हरियाणा में निजी क्षेत्र की नौकरियों में 75 फीसद आरक्षण पर फंसा पेंच, विधानसभा में आएगा बिल
हरियाणा में निजी क्षेत्र में राज्य के युवाओं को 75 फीसद आरक्षण पर पेंच फंस गया है। इस बारे में अध्यादेश राष्ट्रपति के पास है। अब विधानसभा में इस पर बिल लाया जाएगा।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा की पंचायतों में महिलाओं को आरक्षण लगभग पक्का है, जबकि निजी क्षेत्र की नौकरियों में स्थानीय युवाओं को आरक्षण पर अभी पेंच फंसा हुआ है। विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान प्रदेश सरकार दो अहम बिल लाने की तैयारी कर रही है। इसके अलावा भी कई अन्य बिल पारित कराए जाएंगे।
पंचायतों में महिलाओं को आरक्षण पक्का, बिलों के ड्राफ्ट पर मनोहर कैबिनेट लगा चुकी मुहर
पहला बिल पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 50 फीसद आरक्षण का है। वर्तमान में प्रदेश में महिलाओं को पंचायती राज संस्थाओं में 33 फीसद आरक्षण है, जबकि 43 फीसद महिलाएं चुनकर आई हुई हैं। इससे उत्साहित सरकार ने आधिकारिक रूप से महिलाओं को 50 फीसद आरक्षण देने का फैसला लिया है। मनोहर मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव पर मोहर लग चुकी है। अब इसे बिल के रूप में पास कर लागू कर दिया जाएगा। अगले साल फरवरी में होने वाले चुनाव में महिलाओं को इस आरक्षण का लाभ मिलेगा।
नौकरियों में आरक्षण का विधेयक अभी राष्ट्रपति के पास लंबित
दूसरा अहम बिल हरियाणा के युवाओं को उद्योगों में 75 प्रतिशत आरक्षण देने से जुड़ा है। भाजपा ने विधानसभा चुनाव से पहले स्थानीय युवाओं को निजी क्षेत्र में 90 फीसद और जननायक जनता पार्टी ने 75 फीसद आरक्षण देने का वादा किया था। गठबंधन सरकार पिछले दिनों कैबिनेट की बैठक में 75 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला कर चुकी है और विधेयक तैयार कर चुकी है। सरकार इस सत्र में हरियाणा स्टेट इंप्लायमेंट टू लोकल कैंडिडेट्स एक्ट 2020 ला सकती है।
हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार का इससे पहले इस पर एक अध्यादेश जारी करने का फैसला किया था और इसे राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा था। राज्यपाल ने इसे राष्ट्रपति को भेज दिया था। अभी यह राष्ट्रपति के पास विचाराधीन है।
युवाओं के लिए आरक्षण का यह फार्मूला 50 हजार से कम वेतन वाले सभी पदों पर लागू होगा। विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी नहीं मिलने के बाद सरकार अब विधानसभा में इस मुद्दे पर विधेयक लाने की तैयारी कर रही है। इन दो महत्वपूर्ण विधेयकों के अलावा कुछ और बिल इस सत्र में लाए जा सकते हैं।