ले. जनरल (रि.) पीएन हुन का निधन, सियाचिन की चोटी पर कब्जा करनेे के बाद बने थे 'हीरो'
सियाचीन की चोटी पर कब्जा जमाने वाले लेफ्टिनेंट जनरल ( रिटायर्ड) पीएन हुन का निधन हो गया है। वह 90 वर्ष के थे और काफी समय से बीमार चल रहे थे।
जेएनएन, चंडीगढ़। लेफ्टिनेंट जनरल ( रिटायर्ड) पीएन हुन का गत दिवस निधन हो गया। वह 90 वर्ष के थे और काफी समय से बीमार चल रहे थे। उनका जन्म 4 अक्टूबर 1929 को हुआ था। उनका अंतिम संस्कार आज मंगलवार को चंडीगढ़ के सेक्टर-25 स्थित शमशान घाट मेें अंतिम संस्कार किया गया।
लेफ्टिनेट जनरल पीएन हुन भारतीय सेना और देश का एक जाना पहचाना चेहरा थे। वर्ष 1983 में सियाचिन की चोटी को भारत ने अपने कब्जे में लेने के प्रयास शुरू किए थे। इस चोटी पर पाकिस्तान भी कब्जा करना चाहता था, लेकिन ले. जनरल हुुन को खुफिया सूत्रों से पाकिस्तान की नापाक हरकत की खबर पहले ही मिल गई थी। उसके बाद हुुन के नेतृत्व में भारतीय सेना ने सियाचिन की चोटी पर कब्जा कर लिया था।
रिटायर्ड आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीएन हुुन ने अपनी किताब अनटोल्ड ट्रुथ में दावा किया था कि 1987 में सेना द्वारा राजीव गांधी सरकार के तख्तपलट की साजिश रची गई थी। उस वक्त हुुन पश्चिमी कमांड के प्रमुख थे। इस साजिश में तत्कालीन लेफ्टिनेंट जनरल और बाद में आर्मी चीफ नियुक्त होने वाले जनरल कृष्णास्वामी सुंदरजी और लेफ्टिनेंट जनरल एसएफ रोड्रिग्स भी शामिल थे। इस खुलासे के बाद हुन एक बार फिर सुर्खियों में आ गए थे।
लेफ्टिनेंट जनरल ( रिटायर्ड) पीएन हुन के निधन पर विभिन्न सामाजिक संगठनों व सेना से जुड़े अफसरों ने गहरा शोक व्यक्त किया है। रिटायर्ड अफसरों ने कहा कि हुन रिटायरमेंट के बाद भी सैैैैैन्य अधिकारियों को अपने अनुभवों के आधार पर जानकारियां देते रहे। लेफ्टिनेंट जनरल ( रिटायर्ड) पीएन हुन का आज पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
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