Move to Jagran APP

हरियाणा में आधार बदलकर करोड़ों का छात्रवृत्ति घोटाला, पांच अफसर सस्पेंड

हरियाणा में आधार बदलकर करोड़ों का छात्रवृत्ति घोटाला हुआ है। मामले में सरकार ने पांच अफसरों को सस्पेंड कर दिया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 06 Apr 2019 01:12 PM (IST)Updated: Sat, 06 Apr 2019 09:08 PM (IST)
हरियाणा में आधार बदलकर करोड़ों का छात्रवृत्ति घोटाला, पांच अफसर सस्पेंड
हरियाणा में आधार बदलकर करोड़ों का छात्रवृत्ति घोटाला, पांच अफसर सस्पेंड

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों के लिए शुरू की गई पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में करोड़ों रुपये का घोटाला उजागर हुआ है। घोटाला भी उस आधार कार्ड के नंबरों को बदलकर किया गया, जिसे भ्रष्टाचार रोकने का बड़ा जरिया बताया जा रहा है। अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्ग कल्याण विभाग के रैकेट ने छात्र-छात्राओं के आधार नंबर बदलकर छात्रवृत्ति घोटाले को अंजाम दिया।

loksabha election banner

फिलहाल सोनीपत जिले के 352 छात्र-छात्राओं के लिए स्वीकृत साढ़े तीन करोड़ रुपये का छात्रवृत्ति घोटाला सामने आया है। चार सदस्यीय जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद विभाग के महानिदेशक संजीव वर्मा ने पांच कर्मचारियों को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए, जबकि दो अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की सिफारिश की गई है। इस घोटाले के तार देश के विभिन्न राज्यों से जुड़े होने की आशंका है।

छात्रवृत्ति घोटाले ने आधार कार्ड की वैधानिकता पर ही सवाल खड़ा कर दिया। आधार कार्ड को पारदर्शिता का बड़ा उदाहरण माना जाता है, लेकिन इसका दुरुपयोग सामने आने के बाद देशभर में नई बहस छिड़ने के आसार बन गए हैैं। पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में हरियाणा में पिछले तीन साल में 236 करोड़ रुपये की राशि जारी हुई है।

महानिदेशक को आशंका है कि आधार नंबर बदलकर छात्रवृत्ति में घोटाले का खेल लंबे समय से खेला जा रहा है। इसमें कई बड़े खिलाड़ी शामिल होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने सरकार को भेजी अपनी रिपोर्ट में हरियाणा के प्रधान महालेखाकार (लेखा परीक्षा) से पिछले तीन साल में जारी हुई राशि का स्पेशल आडिट कराने का सुझाव दिया है।

पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में घोटाले के तार कई सफेदपोशों से जुड़े होने की आशंका के चलते स्टेट विजिलेंस ब्यूरो से भी जांच कराने की सिफारिश की गई है। मनोहर सरकार ने पारदर्शिता अपनाते हुए छात्रवृत्ति का वितरण आनलाइन शुरू किया है, लेकिन घोटालेबाज अफसरों ने छात्रों के आधार नंबर बदलकर सरकार को यहां भी चकमा दे दिया है।

इन अधिकारियों को किया गया निलंबित 

अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्ग कल्याण विभाग के डाटा एंट्री आपरेटर मुख्यालय कुलजीत सिंह, हेड आफिस के लिपिक संजीव कुमार, सहायक रामधारी, सहायक बिलेंद्र सिंह और अकाउंटेंट कम क्लर्क सुरेंद्र कुमार को निलंबित करने के आदेश जारी किए गए हैैं। उप निदेशक कम डीडीओ अनिल कुमार और उप निदेशक (ट्रेनिंग) आरएस सांगवान द्वितीय क्लास आफिसर हैैं। लिहाजा उनके विरुद्ध कार्रवाई सरकार कर सकती है। दोनों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की सिफारिश रिपोर्ट में की गई है।

इस तरह से दिया छात्रवृत्ति घोटाले को अंजाम

सोनीपत जिला कार्यालय की ओर से पहले 170 छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति देने के लिए 1 करोड़ 71 लाख 67 हजार 800 रुपये के प्रस्ताव स्वीकृति के लिए आए। फिर 182 विद्यार्थियों के लिए 1 करोड़ 81 लाख 42 हजार 700 रुपये के प्रस्ताव आए। इस राशि की मंजूरी के बाद ईपीएस बैैंक ने महानिदेशक कार्यालय को सूचित किया कि स्वीकृत राशि को खातों में ट्रांसफर करने के लिए कर्मचारियों ने दूसरे आधार नंबर जोड़ते हुए हेराफेरी की है। आशंका जताई जा रही कि जिन लोगों के आधार कार्ड नए जोड़े गए हैैं, वह रैकेट का एक हिस्सा हैैं।

चार सदस्यीय जांच कमेटी की सिफारिश पर हुई कार्रवाई

SC-BC वेलफेयर डिपार्टमेंट के महानिदेशक संजीव वर्मा ने राज्य मंत्री कृष्ण कुमार बेदी से मंजूरी लेने के बाद चार सदस्यीय जांच कमेटी गठित की। इस कमेटी में शामिल अमिता गोयल, सतनाम खांबरा, मोहित दत्ता और रीतू गुप्ता ने रिपोर्ट दी कि 352 मामलों में सिर्फ सात केस सही हैैं। दो के नाम बदले हुए हैैं मगर उनके आधार नंबर ठीक हैैं। बाकी सभी केस में फ्राड हुआ है। इस जांच रिपोर्ट के आधार पर ही पांच कर्मचारियों को निलंबित किया गया है।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.