बंदरों से परेशान हैं पंचकूला के लोग, बंदर घर से उठा ले जाते हैं सामान करते हैं हमला
शहर में बंदरों का आतंक दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। लोग घरों से निकलने से भी कतरा ने लगे हैं।
जागरण संवाददाता, पंचकूला : शहर में बंदरों का आतंक दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। लोग घरों से निकलने से भी कतरा ने लगे हैं। मोरनी के जंगलों से बंदर शहर के अलग-अलग सेक्टरों में घुस जाते हैं। यह बंदर सुबह ही लोगों के घरों की छतों पर पहुंच जाते हैं। स्कूली बच्चों पर बंदर हमला कर चुके हैं। लोगों के घरों में तोड़फोड़ कर नुकसान पहुंचाते हैं। लोगों ने इस संबंध में नगर निगम को कई बार शिकायत दी है, लेकिन समस्या हल नहीं हो रही। जिस कारण लोगों में भय का माहौल है।
सेक्टर-7 और एमडीसी में बंदर काफी सक्रिय हैं। यहां पर लोगों की उनके घरों में छत पर लगी पानी की टंकी में बंदरों के नहाने, छत गार्डन पर रखा सामान तोड़ने, कारों की छतों पर उछलकूद से डेंट डालने की शिकायतें आती रही हैं। ये बंदर कई लोगों को काट भी चुके हैं। करीब 30 से 35 बंदर झुंड में घुमते हैं। लोगों के घरों की तारें तोड़ देते हैं। लोग अफसरों को कई बार शिकायत कर चुके हैं। प्रशासन के अफसर कोई ठोस कार्रवाई की बजाए मूक दर्शक बन बैठे हैं। हर बार केवल वादे कर मामला टाल दिया जाता है।
यहां रहती है ज्यादा समस्या
सेक्टर 23 से लेकर 28 में भी दिन के समय निकलने में काफी परेशानी होती है। पता नहीं चलता की कब और किधर से बंदर आ जाए और उन पर हमला कर दे। वहीं शहर में लावारिश पशु गाय, घोड़े, बंदर और कुत्ते लोगों के लिए नासूर बन गए हैं। नगर निगम की ओर से इस मामले में कोई ठोस नीति नहीं अपनाए जाने के कारण शहर में आवारा पशुओं की समस्या दिन दिन बढ़ती जा रही है। माता मनसा देवी कांप्लेक्स रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान विजय गुप्ता ने कहा कि बंदरों के कारण लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। आए दिन बंदर किसी भी समय घर में घुस जाते हैं और सामान उठाकर ले जाते हैं, जिसके लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
सेक्टर-7 निवासी इंदु गर्ग ने कहा कि महिलाओं और बच्चों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। किसी भी समय हमले का खतरा बना रहता है। नगर निगम को बंदरों को पकड़ने के लिए अलग टीम नियुक्त करनी चाहिए।
नगर निगम के कार्यकारी अधिकारी जरनैल सिंह ने कहा कि उनके पास अलग-अलग क्षेत्रों से शिकायत आई है। बंदर पकड़ने के लिए टीम बनाई हुई है, जोकि कई बंदरों को पकड़कर वन्य क्षेत्र में छोड़ चुकी है।