Haryana Liquor scam: जांच की लक्ष्मण रेखा नहीं लांघ सकी SET, बड़े घोटालेबाजों को फायदा
हरियाणा शराब घोटाले की जांच में एसईटी लक्ष्मणरेखा को नहीं लांध सकी। इसका सीधा लाभ बड़े घोटालेबाजाें को मिला। अब इस मामले में तिनका-तिनका जोड़ने की कोशिश हो रही है।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा में लॉकडाउन के दौरान करोड़ों रुपये की शराब तस्करी और अवैध बिक्री के मामले में बड़े घोटालेबाज विशेष जांच दल (एसईटी) को चकमा दे गए। एसईटी जांच की लक्ष्मणरेखा को नहीं लांघ सकी ओर इसका फायदा बड़ घोटाललेबाजों को मिला। करीब 80 दिन की जांच के बाद एसईटी द्वारा सौंपी गई बीस किलो की भारी-भरकम रिपोर्ट में गृह सचिव विजयवर्धन कुछ खास निकालने की कोशिश में जुटे हैं। गृह मंत्री अनिल विज ने उन्हेंं इस रिपोर्ट का अध्ययन कर शराब की अवैध तस्करी व घोटाले के मुख्य बिंदु निकालने को कहा है, ताकि विपक्ष के हमलों का मजबूती के साथ जवाब दिया जा सके।
एसईटी की भारी-भरकम रिपोर्ट में खास निकालने की कोशिश में जुटे गृहमंत्री विज व गृह सचिव विजयवर्धन
हरियाणा में लॉकडाउन में बड़ा शराब घोटाला हुआ, लेकिन एसईटी इसका बहुत ज्यादा आधार नहीं बना सकी। एसईटी प्रमुख आइएएस त्रिलोक चंद गुप्ता अगले साल मई में रिटायर होने जा रहे हैं। किसी विवाद में पड़ने से बचने के लिए उन्होंने सामान्य जांच रिपोर्ट देकर पूरे प्रकरण से अपना पिंड छुड़ा लिया है। हालांकि उन्हेंं कोई ज्यादा पॉवर भी सरकार की ओर से नहीं दी गई थी। एसईटी को अपने दायरे में रह कर ही जांच करनी पड़ी।
टर्म्स ऑफ रेफरेंस में बंधे रहे जांच दल के हाथ, शराब की अवैध बिक्री की जांच का नहीं मिला था अधिकार
एसईटी ने जांच के दौरान शराब डिस्टलरियों से जुड़े मामलों के आइओ और डीईटीसी को बुलाकर रिकॉर्ड तो मांगा, लेकिन डिस्टलरी तक जांच करने का अधिकार टीम के पास नहीं था। टर्म्स ऑफ रेफरेंस में जांच दल के हाथ बांध दिए गए। एसईटी को कहा गया था कि वह दो सालों में सील किए गए गोदामों के स्टॉक की जांच करे।
इसके अलावा पहली अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2020 तक अवैध रूप से बेची गई या पुलिस और आबकारी महकमे द्वारा जब्त की गई शराब की जांच कर दोनों विभागों की तरफ से की कार्रवाई और जुर्माने की जांच का जिम्मा सौंपा गया। साथ ही एल-वन और एल-13 गोदामों और पुलिस मालखानों से शराब की चोरी के संदर्भ में 15 मार्च से 10 अप्रैल तक दर्ज मामलों को एकत्र करने और उनकी जांच रिपोर्ट की परख करने को कहा गया था। इन तीनों बिंदुओ में शराब की अवैध बिक्री करने या कराने वाले का पता लगाना शामिल नहीं था।
बेलगाम होता चला गया शराब माफिया
एसईटी ने जिला उपायुक्तों की तरफ से कराई गई स्टॉक की जांच रिपोर्ट और आबकारी विभाग की तरफ से कराई जांच की रिपोर्ट मांगी थी। हालांकि शुरू में इसको लेकर ना-नुकर की गई, परंतु बाद में जब यह रिपोर्ट दी गई तो करीब एक करोड़ बोतलों का गोलमाल मिला। कहीं शराब की बोतलें कम थी तो कहीं स्टॉक से ज्यादा। एसईटी की जांच में सामने आया है कि कुछ मामलों में शराब पकड़ के बाद जुर्माना ही नहीं लगाया गया। कई मामलों में तस्करों पर जुर्माना तो लगाया, लेकिन इसे वसूलना भूल गए। इससे शराब माफिया बेलगाम होता चला गया।
आबकारी महकमे के साथ ही पुलिस पर उठे सवाल
आबकारी विभाग से एसईटी खुलकर पूछताछ नहीं कर पाई। जिला आबकारी एवं कराधान आयुक्तों से केवल इतना पूछा गया कि उन्होंने क्या किया और क्या नहीं। क्यों नहीं किया, यह पूछने की पावर कमेटी के पास नहीं थी। इसलिए रिपोर्ट में विभाग के खिलाफ लिखा गया है। पांच बार पत्र लिखने के बावजूद एसईटी को आबकारी विभाग से जो जानकारी चाहिए थी, वह नहीं मिली। सूत्रों के मुताबिक एसईटी ने आबकारी महकमे के साथ ही पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं। एक्साइज विभाग की कमी से शराब की तस्करी हुई, लेकिन सड़कों पर रही पुलिस को भी शराब लाते-ले जाते वाहन नहीं दिखे।
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हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराई जाए जांच : सैलजा
'' भाजपा-जजपा सरकार द्वारा प्रदेश में लॉकडाउन के बीच हुए शराब घोटाले को दबाने का खेल खेला जा रहा है। एसईटी (स्पेशल इंक्वायरी टीम) द्वारा अपनी जांच रिपोर्ट सौंपने के बाद जो बातें सामने आ रही हैं उनसे साफ प्रतीत होता है कि इस घोटाले में शामिल बड़े घोटालेबाजों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। इस शराब घोटाले की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज की देखरेख में कराई जाए, ताकि इस घोटाले में दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।
- कुमारी सैलजा, अध्यक्ष, हरियाणा कांग्रेस।
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'घोटाला दबाओ, क्लीन चिट दिलवाओ मिशन पूरा'
'' लाॅकडाउन में सैकड़ों करोड़ के शराब घोटाले में शराब तस्करी नहीं हुई, नाजायज़ शराब नही बेची गई, किसी शराब तस्कर का कोई क़सूर नही था, कोई नेता-अफ़सर संलिप्त नहीं मिला। ऑपरेशन सक्सेसफ़ुल, पेशेंट डेड। यानी मरीज का ईलाज तो किया मगर मरीज को बचाया नहीं जा सका। आपरेशन कामयाब रहा।
- रणदीप सिंह सुरजेवाला, प्रवक्ता, कांग्रेस।
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'शराब घोटाले में लगे अहम सुराग हाथ'
'' शराब घोटाले में कई अहम सुराग हाथ लगने की जानकारी मिली है। रिपोर्ट भारी भरकम है। इसका अध्ययन किया जा रहा है। अगले दो चार दिन में जो भी स्थिति होगी, उस बारे में सभी को बताया जाएगा। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
- अनिल विज, गृह मंत्री, हरियाणा।