हरियाणा में कबूतरबाजों पर शिकंजा, 370 मुकदमे दर्ज, 1.4 करोड़ की नकदी बरामद, 351 गिरफ्तार
हरियाणा में गृह मंत्री अनिल विज द्वारा आइजी भारती अरोड़ा के नेतृत्व में गठित छह एसपी वाली एसआइटी कबूतरबाजोंं तक पहुंंच गई है। पुलिस ने 351 लोगों को गिरफ्तार किया है तथा उनके कब्जे से 1 करोड़ 4 लाख रुपये की नकदी बरामद की गई।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने लोगों को अवैध ढंग से विदेश भेजने वाले ट्रैवल एजेंट (कबूतरबाजों) पर शिकंजा कस दिया है। कोविड के दौरान इस रैकेट का पता तब चला था, जब काम करने के लिए अवैध ढंग से लोग विदेश गए थे, लेकिन हरियाणा सरकार को केंद्रीय विदेश मंत्रालय की मदद से इन लोगों को वापस लाना पड़ा था।
हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने इस पूरे मामले की जांच करनाल रेंज की आइजी भारती अरोड़ा को सौंपी है। कबूतरबाजी और धोखाधड़ी से विदेश भेजने वाले लोगों के खिलाफ अभी तक 370 एफआइआर दर्ज की जा चुकी हैं। इसके तहत आरोपितों की धरपकड़ करते हुए पुलिस ने 351 लोगों को गिरफ्तार किया तथा उनके कब्जे से 1 करोड़ 4 लाख रुपये की नकदी बरामद की गई।
अनिल विज। फाइल फोटो
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज के अनुसार हरियाणा की धरती से कबूतरबाजी जैसे गोरखधंधे को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए राज्य स्तर पर ऐसे मामलों को निगरानी एवं जांच करने के लिए ‘विशेष जांच दल’ का गठन किया जा चुका है। इस दल में एक पुलिस महानिरीक्षक की अध्यक्षता में छह एसपी स्तर के अधिकारियों को शामिल किया गया है।
यह टीम पूरे प्रदेश के युवाओं को धोखाधड़ी से लाखों रुपये ऐंठकर गैरकानूनी तरीके से विदेशों में भेजने वाले कबूतरबाजों की जांच कर रही है। कबूतरबाज विश्व के अनेक देशों में लोगों को नाजायज तौर पर भेजने का काम रहे थे। इनमें अमेरिका, मलेशिया, मैक्सिको और दुबई आदी देश शामिल हैं। उन देशों की सरकार द्वारा वापस भारत भेजे गए लोगों में हरियाणा के कुल 421 नागरिक शामिल हैं।
आइजी भारती अरोड़ा। फाइल फोटो
अनिल विज ने बताया कि टीम को सख्त एवं त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके फलस्वरूप पुलिस ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में छापेमारी की है। इसके तहत विशेष अनुसंधान टीम को पिछले चार महीनों के दौरान 646 शिकायतें प्राप्त हुई है, जिनमें से 370 शिकायतों पर मुकदमे दर्ज किए गए और 276 शिकायतें जांच के लिए संबंधित जिलों में भेजी जा चुकी है।
इस टीम के द्वारा वर्ष 2018 व 2019 में दर्ज हुए 51 मुकदमों और वर्ष 2020 के 370 मुकादमों की जांच कर कुल 351 आरोपितों को गिरफ्तार करने में बडी सफलता प्राप्त की गई है। यह पिछले 12 वर्षों में 24 इमीग्रेशन अधिनियम के तहत गिरफ्तार कुल अभियुक्तों से 94 प्रतिशत अधिक है।
गृह मंत्री के अनुसार करनाल जिले में सबसे अधिक 175 एफआइआर दर्ज हुई हैं। कुरूक्षेत्र में 80, कैथल में 51, अंबाला में 44 तथा भिवानी, दादरी, सिरसा, नारनौल तथा भिवानी में सबसे कम एफआइआर दर्ज हुई है। इनके अलावा अन्य जिलों में इस प्रकार के मामले दर्ज किए गए हैं। अनिल विज ने स्पष्ट किया कि ऐसे कबूतरबाजों को हरियाणा में किसी सूरत में नहीं रहने दिया जाएगा।