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35 आरडब्ल्यूए को भंग करने की अफवाह से मचा हाहाकार

शहर में बनी विभिन्न 35 रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशनों को भंग करने की अफवाह फैलने के बाद हाहाकार मच गया। सभी एसोसिएशनें एक मंच पर एकत्रित हो गई और नगर निगम प्रशासक को घेरने की तैयारी कर ली।

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Nov 2019 10:33 PM (IST)Updated: Tue, 12 Nov 2019 06:33 AM (IST)
35 आरडब्ल्यूए को भंग करने की अफवाह से मचा हाहाकार
35 आरडब्ल्यूए को भंग करने की अफवाह से मचा हाहाकार

जागरण संवाददाता, पंचकूला : शहर में बनी विभिन्न 35 रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशनों को भंग करने की अफवाह फैलने के बाद हाहाकार मच गया। सभी एसोसिएशनें एक मंच पर एकत्रित हो गई और नगर निगम प्रशासक को घेरने की तैयारी कर ली। परंतु इसी बीच प्रशासक राजेश जोगपाल ने स्पष्ट कर दिया है कि मेरे पास आरडब्ल्यूए को भंग करने का कोई अधिकार नहीं है। किसी ने अफवाह फैला दी है और यह एसोसिएशनें रजिस्ट्रार ऑफिस में रजिस्टर्ड होती हैं, न कि नगर निगम के पास। दो दिन से शहर में अफवाह फैली हुई थी कि 35 रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएसशन को भंग कर दिया गया है। इसके बाद रविवार को शहर की रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएसशन के सदस्य एक मंच पर एकत्रित हुए। उन्होंने एक सुर में नगर निगम प्रशासक का विरोध करते हुए कहा है कि वह इस संबंध में कानूनी नोटिस भेजेंगे और उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा जाएगा। अगर कमिश्नर से माफी न मांगी, तो वह उनका बायकॉट करेंगे

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सेक्टर-10 स्थित निजी होटल में बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें सिटीजन वेलफेयर के अध्यक्ष एसके नैय्यर, डॉ.एसके छाबड़ा, सुनील जैन, सुनील वशिष्ठ, धर्म सिंह हीरा, आरके लूथरा, प्रवीण कटारिया, पुनीत कपूर, विजय कुमार गुप्ता, जीवन अग्रवाल, दीपक अरोड़ा, महेश कालरा, एसके गोयल, रमन जग्गा, नरेश कुमार, सीबी सचदेवा के अलावा विभिन्न सेक्टरों की रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के 16 सदस्यों ने भाग लिया। सभी एकमत होकर इस बात का विरोध किया कि शहर की 35 रेजिडेंट्स वेलफेयर को भंग कर दिया है। निगम प्रशासक के पास कानूनी अधिकार नहीं है कि वे भंग कर सकें। अगर कमिश्नर से इस संबंध में माफी न मांगी, तो वह उनका बायकॉट करेंगे। आरडब्ल्यूए के के पास बजट नहीं जो प्रचार सामग्री बनाकर लोगों को जागरूक कर सकें

सभी सदस्यों का कहना था कि वे शहर के विकास के लिए हर समय सहयोग करते आए हैं लेकिन नगर निगम की ओर शुरू किए कचरा अलग अलग करने की स्कीम में योगदान न देने का आरोप लगाकर प्रशासक 35 वेलफेयरों को भंग करने की बात कह रहे हैं, जोकि गलत है। नगर निगम की ओर से कचरा अलग-अलग करने की स्कीम को सफल न होता देख सारा ठिकरा उनके सिर फोड़ने में लगे हैं। जबकि नगर निगम का काम है कि लोगों को इस स्कीम के बारे में जागरूक करें। आरडब्ल्यूए के सदस्यों के पास बजट नहीं होता कि वे प्रचार सामग्री बनाकर लोगों को जागरूक कर सकें, इसलिए निगम को सहयोग करना चाहिए। उन्हें खुश होती है कि जब वे प्रशासन एवं निगम के कार्य मे हिस्सा बनाते हैं।

मैंने कभी भी आरडब्ल्यूए को भंग करने की बात नहीं कही। मेरे पास कोई कानूनी अधिकार ही नहीं है, ऐसे में विवाद खड़ा होने का सवाल ही पैदा नहीं होता। आरडब्ल्यूए अपने स्तर पर काम करते हैं।

-राजेश जोगपाल, प्रशासक नगर निगम


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