हरियाणा शराब घोटाला में SET ने जांच रिपोर्ट सौंपी, गृह विभाग को दी रिपोर्ट
हरियाणा में लॉकडाउन केे दौरान हुए शराब घोटाले की जांच रिपोर्ट आज एसईटी ने राज्य के गृह विभाग को सौंप दी।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा में शराब घोटाले की जांच के लिए बनी विशेष जांच टीम (Special Enquiry Team) ने अपनी रिपोर्ट न सौंप दी है। SET अपनी रिपोर्ट हरियाणा गृह विभाग को सौंपी है। यह घोटाला सोनीपत जिले में कोरोना संकट के दौरान लागू लॉकडाउन के दौरान हुआ था। इसके खुलासे के बाद हरियाणा सरकार ने इस जांच टीम का गठन किया था।
बता दें कि SET के प्रधान सीनियर आइएएस अधिकारी टी सी गुप्ता थे। इस टीम का कार्यकाल पहले दो माह बढ़ाया गया था। इस तीन सदस्यीय जांच टीम के दो अन्य सदस्य वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी अकील मोहम्मद और एडिशनल आबकारी एवं कराधान आयुक्त विजय सिंह हैं। इसका गठन मई में हुआ था और इसे 31 मई तक रिपोर्ट देना थी। बाद में इसका कार्यकाल में दो माह की वृद्धि की गई है। हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने इस जांच कमेटी की घोषणा की थी।
हरियाणा की सियासत में इस शराब घाेटाले के बाद हंगामा मच गया था। आबकारी विभाग का जिम्मा संभाल रहे उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और हरियाणा केे गृहमंत्री अनिल विज के बीच इसके जांच को लेकर खींचतान की चर्चा भी खूब हुई। राज्य केे गृह गृह विभाग और आबकारी विभाग के बीच टकराव की बातें भी कयासबाजी हुई। यह भी कहा गया कि गृहमंत्री अनिल विज SET का प्रधान चर्चित आइएएस अफसर अशोक खेमका को बनाना चाहते थे, लेकिन मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने वरिष्ठ आइएएस अफसर टीसी गुप्ता को यह जिम्मेदारी सौंपी।
बता दें कि सोनीपत के खरखौदा में आबकारी विभाग के गोदाम से शराब की सप्लाइ्र की गई थी। खुलासा हुआ कि शराब की कई राज्यों में सप्लाइ्र की गई। इसको लेकर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के नजदीकी नेताओं पर भी आरोप लगे। हंगामा बढ़ने पर हरियाणा सरकार ने एसईटी के गठन की घोषणा की।
अपनी जांच के दौरान एसईटी ने प्रदेश के सभी जिलों में जांच की और जिला आबकारी एवं काराधान आयुक्तों से एक साल की शराब की सप्लाई की रिपोर्ट तलब की। इसमें शराब के स्टॉक, ठेकेदारों को आबंटित शराब की रिपोर्ट और पकड़ी गई अवैध शराब के बारे में जानकारी ली। इसा मामले में कई आबकारी अधिकारी और पुलिस अधिकारी शक के दायरे में आए।
खरखौदा के साथ-साथ पानीपत के समालखा सहित कइ्र अन्य जिलोें में भी इस तरह के घोटाले की बात सामने आई। जांच के दौरान के एसईटी ने कई जिलोंं में फिजिकल वेरिफिकेशन भी की। माना जा रहा है कि एसईटी की रिपोर्ट से कई सफेदपोश लोगों, शराब माफिया और पुलिस व आबकारी विभाग के कर्मियों पर शिकंजा कसेगा।
बता दें कि शराब घोटाला में जननायक जनता पार्टी के नेता और पूर्व विधायक सतविंद्र राणा सहित कई आरोपिताें को गिरफ्तार किया गया था। राणा को 15 मई काे चंडीगढ़ में हरियाणा एमएलए हॉस्टल से गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला विपक्षी नेताओं के निशाने पर आ गए थे। दुष्यंत पर उनके चाचा इनेलाे नेता अभय सिंह चौटाला खासा हमलावर हाे गए थे।
ऐसे हुआ शराब तस्करी का भंडाफोड़
लॉकडाउन के दौरान खरखौदा स्थित गोदाम से हजारों पेटी शराब गायब हो गई थी। शराब गोदाम की दीवार तोड़कर पेटियां निकाली गई थीं। पक्की दीवार को तोड़े जाने के बाद दोबारा से उसे ईंट और सीमेंट से बंद किया जाता था। दीवार के बिलकुल साथ लगते हाॅलनुमा कमरे में आबकारी विभाग और पुलिस द्वारा पकड़ी गई शराब को सील किया गया था। यह गोदाम सिसाना निवासी भूपेंद्र सिंह व उसके स्वजनों का है। भूपेंद्र सिंह इस शराब तस्करी व घोटाले का मुख्य आरोपित है।
पुलिस अधीक्षक ने एक शिकायत के आधार पर गोदाम में रखी शराब की पेटियों की गिनती कराई तो करीब 55 सौ पेटी शराब गायब मिली थी। इसके बाद ही शराब चोरी का पता चला था। इस पर पांच मई को पुलिस ने भूपेंद्र, उसके भाई सहित चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। दबाव बढ़ने पर भूपेंद्र ने 10 मई की रात को खरखौदा थाने में सरेंडर कर दिया था।
भूपेंद्र ने पुलिस पूछताछ में बताया था कि 18 मार्च को उसकी तस्करी की शराब की 22 सौ पेटी पुलिस ने पकड़ी थीं। एक ट्रक और स्कार्पियो में ये भरी हुई थीं। इस शराब को छुड़ाने की मिलीभगत तत्कालीन इंस्पेक्टर जसबीर सिंह से हुई थी। जसबीर ने एएसआइ जयपाल को मौके पर भेजा था। जयपाल ने इनमें से 11 सौ पेटी निकाल ली थी। उसने भूपेंद्र की बजाय केवल ट्रक चालक पर ही रिपोर्ट दर्ज की गई थी।
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आबकारी विभाग की रखी शराब भी हुई चोरी
खरखौदा में शराब गोदाम से शराब चोरी का मामले सामने आने के बाद आबकारी विभाग भी हरकत में आया था। सामने आया था कि जिस गोदाम से शराब की 55 सौ पेटी गायब हुई हैं, उसी गोदाम में आबकारी विभाग ने भी पकड़ी गई अवैध शराब की 3967 पेटी शराब की रखवाई थी। विभाग ने यह शराब चार फरवरी, 2019 को पकड़ी थी। इसके बाद यहां रखवा दिया था।
खरखौदा थाना पुलिस ने शराब तस्करी के आरोपित भूपेंद्र की शराब पकड़ी थी, जिसे इसी गोदाम में रखवा दिया था। शराब यहां रखवाने के बाद निगरानी के लिए पुलिस भी लगाई गई थी। इसके बाद अब शराब गायब होने का मामला सामने आने के बाद आबकारी विभाग ने अपनी शराब की गिनती की, तो उसमें भी गड़बड़ी मिली है। आबकारी विभाग की ओर से रखी 3967 पेटी शराब में से 2966 पेटियां गायब थी।
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