अवैध कालोनियों के निवासियों को मिली बड़ी राहत, एक साल तक बढ़ेंगी सुविधाएं
हरियाणा की मनोहरलाल सरकार ने अवैध कालोनियों के लोगों को बड़ी राहत दी है। राज्य सरकार ने इन कालोनियों में एक साल और सभी सुविधाएं देने की घोषणा की है।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा की मनोहरलाल सरकार ने राज्य विधानसभा के बजट सत्र में तोहफों की बरसात कर दी। सरकार ने अब अवैध कालोनियों के निवासियों को बड़ी राहत दी है। राज्य की 647 अवैध कालोनियों में विकास शुल्क लेकर सुविधाएं उपलब्ध कराने की अवधि एक साल के लिए बढ़ा दी गई है।
विकास शुल्क का भुगतान कर हासिल की जा सकेंगी सुविधाएं
शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन ने एक संशोधन विधेयक के लिए अवैध कालोनियों में सुविधाएं बढ़ाने का समय एक साल के लिए बढ़ाया है। इनमें गुरुग्राम की 17 कालोनियां, अन्य नगर निगमों की 343 कालोनियां, नगर परिषदों की 106 और नगर पालिकाओं की 181 कालोनियां शामिल हैं। शहरी निकाय मंत्री कविता जैन ने कहा कि सरकार के इस निर्णय से 50 प्रतिशत तक बन चुकी अवैध कालोनियों में आधारभूत संरचना तथा मूल सुविधाओं का विस्तार होगा।
श्रमिक कल्याण के लिए फैक्टरी मालिकों से ली जाएगी डबल राशि
सरकार ने श्रमिक कल्याण की योजनाओं में बढ़ोतरी के लिए कर्मचारियों व प्रतिष्ठान मालिकों से अधिक सहयोग लेने का निर्णय लिया है। अभी तक कर्मचारी 25 रुपये मासिक श्रमिक निधि जमा कराते रहे हैैं, मगर अब उन्हें अपने वेतन का 0.2 फीसद अंशदान जमा कराना होगा। सरकार ने पंजाब श्रमिक कल्याण निधि (हरियाणा संशोधन विधेयक) 2019 पेश करते हुए फैक्टरी मालिकों से भी डबल राशि वसूलने का निर्णय लिया है। श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री नायब सिंह सैनी ने संशोधित विधेयक पेश करते हुए कहा कि श्रम कल्याण की योजनाओं को बढ़ाने के लिए इस अंशदान राशि का इस्तेमाल किया जाएगा।
नगर पालिकाओं में छह माह के भीतर कराना होगा प्रधान व उप प्रधान का चुनाव
दूसरी तरफ, सरकार ने मनोरंजन कर वसूलने के लिए अब आबकारी एवं कराधान विभाग की बजाय शहरी निकायों को अधिकृत कर दिया है। शहरी निकाय मंत्री कविता जैन द्वारा प्रस्तुत संशोधन विधेयक में इसकी जानकारी दी गई है और साथ ही बताया गया कि 125 फीसद तक मनोरंजन कर वसूल किया जा सकेगा।
वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने एक नया विधेयक पेश करते हुए बोर्ड एवं निगमों को वित्त प्रबंधन का पारदर्शी सिस्टम अपनाने के लिए कहा है। अब बोर्ड, निगम और सार्वजनिक उपक्रम वित्त खर्च तथा प्रबंधन के लिए सीधे जवाबदेह होंगे, क्योंकि ऐसी संस्थाओं को राशि राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है।
शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन द्वारा प्रस्तुत एक संशोधन विधेयक के अनुसार अब राज्य सरकार ने किसी भी पालिका सदस्य का त्यागपत्र स्वीकृत करने के लिए डीसी को पावर दे दी है। यदि किसी जगह नगर पालिका या परिषद में छह माह के भीतर प्रधान अथवा उप प्रधान का चुनाव नहीं कराया जाता तो उस सदन को भंग समझ लिया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज द्वारा प्रस्तुत एक संशोधन विधेयक के मुताबिक राज्य में अब लैब भी क्लीनिकल एस्टेबलिशमेंट एक्ट के दायरे में आएंगी। अभी तक सरकार ने ५० बिस्तरों तक वाले अस्पतालों को भी इस एक्ट के दायरे में शामिल कर रखा था।