-अलग विंग होंगे।
वर्तमान जिला सैनिक बोर्डों को अब जिला सैनिक कल्याण कार्यालय कहा जाएगा और जिला सैनिक कल्याण अधिकारी अब अतिरिक्त निदेशक सैनिक कल्याण-सह-जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कहे जाएंगे। सैनिक कल्याण विभाग का एक स्वतंत्र प्रशासनिक सचिव होगा तथा इसमें अधिकतर स्टाफ भूतपूर्वक सैनिकों का होगा जो भूतपूर्वक सैनिकों, युद्ध विधवाओं एवं उनके आश्रितों की परेशानियों एवं आवश्यकताओं को बेहतर ढंग से समझते हैं।