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हरियाणा लोक सेवा आयोग में चेयरमैन से ज्यादा सदस्यों का वेतन, जानें किसकी कितनी है सैलरी

हरियाणा लोक सेवा आयोग में चेयरमैन का वेतन सदस्यों से कम है। दरअसल आइएफएस अधिकारी रहे आलोक वर्मा की तनख्वाह से एक लाख 12 हजार 200 रुपये की पेंशन काटी जा रही है। आयोग के सदस्यों में सबसे अधिक वेतन नीता खेड़ा का है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 04 Dec 2021 04:27 PM (IST)Updated: Sun, 05 Dec 2021 08:42 AM (IST)
हरियाणा लोक सेवा आयोग में चेयरमैन से ज्यादा सदस्यों का वेतन, जानें किसकी कितनी है सैलरी
एचपीएससी चेयरमैन का वेतन सदस्यों से कम। सांकेतिक फोटो

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) में चेयरमैन से ज्यादा पांचों सदस्यों का वेतन है। भारतीय वन सेवा से सेवानिवृत्त अधिकारी आलोक वर्मा वर्तमान में एचपीएससी के चेयरमैन हैं, जिन्हें हर महीने वेतन-भत्तों में एक लाख 44 हजार 384 रुपये मिलते हैं। इसमें एक लाख 12 हजार 800 रुपये मूल वेतन और महंगाई भत्ता (डीए) 31 हजार 584 रुपये है। आयोग के अन्य सदस्यों को इससे ज्यादा तनख्वाह मिलती है।

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एचपीएससी चेयरमैन का वेतन वैसे तो नियमों के अनुसार प्रदेश के मुख्य सचिव के बराबर है। आयोग के चेयरमैन की तनख्वाह प्रतिमाह दो लाख 25 हजार रुपये होती है। चूंकि आलोक वर्मा को पिछली सेवा के लिए एक लाख 12 हजार 200 रुपये की पेंशन मिलती है, इसलिए यह राशि उनके मूल वेतन से कट जाती है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने सूचना का अधिकार के तहत मिली जानकारी का हवाला देते हुए बताया कि आयोग के सदस्यों में सबसे अधिक वेतन नीता खेड़ा का है जिन्हें तीन लाख चार हजार 272 रुपये मिलते हैं। इसमें दो लाख 11 हजार 300 रुपये मूल वेतन, 59 हजार 164 रुपये महंगाई भत्ता और 33 हजार 808 रुपये हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए ) है।

जय भगवान गोयल का मासिक वेतन दो लाख 70 हजार 464 रुपये है। आयोग के तीसरे सदस्य सुरेंद्र सिंह को दो लाख नौ हजार 24 रुपये वेतन मिलता है। इसमें दो लाख पांच हजार रुपये 100 रुपये के मूल वेतन में से पिछली सरकारी सेवा की पेंशन राशि अर्थात 41 हजार 800 रुपये कट जाती है। इसी तरह डा. पवन कुमार को एक लाख 58 हजार 573 रुपये मासिक मिलते हैं। उनके मूल वेतन अर्थात दो लाख पांच हजार 100 रुपये में से उनकी पिछली सरकारी सेवा के पेंशन के 81 हजार 215 रुपये कट जाते हैं।

इसी साल जुलाई में आयोग के पांचवें सदस्य बने आनंद कुमार को प्रतिमाह एक लाख 71 हजार 72 रुपये मिलते हैं। उनको मिलने वाले मूल वेतन अर्थात एक लाख 82 हज़ार 200 रुपये में से उनकी पिछली सरकारी सेवा के पेंशन के 63 हजार 400 रुपये कट जाते हैं।

हर साल बढ़ जाता आयोग के सदस्यों का वेतन

एडवोकेट हेमंत ने बताया कि आयोग के सदस्यों का वेतन प्रधान सचिव के बराबर होता है। प्रधान सचिव का वेतन निश्चित नहीं होता, बल्कि वह प्रतिमाह एक लाख 82 हजार 200 रुपये और दो लाख 24 हजार 100 रुपये के वेतनमान में होता है। इस आधार पर एचपीएससी के सदस्यों को भी प्रधान सचिव रैंक के सामान उक्त वेतन मान में वार्षिक वेतन वृद्धि के साथ वेतन दिया जा रहा है जो उपयुक्त नहीं है। संवैधानिक पदों पर नियुक्त पदाधिकारियों को निश्चित वेतन प्रदान करने की ही परंपरा रही है। यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग ) के चेयरमैन को वर्तमान में प्रतिमाह दो लाख 50 हजार रुपये जबकि सदस्यों को दो लाख 25 हजार रुपये निश्चित वेतन प्रदान किया जाता है। वर्ष 2018 में एचपीएससी के नए नियम बनने से पहले एचपीएससी के चेयरमैन और सदस्यों का वेतन भी निश्चित होता था।


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