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हरियाणा में खाली हो चुके राहत शिविर, घरों को लौटे साढ़े 11 हजार दूसरे राज्‍यों के श्रमिक

हरियाणा में दूसरे राज्‍यों के श्रमिकों के लिए बनाए गए राहत शिविर खाली हो गए हैं। हरियाणा से इन श्रमिकों को उनके राज्‍यों में पहुंचा दिया गया है

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 28 Apr 2020 10:07 AM (IST)Updated: Tue, 28 Apr 2020 10:07 AM (IST)
हरियाणा में खाली हो चुके राहत शिविर, घरों को लौटे साढ़े 11 हजार दूसरे राज्‍यों के श्रमिक
हरियाणा में खाली हो चुके राहत शिविर, घरों को लौटे साढ़े 11 हजार दूसरे राज्‍यों के श्रमिक

चंडीगढ़, जेएनएन।  हरियाणा के अधिकतर राहत शिविर अब खाली हो गए हैं। प्रदेश के 550 राहत शिविरों में 16 हजार से अधिक कामगार ठहरे हुए थे। इनमें से अधिकतर को उनके मूल प्रदेशों में भिजवा दिया गया है। अधिक दूरी वाले प्रदेशों गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, तमिल नाडु और केरल के लोगों को अगले दो से तीन दिन के भीतर उनके मूल प्रदेशों में भिजवाने का इंतजाम मनोहर सरकार करने वाली है।

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अब लंबी दूरी वाले प्रदेश गुजरात, तमिल नाडु, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र्र के कामगार भेजे जाएंगे वापस

हरियाणा सरकार ने दूसरे प्रदेशों में फंसे अपने कर्मचारियों, कामगारों, छात्रों और व्यापारियों को वापस बुलाने की प्रक्रिया भी तेज कर दी है। राजस्थान के कोटा में फंसे साढ़े आठ सौ छात्र-छात्राओं को वापस बुला लिया गया है। प्रदेश के राहत शिविरों में ठहरे इन कामगारों के खाने-पीने से लेकर उनके मनरंजन और काउंसलिंग की व्यवस्था मनोहर सरकार ने की है। प्रत्येक राहत शिविर में एक टीवी का इंतजाम किया गया, जबकि उनके लिए योग, धार्मिक प्रवचन व इनडोर गेम खेलने का इंतजाम किया गया।

हरियाणा सरकार ने दूसरे प्रदेशों में फंसे अपने लोगों को बुलाने का भी किया इंतजाम

हरियाणा के हर जिले में ऐसी व्यवस्था की गई। करनाल रेंज के जिलों में वहां की आइजी भारती अरोड़ा ने खुद पूरी व्यवस्था पर निगाह रखी। कामगारों और उनके बच्चों के साथ खुद पुलिसकर्मी खेलते नजर आए। पुलिस के इस व्यवहार और बदले आचरण की सोशल मीडिया पर खूब तारीफ हो रही है। दरअसल, कामगारों को यदि समय से राहत शिविरों में नहीं लाया जाता तो हालात बिगड़ सकते थे।

दिल्ली के आनंद विहार में जब 50 हजार लोग इकट्ठा हुए थे, जब हरियाणा ने 700 बसें भेजकर उत्तर प्रदेश के लोगों को उनके प्रदेश में पहुंचाने की व्यवस्था की। इसके बाद बाकी बचे कामगारों को शेल्टर होम में रखा गया। केंद्र ने अब इन कामगारों को उनके मूल प्रदेशों में भेजने का इंतजाम करने की गाइड लाइन जारी की। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के अनुसार उत्तर प्रदेश के 11 हजार 500 लोगों को उनके मूल राज्य में पहुंचा गया गया है। हिमाचल प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड के लोग भी उनके राज्यों में पहुंचा दिए गए हैं।

हरियाणा के लोग उत्तराखंड और राजस्थान से वापस आ चुके हैं। प्रदेश के शेल्टर होम में अब करीब पांच हजार लोगों के रुकने की सूचना है। यह लोग लंबी दूरी वाले प्रदेशों बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिल नाडु, गुजरात और केरल के हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के अनुसार अगले दो चार दिन में इन लोगों को भी उनके प्रदेशों में भेज दिया जाएगा। सरसों काटने के लिए जो मजदूर रुके हुए थे, उन्हें तीन मई के बाद वापस भेजा जाएगा।

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