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बड़ा घपला : 90 करोड़ का धान डकार गए राइस मिलर्स, ब्याज सहित रिकवरी करेगी सरकार

हरियाणा में राइस मिलर्स ने चावल बनाने के लिए दिए गए धान में बड़ा घोटाला किया। राइस मिलर्स 90 करोड़ रुपये का धान डकार गए। हरियाणा सरकार अब इस राशि की ब्‍याज सहित वसूली करेगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 09 Jan 2020 08:44 AM (IST)Updated: Thu, 09 Jan 2020 08:44 AM (IST)
बड़ा घपला : 90 करोड़ का धान डकार गए राइस मिलर्स, ब्याज सहित रिकवरी करेगी सरकार
बड़ा घपला : 90 करोड़ का धान डकार गए राइस मिलर्स, ब्याज सहित रिकवरी करेगी सरकार

चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा में धान घोटाले की फाइनल रिपोर्ट आ गई है। प्रदेश की 1304 में से 1207 राइस मिलों में धान का स्टॉक कम मिला है जिसकी कीमत 90 करोड़ रुपये बताई गई है। खाद्य एवं आपूॢत विभाग द्वारा कराए गए दूसरे फिजिकल वेरिफिकेशन के बाद अब सभी 1207 राइस मिलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। सभी मिल मालिकों से रिकवरी के साथ ही बड़े घोटालेबाजों पर एफआइआर दर्ज कराते हुए राइस मिलों को ब्लैक लिस्ट कराने की तैयारी है।

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1207 राइस मिलों में हुआ घोटाला, राइस मिलर्स को दस दिन में देना होगा जवाब

कुरुक्षेत्र में 236, अंबाला में 185, फतेहाबाद में 168, यमुनानगर में 150 और कैथल में 115 मिलों में धान कम मिला है। बुधवार को पत्रकारों से रू-ब-रू अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने बताया कि 15 जिलों में 300 अफसरों और कर्मचारियों की टीमों ने फिजिकल वेरिफिकेशन की रिपोर्ट सौंप दी है। संबंधित जिलों के उपायुक्तों की ओर से मिल मालिकों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया जाएगा।

कुरुक्षेत्र में 236, अंबाला में 185, फतेहाबाद में 168, यमुनानगर में 150 और कैथल में 115 मिलों में कम मिला धान

मिल मालिकों के जवाब का अध्ययन करने और मुख्यमंत्री मनोहर लाल व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से चर्चा के बाद अगला कदम उठाया जाएगा। मिल मालिकों को 64 लाख 400 मीट्रिक टन धान मिलिंग के लिए भेजा गया था। स्टॉक में 42 हजार 589 मीट्रिक टन कम धान मिला है। कई मिलों में स्टॉक से अधिक चावल मिला है, लेकिन विभागीय टीमों ने इसे नजरअंदाज कर दिया।

जिन मिलों में कम स्टॉक मिला है, उनसे सरकार पैसे की रिकवरी करेगी। धान की मूल कीमत के अलावा इसे मंडी से लेकर मिल तक पहुंचाने का खर्चा, आढ़तियों का कमीशन और मार्केट फीस के अलावा ब्याज की भी रिकवरी होगी। ब्याज की रिकवरी भी धान का स्टॉक मिल में पहुंचने के दिन से लेकर रिकवरी वाले दिन तक होगी।

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि तीन तरह की कार्रवाई मिल मालिकों के खिलाफ हो सकती है। पहली धनराशि की रिकवरी, दूसरी मिलों को ब्लैक लिस्ट करने की और तीसरी पुलिस केस दर्ज कराने की। तीनों कार्रवाई एक साथ भी हो सकती है।

अब सरकार ही पहुंचाएगी मिलों तक धान

अभी तक मंडियों से मिलों तक धान लेकर जाने का जिम्मा मिल मालिकों का होता था, लेकिन अब सरकार खुद ही मंडियों से मिलों तक धान की पहुंच सुनिश्चित करेगी। खाद्य एवं आपूॢत विभाग तथा खरीद एजेंसियां कुल खरीदे गए धान का रिकॉर्ड भी अपने पास रखेंगी। सरकारी कांटों पर धान की तुलाई होगी। सरकार खुद ही ट्रक हॉयर कर मंडियों से धान लोड कराएगी और धान को मिलिंग के लिए चावल मिलों तक पहुंचाएगी।

इससे पहले कांटों तक तुलाई होगी और इसकी भी वीडियो रिकार्डिंग होगी।  मिल में किस जगह पर कितना स्टॉक रखा गया है, इसे भी कैमरे में कैद किया जाएगा। सभी ट्रैक जीपीएस सिस्टम से लैस होंगे जिनकी पूरी मॉनिटरिंग चंडीगढ़ मुख्यालय से भी होगी।

कितना कम मिला धान

राइस मिलें     स्टॉक कितना कम

205-             5 मीट्रिक टन

134-             5 से 10 मीट्रिक टन

248-             10 से 25 मीट्रिक टन

325-             25 से 50 मीट्रिक टन

295-             50 मीट्रिक टन


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