दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर सील करने से उद्यमियों को सताने लगे चिंता, कोरोबार पर असर का अंदेशा
दिल्ली-हरियाणा बार्डर सील होने से हरियाणा और एनसीआर के उद्यमी चिंतित हो गए हैं। उनको आशंका है कि इसका उनका कोरोबार पर असर पड़ेगा।
नई दिल्ली, जेएनएन। हरियाणा और उत्तर प्रदेश के प्रमुख जिलों से लगते दिल्ली बॉर्डर पर सख्ती के चलते एनसीआर के शहरों की आर्थिक गतिविधियों पर एक बार फिर ग्रहण लग गया है। लॉकडाउन-चार में दिल्ली आवागमन सहित अन्य छूट के बाद पिछले एक सप्ताह से एनसीआर के शहरों में आर्थिक गतिविधियों ने कुछ गति पकड़नी शुरू की थी मगर अब हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज के आदेशों से आर्थिक गतिविधियों का पहिया थमने लगा है। इस हालत से हरियाणा और एनसीआर के उद्यमी परेशान हैं और उनको इससे अपने कोरोबार पर असर पड़ने की आशंका है।
बॉर्डर पर सख्ती को दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना बता रहे हैं हरियाणा के उद्यमी
दिल्ली-हरियाणा और इससे पहले दिल्ली- गाजियाबाद बॉर्डर पर सख्ती को एनसीआर के उद्यमियों ने 14 मई को दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा दिए गए आदेश की अवहेलना भी बताया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार के लिखित जवाब के बाद 14 मई को यह आदेश दिया था कि सोनीपत से दिल्ली आवागमन करने वाले लोगों खासतौर पर आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों को जिला प्रशासन आवेदन के 30 मिनट बाद ही ऑनलाइन अनुमति दे। इसके बाद हरियाणा से लगते दिल्ली के तीन प्रमुख बॉर्डर पर पुलिस की सख्ती कम हो गई थी। मगर अब हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने फिर से सख्ती बरतने के आदेश दिए हैं।
बॉर्डर पर सख्ती और लॉकडाउन में छूट को विरोधाभासी बता रहे हैं उद्यमी
गुरुग्राम इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान जेएन मंगला का कहना है कि गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद,नोएडा, सोनीपत, झज्जर जैसे जिलों जो दिल्ली से सटे हैं, उनके लिए लॉकडाउन में छूट बेमायने है जब बॉर्डर पर सख्ती हो। इन जिलों का ही नहीं इन जिलों से जुड़े दूसरे क्षेत्रों के लोग काफी परेशान हो गए हैं। पलवल, फरीदाबाद से दिल्ली आने वाले बॉर्डर पर मथुरा, आगरा, अलीगढ़ से लोग आवागमन करते हैं।
उनका कहना है कि गुरुग्राम, नूंह से दिल्ली बॉर्डर पर आवागमन जयपुर तक से लोग करते हैं। ऐसे ही सोनीपत के कुंडली और बहादुरगढ़ के नजफगढ़ बॉर्डर से चंडीगढ़ व रोहतक,सिरसा सहित राजस्थान के हनुमानगढ़ क्षेत्र से भी लोग दिल्ली आवागमन करते हैं। गाजियाबाद नोएडा की तरफ से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोग दिल्ली आते-जाते हैं।
उन्होंने कहा कि इस सख्ती से न सिर्फ दिल्ली का बल्कि अन्य साथ लगते प्रदेशों का व्यापार भी चौपट हो जाएगा। हम बॉर्डर पर सख्ती को गंभीरता से ले रहे हैं और इस बाबत हमने एनसीआर के प्रमुख औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों से भी बातचीत की है। इसके बाद हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक अपनी बात पहुंचाएंगे।
फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान बीआर भाटिया कहते हैं कि दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद सभी उद्यमियों का यह मानना था कि अब न्यायिक समीक्षा के बाद आदेश हुआ है और इसमें बदलाव नहीं होगा। मगर इस तरह के आदेश से तो आर्थिक गतिविधियां बिल्कुल ठप पड़ जाएंगी। हरियाणा सरकार कोराेना वायरस के बढ़ते पॉजिटिव केसों का जो तर्क दे रही है,उसे खारिज नहीं किया जा सकता मगर कब तक लॉकडाउन की स्थिति बनाए रखनी है। यह सरकार स्पष्ट कर दे।
फार्मा इंडस्ट्रीज से जुड़े उद्यमी नवदीप चावला का कहना है कि सरकार को जब बॉर्डर सील करने हैं तो फिर लॉकडाउन में छूट की बात नहीं करनी चाहिए। लॉकडाउन में छूट के चलते इंडस्ट्री शुरू कर दी जाती है मगर उसमें न तो माल आ पाता है और न ही श्रमिक।
उन्हाेंने कहा कि ऐसे में उद्यमी के सामने उद्योग चलाने के सभी खर्चे मुंह फाड़ लेते हैं। वैसे भी अब लॉकडाउन की स्थिति से ऊपर उठकर लोगों को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए जागरूक करना होगा। लॉकडाउन या बॉर्डर सील करने से कुछ नहीं होगा।
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