यूं ही नहीं फंसा है हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष का पेंच, जानें कैसे नेता की है तलाश
हरियाणा भाजपा के नए अध्यक्ष की नियुक्ति का मामला अभी तक सुलझ नहीं पाया है। दिल्ली और हरियाणा के नेताओं में सहमति नहीं बन पा रही है।
नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। हरियाणा में नए भाजपा अध्यक्ष की नियुक्ति की गुत्थी इसलिए नहीं सुलझ पा रही है, क्योंकि हाईकमान इसके लिए सर्वमान्य नेता की तलाश है। दिल्ली और हरियाणा के नेताओं के बीच किसी एक के नाम पर सहमति नहीं बन पाई। नए अध्यक्ष पद के लिए लॉकडाउन से एक माह पहले हालांकि राष्ट्रीय महामंत्री मुरलीधर राव और राष्ट्रीय मंत्री सुनील देवधर ने फीडबैक के आधार पर नाम केंद्रीय नेतृत्व को सौंप दिए थे, लेकिन कोरोना में उलझा भाजपा नेतृत्व अभी तक हरियाणा को नया अध्यक्ष नहीं दे पाया है।
दिल्ली और हरियाणा के नेताओं के बीच रस्साकशी के बीच हाईकमान को सर्वमान्य नेता की दरकार
इन नेताओं की रिपोर्ट के बाद ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने लॉकडाउन के दौरान उन प्रदेशों में नए अध्यक्ष मनोनीत कर दिए, जहां चुनाव नहीं हो सका था। अब सिर्फ हरियाणा ही ऐसा प्रदेश बचा है जिसमें नए अध्यक्ष की घोषणा बाकी है।
पर्यवेक्षकों ने रायशुमारी लेकर जिन नामों का पैनल हाईकमान को सौंपा था, वे नाम भी राष्ट्रीय नेताओं के गले नहीं उतरे। इनमें मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला, सांसद नायब सैनी और हिसार के विधायक कमल गुप्ता का नाम बताया जाता है, जबकि यही तीनों नाम मुख्यमंत्री मनोहर लाल की भी पसंद हैं।
दिल्ली के नेता चाहते थे कि नया अध्यक्ष ऐसा हो जो राज्य सरकार की छाया से अलग रहकर संगठन को मजबूती दे सके। हरियाणा के नेता चाहते रहे कि सरकार और संगठन के बीच समन्वय बरकरार रखने वाला नेता ही अध्यक्ष बने। मगर जब गृहमंत्री अनिल विज ने यह मुद्दा कोर ग्रुप की बैठक में जोरशोर से उठा दिया तो दिल्ली से लेकर चंडीगढ़ तक नेताओं की सक्रियता बढ़ गई।
---------
बीरेंद्र ने चलाया गुर्जर का नाम, कैप्टन अभिमन्यु भी कम नहीं
बुधवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल जब नए अध्यक्ष पर अंतिम मुहर लगवाने के लिए दिल्ली आए तो उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह से एक घंटे तक विस्तृत विचार विमर्श किया। बीरेंद्र सिंह भी चाहते हैं कि सरकार और संगठन के साथ समन्वय करने वाला नेता ही प्रदेशाध्यक्ष बने।
सूत्रों के अनुसार इसके लिए उन्होंने युवा और किसान वर्ग को नेतृत्व देने वाले नेता के रूप में केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर का नाम सुझाया, जबकि कुछ सूत्र यह भी कहते हैं कि उन्होंने सारा फैसला हाईकमान पर छोड़ देने का सुझाव दिया है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के पास जाने से पहले सायं छह बजे गुर्जर को स्टेट गेस्ट हाउस बातचीत के लिए बुलाया। सूत्रों का यह भी कहना है कि अमित शाह का आशीर्वाद कहीं न कहीं कैप्टन अभिमन्यु पर नजर आता है। ऐसे में अध्यक्ष पद को लेकर किसी की राह आसान नहीं है।
-------------
प्रदेशाध्यक्ष पद को लेकर हुआ प्रमुख घटनाक्रम
20 फरवरी: राष्ट्रीय महामंत्री मुरलीधर राव और मंत्री सुनील देवधर ने दिल्ली व चंडीगढ़ में राज्यस्तरीय नेताओं से प्रदेशाध्यक्ष पद के लिए रायशुमारी की।
22 फरवरी: प्रदेश स्तरीय नेताओं से रायशुमारी की रिपोर्ट राष्ट्रीय महामंत्री मुरलीधर राव और मंत्री सुनील देवधर ने भाजपा हाईकमान को सौंप दी।
22 फरवरी: प्रदेश भाजपा ने जिलाध्यक्षों के लिए रायशुमारी को 22 जिलों में 22 पर्यवेक्षक नियुक्त किए।
15 मार्च: पार्टी संगठन ने जिला पर्यवेक्षकों को रोहतक बुलाकर उनसे जिलाध्यक्षों की रिपोर्ट ली।
27 मई : पार्टी की वीडियो कांन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई कोर ग्रुप की बैठक में गृहमंत्री अनिल विज ने प्रदेश में नए अध्यक्ष बनाए जाने का मुद्दा उठाया।
27 मई : विज ने कहा यदि लॉकडाउन में संगठन होता तो भाजपा ज्यादा बेहतर काम कर सकती थी। इस पर प्रदेश प्रभारी डॉ.अनिल जैन ने स्थिति स्पष्ट की।
27 मई: भाजपा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष ने चंडीगढ़ जाकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल सहित प्रदेश के अन्य वरिष्ठ नेताओं की प्रदेशाध्यक्ष के मुद्दे पर एक बार फिर राय ली।
24 जून: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नाम सौंपा।