खुशखबरी, मृत कर्मचारियों के आश्रितों को फिर मिलेंगी नौकरियां
हरियाणा में एक बार फिर मृत कर्मचारियों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने की व्यवस्था लागू होगी। सीएम मनोहरलाल ने यह घोषणा राज्य विधानसभा में की।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में सरकारी कर्मचारियों की मौत पर उनके आश्रितों को नौकरी देने की व्यवस्था फिर शुरू होने जा रही है। विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने कहा कि यह प्रक्रिया जद ही दोबारा शुरू की जाएगी। इस संबंध में सरकार जल्द अधिसूचना जारी करेगी।
कांग्रेस विधायक कर्ण सिंह दलाल ने विधानसभा में मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी नहीं मिलने का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा कि पहले अनुकंपा के आधार पर नौकरी का प्रावधान था, लेकिन वर्तमान में आश्रितों को सिर्फ पांच लाख रुपये तक की मदद दी जा रही है। सरकार फिर से अनुकंपा नीति को लागू करे। इस पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जवाब दिया कि सरकार इस बारे में विचार कर रही है। जल्द ही अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
पूरा बाजरा खरीदेगी सरकार
कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने बताया कि मंडियों में आने वाला पूरा बाजरा सरकार खरीदेगी। इस साल प्रदेश में साढ़े पांच लाख हेक्टेयर में बाजरे की बिजाई हुई है और करीब 11.28 लाख मीट्रिक टन उत्पादन होने का अनुमान है। भाजपा विधायक डॉ. अभय सिंह यादव के सवाल पर कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने बताया कि 1950 रुपये प्रति क्विटल की दर से बाजरे की खरीद होगी।
यह भी पढ़ें: रेल यात्रियों पर बढ़ा एक और भार, इस सेवा के लिए शुल्क में हुई सात गुनी बढ़ोत्तरी
विधायक निधि पर चुप्पी साध गई मनोहर सरकार
विधायकों को पांच करोड़ रुपये सालाना की निधि देने के सवाल पर भाजपा सरकार ने चुप्पी साध ली है। कांग्रेस विधायक ललित नागर के सवाल पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जवाब दिया कि सरकार ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की कि विधायकों को पांच करोड़ रुपये सालाना अनुदान दिया जाएगा।
यह भी पढ़ें: सीएम मनोहरलाल का मास्टर स्ट्रोक, जींद उपचुनाव की बिछाई बिसात
मुख्यमंत्री ने बताया कि विकास कार्यों के लिए विधायकों की अनुशंसा ग्रामीण विकास के दी जाने वाली राशि में शामिल कर दी जाती हैं। बाद में जब वित्त मंत्री ने विधानसभा में अतिरिक्त बजट प्रावधान के लिए मद रखे तो विधायक ललित नागर ने एक बार फिर यह मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस सहित इनेलो के विधायकों के हाथ उठवाकर इस मांग का समर्थन कराया। हालांकि सरकार ने इस बाबत चुप्पी साध ली।